सिनेमा आसपास
●खलनायकों के बादशाह-प्राण
[ 12 फ़रवरी जन्मदिन पर विशेष]
-जयदेब गुप्ता मनोज़
धनबाद, झारखंड
बतौर फोटोग्राफऱ अपना कैरियर शुरू करनेवाले प्राण किशन सिकंत 1940 एक पान दुकान मे खडे थे वहा से गुजर रहे मो,वली साहब की नजर पडी तो उन्होने उस युवक के पास पहूंच कर बातचीत करने लगे बातचीत के क्रम मे वली साहब ने प्राण से कहा तुम इतने खुबसुरत हो फिल्मो मे काम कयो नही करते ,
वली साहब ने सुझाव को मद्देनजर रखते हूए प्राण ने हामी भर दी।वली साहब उस समय एक पंजाबी फिल्म यमला जटबना रहे थे उन्होने तुरन्त प्राण को अपनी फिल्म मे अभिनय करने का मौका दिया फिल्म प्रदर्शित होने के बाद प्राण को कोई खाश सफलता नही मिली।
इसके बाद 1942 मे फिल्मखानदान आई इस फिल्म मे कुछ पहचान होने के बाद 1945 मे शुक्ला सिकंद से विवाह करने के बाद बम्बईचले आए।
1948*जिद्दी*
1950*शीशमहल*
1951*अफसाना*
1953*बिराज बहू,ओर लकीरे
1954*पिलपिली साहब*
1955* मे प्राण को चार फिल्म मिली थी।कुन्दन,मुनीम जी,पहली झलकओर आजाद
1956 मे दो फिल्मचोरी चोरी ओर इंसपेक्टर
1957 मे तीन फिल्मेमिस्टर एक्सझलक ओर *आशा
1958* अमर दीप ओर सलील चौधरी की संगीत से सजी दिलीप कुमार, बैजंतीमाला अभिनीतमधुमती
1949 मे दो फिल्मप्यार की राहे ओर बेदर्द जमाना कया जाने,
1960*महलो के ख्वाब,मा_बापछलिया ओर जिस देशमे गंगा बहती है
1962*मनमौजी,झूला,दिल तेरा दीवाना ओर हरफन मौला कलाकारकिशोर कुमार ओर मधुबाला अभिनीत मशहूर फिल्महाफ टिकट इस फिल्म मे प्राण साहब ने किशोर कुमार के साथ खुब मस्ती की थी एक मशहूर गीत मे दोनो कलाकार हंसते,नॉचते,ठुमका लगाते ओर गाते नजर आएंगे।
1963*दिल ही तो है,मेरे महबूब ओरफिर वही दिल लाया हू,
1964*पूजा के फुल,*राज कुमार,दूर की आवाज
1965*शहीद,गुमनाम,मेरे सनम,ओर *खानदान
1966 मेसावन की घटा,लव इन टोक्यो,*दो बदन,ओर *दस लाख
1967*राम ओर श्याम,पत्थर के सनम,मिलन,एराउण्ड द वल्ड,ओर प्राण साहब की फिल्मी जीवन मे सबसे महत्यपूर्ण फिल्मउपकार
1968 आदमी,साधु ओर शैतानब्रह्मचारी,
1972 दादा मुनी अशोक कुमार के साथ प्राण ने विक्टोरिया नम्बर 203मे हास्य भूमिका की थी।
लगभग 350 फिल्मोमे अभिनय करनेवाले प्राण अपनी बेहतरीन अदाकारी से हिन्दी सिनेमा पर जबरदस्त छाप छोडी थी। प्राण भारतीय फिल्म संसार मे एैसे कलाकार थे जो हर अभिनय मे जान डाल देते थे सच कहा जाए तो प्राण द्वारा अभिनय किए गए फिल्म देखने के बाद यही लगता है कि इस भूमिका के लिए सिर्फ प्राण को ही बनाया गया था,अपनी हर फिल्मोमे एक से बढकर एक संवाद बोलनेवाले प्राण ने मनोज कुमार द्वारा निर्मित फिल्मउपकार मे एक जबरदस्त संवाद__*भारत तू दुनिया की छोड़ पहले अपनी सोच , राम ने हर युग मे जन्म लिया है लेकिन लक्ष्मण जैसा भाई दौवारा पैदा नही हुआ।सुनने के बाद एैसा लगता है उनकी संवाद बोलने की शैली को आज भी लोग भूले नही।प्राण को हमेशा बुरा आदमी के रूप मे जाना जाता है जबकि सच्चाई यह है कि असल जिन्दगी मे वे सरल,इमानदार,ओर दयालू व्याक्ति थे,समाज सेवा हमेशा करते थे ओर अच्छा व्यावहार करना तो उनका सबसे बडा गुण था।
फिल्मी संसार मे प्राण ही एकमात्र एैसे कलाकार थे जिन्होने कपुर परिवार के शुरू से आखिर तक सभी सदस्यो के साथ अभिनय किया है।
खलनायक के उनके इस रूप को परिवर्तित किया था प्रसिद्ध निर्माता,निर्देशक,लेखक,ओर अभिनेता मनोज कुमारने अपनी वहूचर्चित फिल्मउपकार(1966)मे मलंगबाबाका रोल देकर प्राण को अमर बना दिया था।
फिल्मी दुनिया के सबसे बडा पुरस्कारदादा साहेब फालके पुरस्कार पाने प्राण साहब पहला खलनायक है।
आपको याद होगा प्रकाश मेहरा ने फिल्म जंजीरबनाई थी इस फिल्म मे प्राण को शेर खानकी भूमिका दी गई थी इस फिल्म के मुख्य रोल के लिए प्राण ने प्रकाश मेहरा से सिफारिस की थी कि नए उभरते हूए कलाकार अमिताभ बच्चनको लिया जाए ओर एैसा ही हुआ ।फिल्म प्रदर्शित होने के बाद अमिताभ बच्चन का नया जन्म हुआ था।
मनोज कुमार की फिल्मबेईमानमे प्राण को श्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला था लेकिन प्राण ने लेने से इंकार कर दिया था
1992 मे प्राण ने पहलीबार फिल्म निर्माण करने की सोची ओर फिल्मलक्ष्मण रेखा*का निर्माण किया था।
प्राण के पिता लाला केवल कृष्ण सिकंत सरकारी ठीकेार रहने के कारण देश के विभिन्न प्रांतो मे जाना पडता था जिस कारण बचपन की पढाई कभी कपूरथला,उन्नाद,मेरठ,देहरादुन ओर रामपुर मे हुई थी।
12 फरवरी 1920 पुरानी दिल्ली मे प्राण का जन्म हुआ था
आज उनके जन्मदिन पर उन्हे शद्धां सुमन अर्पित करते है।
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