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- ‘भारतीय सांस्कृतिक न्यास’ दुर्ग-भिलाई : राष्ट्रीय पोस्टर चित्र कला, परिचर्चा और सम्मान : पद्मश्री डोमार सिंह कुंवर और लोक संस्कृति अध्येता डॉ. सविता साहू ने नाचा-गम्मत विधा एवं आदिवासी विषयक पर उद्बोधन दिया
‘भारतीय सांस्कृतिक न्यास’ दुर्ग-भिलाई : राष्ट्रीय पोस्टर चित्र कला, परिचर्चा और सम्मान : पद्मश्री डोमार सिंह कुंवर और लोक संस्कृति अध्येता डॉ. सविता साहू ने नाचा-गम्मत विधा एवं आदिवासी विषयक पर उद्बोधन दिया
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [भिलाई]
भिलाई : 55 वर्षों से नाचा की साधना कर रहे छत्तीसगढ़ के 78 वर्षीय लोकप्रिय कलाकार पद्मश्री डोमार सिंह कुंवर का भारतीय सांस्कृतिक न्यास के दुर्ग-भिलाई अध्याय द्वारा सम्मान किया गया । इस अवसर पर लोक संस्कृति अध्येता डॉ सविता साहू ने मुख्य वक्ता के रूप में छत्तीसगढ़ की लोक परम्पराओं व पर्वों पर प्रकाश डाला। शिक्षाविद् डा डी एन शर्मा ने कार्यक्रम कि अध्यक्षता की l शंकराचार्य विद्यालय के प्राचार्य अमिताभ दास विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए।
स्कूली विद्यार्थियों के लिए भारतीय सांस्कृतिक न्यास द्वारा आंचलिक परंपराओं, पर्वों, अनुष्ठानों व सांस्कृतिक विविधता विषयक आयोजित राष्ट्रीय पोस्टर चित्रकला व आलेख स्पर्धा के अवसर पर आयोजित परिचर्चा में मुख्य अतिथि पद्मश्री डोमार सिंह कुंवर ने नाचा-गम्मत विधा के विषय में चर्चा की l उन्होंने नाचा द्वारा मनोरंजन के साथ साथ सामाजिक संदेशों के जनसामान्य तक संप्रेषण के तरीकों को अपनी प्रस्तुतियां से बतलाया।
अध्येता डॉ सरिता साहू ने आदिवासियों द्वारा अपने तीज-त्योहारों, विवाह पद्धतियों में पेड़ों के पूजन व उपयोग संबंधित महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रकृति के संरक्षण में उनकी उल्लेखनीय भूमिका की चर्चा की l छर-छेरा, भोजली जैसी किसानों से जुड़ी विभिन्न परंपराओं के विषय में जानकारी दी l उन्होंने आगे बतलाया कि भोजली केवल सदभाव व भाईचारे का सांस्कृतिक प्रतीक ही नहीं है बल्कि बीजों को भोजली में जागृत कर फ़सल कैसी होगी, यह जानने का एक तरीका रहा है l
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद डॉ डी एन शर्मा ने पद्मश्री डोमार के दुर्ग जिले में चले साक्षरता अभियान के कला जत्थों में उनकी नेतृत्वकारी भूमिका की चर्चा की l उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे छत्तीसगढ़ की लोक परंपराओं, उत्सवों, पर्वों, व्यंजनों, सामाजिक अनुष्ठानों व लोक कलाओं को जानने के हर संभव प्रयास करें।
पोस्टर व आलेख स्पर्धा में डीपीएस रिसाली, शंकराचार्य विद्यालय हुडको, एंजल वैली स्कूल, विद्या निकेतन हुडको, सुभाष विधा मंदिर दुर्ग के 50 चयनित विद्यार्थियों ने अपनी सहभागिता दी और छत्तीसगढ़ की विभिन्न सामाजिक परंपराओं, पर्वों, लोक कला की विधाओं व संस्कारों पर तात्कालिक चित्र बनाए और आलेख लिखे।
कार्यक्रम की संयोजक तथा भारतीय सांस्कृतिक न्यास की भिलाई दुर्ग अध्याय की संयोजिका डॉ हंसा शुक्ला ने कार्यक्रम का संयोजन करते हुए चित्रकला वह आलेख स्पर्धा के नियमों की जानकारी दी तथा स्पर्धा के उद्देश्यों को स्पष्ट किया.
इस अवसर पर अध्याय की सह संयोजिका विद्या गुप्ता, कांतिभाई सोलंकी, डॉ रजनी नेलसन, महेंद्र देवांगन, विश्वास तिवारी, ज़ाकिर हुसैन व शिक्षकगण उपस्थित रहे।
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