बस्तर आसपास
●बर्ड फ्लू का मामला
●दन्तेवाड़ा में बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं
●जिला कलेक्टर, दीपक सोनी के मार्गदर्शन में जांच
बस्तर । दन्तेवाड़ा । देश में कुछ राज्यों के पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद राज्य में भी सावधानी बरती जा रही है। राज्य शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर श्री दीपक सोनी के मार्गदर्शन में आज पोल्ट्री फार्म से पशुधन विकास विभाग एवं खाद्य सुरक्षा की संयुक्त टीम के द्वारा देशी, ब्रायलर चिकन के साथ बत्तख के ट्राईकल स्वैप और सीरम का सैंपल कलेक्ट किया गया, जिसे रायपुर स्थित स्टेट लैब में भेजा जाएगा।
फूड सेफ्टी ऑफिसर श्री सुष्मित देवांगन ने सभी पोल्ट्री केन्द्रों के लाइसेंस तथा अन्य आवश्यक दस्तावेजों की जांच की ।
उप संचालक पशुधन विकास विभाग डॉ. अजमेर कुशवाहा ने बताया कि कुक्कुट पालन केंद्र के चारों ओर चूना के अलावा दवाओं का छिड़काव किया गया है। कर्मचारियों को भी पूरी सुरक्षा के बीच मुर्गों आदि की देखभाल व भोजन देने के निर्देश दिए हैं। हालांकि यहां बर्ड फ्लू की आशंका न के बराबर हैं। दूसरे राज्यों से बर्ड सप्लाई पर पूरी तरह से पाबन्दी लगा दी गई है।
एवियन इन्फ्लूएंजा या एवियन फ्लू को बर्ड फ्लू कहा जाता है। बर्ड फ्लू पक्षियों से फैलने वाला रोग है। संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने से यह रोग इंसानों को हो जाता है चाहे पक्षी मरा हो या जिंदा हो दोनो से ही रोग फैलने का खतरा रहता है। बर्ड फ्लू के लिए एच5एन1 वायरस जिम्मेदार होता है। संक्रमित पक्षी को खाने से भी यह रोग हो सकता है। अगर आप पानी में तैर रहे हैं और उस पानी में कोई संक्रमित पक्षी भी रहा है तो इससे भी बर्ड फ्लू हो सकता है।
बर्ड फ्लू एक खास तरह का श्वास रोग होता है यह रोग इतना खतरनाक होता है कि इससे संक्रमित व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इस रोग में गले में खराश, खांसी, निमोनिया, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
बर्ड फ्लू से बचने के लिए एक ही तरीका है कि मरे हुए और संक्रमित पक्षियों से दूर रहे हैं और जिन लोगों को यह रोग हुआ है उनसे भी थोड़ी दूरी बना कर रखें और हेल्दी डायट लेकर आराम करें।
[ शहनवाज़ खान,बस्तर हेड,’छत्तीसगढ़ आसपास’. प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर, छत्तीसगढ़. ]