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- ‘बंगीय साहित्य संस्था’ के त त्वाधान में प्रति सप्ताह आयोजित ‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-65’ में इस सप्ताह शामिल हुए- स्मृति दत्ता, दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल, प्रदीप भट्टाचार्य, सोमाली शर्मा, बृजेश मल्लिक और आलोक कुमार चंदा
‘बंगीय साहित्य संस्था’ के त त्वाधान में प्रति सप्ताह आयोजित ‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-65’ में इस सप्ताह शामिल हुए- स्मृति दत्ता, दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल, प्रदीप भट्टाचार्य, सोमाली शर्मा, बृजेश मल्लिक और आलोक कुमार चंदा
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [भिलाई निवास कॉफी हाउस : 14 दिसम्बर 2024]
‘बंगीय साहित्य संस्था’ की स्थापना आज से 60 वर्ष पूर्व बांग्ला संस्कृति व साहित्य के उत्थान के उद्देश्य एवं परिकल्पना को लेकर कोलकाता से आए इस्पात नगरी में बांग्ला के चर्चित लेखक व कवि स्व.शिबव्रत देबानजी एवं डॉ.भवानीप्रसाद मुखर्जी ने की थी. वर्तमान में इस संस्था की सभापति श्रीमती बानी चक्रवर्ती और महासचिव शुभेंदु बागची हैं. संस्था के सौजन्य से एक साहित्यिक बांग्ला भाषा में प्रकाशित पत्रिका ‘मध्यबलय’ का भी नियमित प्रकाशन किया जा रहा है. हाल ही ‘मध्यबलय-58’ पूजा व शार दीय अंक का लोकार्पण 7 दिसम्बर को आड्डा-64 में किया गया. ‘मध्यबलय’ के संपादक हैं, बांग्ला के चर्चित कवि दुलाल समाद्दार.
‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-65’ में शामिल हुए-
* ‘बंगीय साहित्य संस्था’ की उप सभापति एवं देश की चर्चित बांग्ला लेखिका श्रीमती स्मृति दत्ता.
* ‘मध्यबलय’ के संपादक दुलाल समाद्दार.
* ‘बंगीय साहित्य संस्था’ के उप सचिव एवं बांग्ला-हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि,नाट्यकार प्रकाशचंद्र मण्डल.
* ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक व प्रगतिशील कवि प्रदीप भट्टाचार्य.
* बांग्ला कवयित्री श्रीमती सोमाली शर्मा.
* समाजसेवी व साहित्यिक चिंतक आलोक कुमार चंदा.
और
* बांग्ला-हिंदी के राष्ट्रवादी कवि बृजेश मल्लिक.
विचार-विमर्श एवं काव्य पाठ के पूर्व सदस्यों ने सोमाली शर्मा का जन्मोउत्सव शुभकामना व पुष्प गुच्छ देकर मनाया. प्रकाशचंद्र मण्डल ने सोमाली शर्मा की साहित्यिक जीवन परिचय और उनके कृतियों का उल्लेख करते हुए उन्हें देश की संभावना शील कवयित्री बताया और स्मृति दत्ता ने सोमाली शर्मा के जन्मदिन पर एक कविता ‘सोमाली..ओ..सोमाली…’ का पाठ किया.
• स्मृति दत्ता, दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल, सोमाली शर्मा, बृजेश मल्लिक, आलोक कुमार चंदा और प्रदीप भट्टाचार्य द्वारा कविता पाठ किया गया.
• सोमाली शर्मा ने ‘ख्याली मॉन’… व ‘हेमंत र पड़ोस’
• स्मृति दत्ता ने ‘फेसबुक’ की घटनाओं का चित्रण
• दुलाल समाद्दार ने ‘हारमोनिय’ और ‘, ‘चख्सु शूल’
• प्रकाशचंद्र मण्डल ने ‘वक्र रेखा’/’माथा चिबाए कबिता’ और ‘माँ’
• प्रदीप भट्टाचार्य ने हिंदी में एक कविता ‘तू शब्द’
• बृजेश मल्लिक ने नजूल कविता ‘पोथ हारा’ और ‘ मेरा गाँव मेरा बचपन’
• आलोक कुमार चंदा ने ‘खिचुड़ी’ [मूल कवि वासुदेव भट्टाचार्य] और ‘आईना – र – मुखो मुखी’ [मूल कवि गोविंद पाल]
‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार- विमर्श आड्डा-65’ की अध्यक्षता स्मृति दत्ता, संचालन प्रकाशचंद्र मण्डल और आभार व्यक्त बृजेश मल्लिक ने किया.
[ • रपट,प्रदीप भट्टाचार्य एवं फोटो क्लिक,दुलाल समाद्दार ]
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