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नई शिक्षा नीति 2020 के साथ सामंजस्य स्थापित करती एक अनूठी पुस्तक ‘माइकोलॉजी और प्लांट पैथोलॉजी’ : यह पुस्तक छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में लागू
‘माइकोलॉजी और प्लांट पैथोलॉजी’ – नई शिक्षा नीति 2020 के साथ सामंजस्य स्थापित करती एक अनूठी पुस्तक वर्ष 2024-25 से छत्तीसगढ़ के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में नई शिक्षा नीति के तहत पाठयक्रम लागू हो गया है। नई शिक्षा नीति में पाठयक्रम सैधांतिक एवं व्याहारिक ज्ञान प्रणाली पर आधारित है इस परिप्रेक्ष्य में स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. शमा अफरोज बेग एवं डॉ. नीना बागची द्वारा “माइकोलॉजी और प्लांट पैथोलॉजी” पुस्तक लिखी गयी है जो नई शिक्षा नीति 2020 के साथ सामंजस्य स्थापित करती एक अनूठी पुस्तक है। यह पुस्तक फंगल जीवविज्ञान और पौधों के रोग विज्ञान पर आधारित है जिसमें शैक्षणिक दृष्टिकोण से समृद्ध सामग्री, व्यावहारिक ज्ञान और नई शिक्षा नीति की मूलभूत नीतियों का समावेश किया गया है।
यह पुस्तक चार व्यापक खंडों में विभाजित है : माइकोलॉजी (फंगस का अध्ययन) – फंगस की संरचना, पोषण और प्रजनन की विस्तृत व्याख्या। प्रमुख फंगल प्रजातियां – कृषि और औद्योगिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण फंगल प्रकार। फंगल जैव प्रौद्योगिकी – फंगस के उपयोग जैसे जैव उर्वरक, एंजाइम उत्पादन और माईकोटॉक्सिन। प्लांट पैथोलॉजी (पौधों के रोग) – पौधों के रोगों के कारण, लक्षण और नियंत्रण के व्यावहारिक तरीके।
नई शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा देना, छात्रों में अनुसंधान की भावना जागृत करना और उन्हें रोजगारोन्मुख बनाना है। इस परिप्रेक्ष्य में यह पुस्तक अंतर-विषयक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करती है, प्रायोगिक अभ्यास और परियोजनाएं शामिल हैं, जो छात्रों को शोध आधारित अध्ययन में मदद करती हैं। कृषि, जैव प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विज्ञान जैसे क्षेत्रों में प्रैक्टिकल अनुप्रयोगों पर जोर दिया गया है।
पुस्तक में प्रश्न और अभ्यास, हर अध्याय के अंत में दिए गए अभ्यास और वस्तुनिष्ठ प्रश्न छात्रों को परीक्षा की तैयारी में मदद करेंगे। दृश्य सामग्री: फंगस की संरचना, रोग चक्र, और प्लांट पैथोलॉजी के सिद्धांतों को समझाने के लिए सरल और रंगीन चित्र दिए गए है। कुंजी शब्द और त्वरित संदर्भ : महत्वपूर्ण परिभाषाओं और अवधारणाओं के लिए एक अलग खंड है।
पुस्तक की लेखिका डॉ. शमा ए बेग ने कहा, “यह पुस्तक केवल शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों को कृषि और पर्यावरण प्रबंधन में व्यावहारिक समाधान खोजने में मदद करेगी। एनईपी 2020 के सिद्धांतों का पालन करते हुए हमने इसे छात्र-हितैषी और व्यावहारिक बनाया है। यह पुस्तक अब बाजार और ऑनलाइन स्टोर्स पर उपलब्ध है। इसे विज्ञान के छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है।
प्राध्यापकों की इस उपलब्धि पर श्री गंगाजली शिक्षण समिति के चेयरमेन श्री आई पी मिश्रा, महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा एवं डॉ. मोनिशा शर्मा तथा प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने बधाई दी।
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