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निकाय चुनाव में आबादी के हिसाब से खर्च कर सकेंगे उम्मीदवार, सरकार ने तय की लिमिट, पिछली बार से 3 लाख ज्यादा बढ़ी राशि
रायपुर: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। चुनाव में मेयर कितना पैसा खर्च कर सकते हैं इसकी सीमा तय कर दी गई है। निकाय चुनावों को लेकर पार्षदों और नगर पालिक के लिए चुनाव खर्च की सीमा की अधिसूचना को राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है। चुनाव खर्च की सीमा तय करने से एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने निकाय-निगमों के विकास के लिए 88 करोड़ रुपए का फंड जारी किया है।
कितनी है खर्च लिमिट
खर्च की सीमा अभी सिर्फ पार्षदों के लिए तय की गई है। सरकार ने इस बार आबादी के हिसाब से खर्च की सीमा तय की है। ऐसे नगर निगम जहां 2011 की जनगणना के अनुसार, आबादी 3 लाख से ज्यादा है वहां उम्मीदवार 8 लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं। जिन नगर निगम की आबादी 3 लाख से कम है वहां के उम्मीदवार 5 लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं। वहीं, नगर पालिका के पार्षद 2 लाख और नगर पंचायत में पार्षद पद के उम्मीदवार 75 हजार रुपये खर्च कर सकते हैं।
पहले कितनी थी लिमिट
पहले नगर निगम के पार्षदों के लिए खर्च की सीमा पांच लाख रुपये थे। वहीं, तीन लाख से कम आबादी वाले नगर निगम में खर्च की सीमा 3 लाख रुपये थे। वहीं, नगर पालिका में 1 लाख 50 हजार जबकि नगर पंचायत के लिए 50 हजार रुपये तय किए गए थे।
जल्द लग सकती है आचार संहिता
पार्षदों के चुनावी खर्च की लिमिट तय होने के बाद माना जा रहा है कि राज्य में निकाय चुनाव के लिए आचार संहिता जल्द लागू हो सकती है। 20 दिसंबर को विधानसभा का शीतकालीन सत्र समाप्त हो रहा है। माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र की समाप्ति के बाद आचार संहिता की घोषणा की जा सकती है।
आरक्षण की प्रक्रिया जारी
राज्य में नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण की प्रक्रिया भी जारी कर दी गई है। राज्य में पार्षदों और नगर पालिका अध्यक्ष का आरक्षण जिला कलेक्टर करेंगे। वहीं, मेयर के लिए आरक्षण राजधानी रायपुर में होगा।
इस बार जनता चुनेगी मेयर
छत्तीसगढ़ में इस बार जनता सीधे मेयर चुनेगी। सरकार ने भूपेश बघेल के अप्रत्यक्ष मेयर चुनने के फैसले को पलट दिया है। इस बार मेयर के लिए भी वोटिंग होगी। इससे पहले भूपेश बघेल ने अप्रत्यक्ष तरीके से मेयर का चुनाव कराया था।