गुजरात आसपास
●पारुल विश्वविद्यालय, वड़ोदरा में वेबिनार
●विषय- ‘पैरा साई क्लाजी सम प्रोस पेक्टिव
●नरेश कुमार, इंडिपेंडेंट पेरा साइक्लोजिकल रिसर्चर.
गुजरात । वड़ोदरा । वड़ोदरा स्थित पारूल विष्वविद्यालय में संचालित फेकल्टी ऑफ आर्टस, पारूल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्टस के तहत संचालित डिपार्टमेंट ऑफ साईक्लॉजी की आरे से विगत दिनों पैरासाईक्लॉजी सम प्रोसपेक्टिव विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार के मुख्य अतिथि, इनडिपेंडेंट पेरा साइक्लोजिकल रिसर्चर नरेष कुमार ने फेकल्टी सदस्यों, विद्यार्थियों एवं प्रतिभागियों को संबोधित किया।
नरेष कुमार ने पैरासाईक्लॉजी सम प्रोसपेक्टिव विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुये उन्होंने पैरा साइक्लॉजी को समझााते हुये पैरानार्मल इंसिडेंट के बारे में जानकारी दी। इससे पहले पेरा साइक्लोजी के इजिहास पर विस्तार से प्रकाष डाला। पैरासाईक्लोजी के फायदे भी बताये तो भारतीय विष्वविद्यालयों में पैरा साईक्लॉजी के अध्ययन अध्यापन पर भी चर्चा की। उन्होंने टेली पेथी, रिमोट व्यूविंग, क्लेविोयंस, प्रिकोजिनेषन एवं प्रिमोषन, साइकोकीनिज, आउट ऑफ बॉडी एक्सपिरियंस- ओबीई, आफटर डेथ कम्यूनिकेषन, यूएस में स्प्रीच्युअल मुवमेंटस, जेम्स थ्योरी, सर्वाइवल ऑफटर डेथ, सुपर पीएसआई थ्योरी, रेडिकल सरवीवलिज्म थ्योरी, इनर्जी सरवाईवल थ्योरी, मेटा एनालेसिस के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने पैरा साईक्लोजी के शोध से फायदों के बारे में चर्चा की एवं इसे स्टार गेट ऑपरेषन में उपयोगिता सहित अनेक फायदों के बारे में जानकारी दी। अंत में उन्होंने वैष्वीक स्तर पर विभिन्न विष्वविद्यालयों में पैरासाईकलॉजी के पाठ्यक्रमों के संचालन पर भी अपने वचिार व्यक्त किये।
पारूल विष्विद्यालय के डीन, फेकल्टी ऑफ आर्टस, प्रिंसिपल पारूल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्टस एवं प्रोफेसर जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेषन, प्रो. डॉ. रमेष कुमार रावत ने वेबीनार के आरंभ में नरेष कुमार का स्वागत उद्बोधन के माध्यम से स्वागत किया एवं वेबीनार के अन्त में आभार जताया। वेबीनार में देष के विभिन्न प्रदषों से सैकंडो विद्यार्थियों, षिक्षकों, शोधार्थियों एवं पत्रकारों ने भाग लिया।
[ ●न्यूज़ डेस्क,’छत्तीसगढ़ आसपास’. ●प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर,छत्तीसगढ़.]
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