कविता
●वैक्सीन लगाना
●गोविंद पाल
वैक्सीन लगाना
किसी इंसान की शारीरिक मृत्यु पर
मुझे उतना दुःख नहीं होता
जितना इंसानियत की मृत्यु पर
किसी देह की मृत्यु कुछ पल
कुछ घंटे, कुछ दिन या कुछ सालों का मृत्यु है
पर इंसानियत की मृत्यु
एक युग, एक सभ्यताया
हजारों वर्षों की मृत्यु है,
किसी इंसान के मृत्यु
शाश्वत व सत्य है
पर इंसानियत की मृत्यु
सत्य की मृत्यु है,
मां की कोख में
कन्या भ्रूण का कत्ल करना
हजारों वर्षों का
मानवीय सभ्यता का कत्ल है,
बूढ़े मां बाप को वृद्धा श्रम भेजना
हजारों लाखों वर्षों के
रिश्तों की बुनियादों का
ध्वस्त हो जाना,
अमृताप्रीतम, निर्मलवर्मा, नेमीचंद
कमलेश्वर, सुनिल गंगोपाध्याय आदि
साहित्य कार व वुद्धिजीवियों की मृत्यु की खबरों से
फिल्मिनायक – नायिकाओं के जन्मदिन की खबर
महत्वपूर्ण हो जाना
हजारों वर्षों के वौद्धिक विचारों को
दरकिनार कर पंगु बना देना,
हवश मिटाने
नारी जाति का बलात्कार करना
एक ही झटके में
लाखों वर्षों की सभ्यताओं का गला घोंटना,
इसी तरह इंसानियत और स्वास्थ्य विचारों की मृत्यु
संपूर्ण मानव प्रजाति का मृत्यु है
आज जरूरत है
लोगों में कोरोना के वैक्सीन से ज्यादा
स्वास्थ्यव वौद्धिक विचारों का वैक्सीन लगाना।
[ गोविंद पाल की अबतक ‘परमात्मा के खिलाफ’,कविता संग्रह. ‘मुन्ना बोला’,बाल कविता संग्रह. ‘हांटूर नीचएर मानुष’,बांग्ला कविता संग्रह. ‘चिंटू का वादा’,बाल कहानी संग्रह. ‘टकला बाबा’,बाल नाटक संग्रह. ‘बोनसाई’,कविता संग्रह.
प्रकाशित हो चुकी है. बाल कवि के रूप में देश में चर्चित गोविंद पाल को 2 अक्टूबर 2019 को भीलवाड़ा, राजस्थान में बाल साहित्य लेखन के प्रति समग्र योगदान के लिए’राष्ट्रीय बाल वाटिका’सृजन सम्मान से सम्मानित किया गया. गोविंद पाल ‘छत्तीसगढ़ आसपास’,प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल पत्रिका में संपादकीय बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के सदस्य हैं. कोरोना वैक्सीन पर उनकी नई मौलिक कविता ‘वैक्सीन लगाना’ आज़ हमारे वीवर्स के लिए प्रस्तुत है, कैसी लगी,प्रतिक्रिया से अवगत करायें. -संपादक
●कवि संपर्क-
●07587168903 ]