कविता -नीरज लता सिंह ‘नीरवी’, प्रयागराज, इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश.
वही देश है
वेद-मंत्रों से रक्षित सदा जो रहा
●नीरज लता सिंह ‘नीरवी’
ये वही देश है , ‘भा’ रत देश है
यह सुरक्षित रहे यही संदेश है..
जहाँ मंदाकिनी ,जहां गोदावरी
है हिमालय जहां, जहां विंध्याटवी
जिसकी वाणी स्वयं ही है गीतामृतम्
ये वही देश है ,’भा’ रत देश है
यह सुरक्षित रहे यही संदेश है..
यहाँ वृंदा का वन, जहां राधा- रमण
जहां नानाविध: तरु -मरू -काननम्
यहाँ राम-भरत और रामायणम्
ये वही देश है , ‘भा’ रत देश है
यह सुरक्षित रहें यही संदेश है.. .
जिसकी गोदी मे खेला वीर सर्वदमन
भारत उस ‘भरत’ का है उसको नमन
है भरतवंश ये कर दे महाभारतम्
ये वही देश है ‘भा’ रत देश है
यह सुरक्षित रहे यही संदेश है…
आम्र,चंदन सुवासित पवन है यहां
उपजे खेतों से मुक्ता औ हीरक यहां
नाना फल-फूल, मेवा तथा चंदनम्
ये वही देश है, ‘भा’ रत देश है
यह सुरक्षित रहे यही संदेश है…
मल्लिका, बेला ,चंपा कुमुदिनीलता
विश्वबंधुत्व ,समता औ कोमलता
शोभा पाते हैं मस्जिद- देवालयम्
सब यहां है कि यह भारत देश है
यह सुरक्षित रहे यही संदेश है…
ज्ञान गीर्वाणभाषा संस्कृत-पूरिता
अंक में भरे दूसरों को हिंदी सदा
उर्दू-आंग्ल-पुर्तगाली समन्वितम्
ये वही देश है ‘भा’ रत देश है
यह सुरक्षित रहे यही संदेश है…
यहाँ पोरस हुआ ,यहां बापू ,तिलक
यहां लक्ष्मी ,सुभाष और भगत
यहाँ नाना, शिवा और प्रताप अलम्
ये वही देश है, ‘भा’ रत देश है
यह सुरक्षित रहे यही संदेश है…
पूर्णतः आनंद यहां मन का आनंद
यहां ज्ञान का आवास और विवेकानंद
शंकराचार्य यहाँ ,यहाँ बुद्ध, गौतम
ये वही देश है, ‘भा’ रत देश है
यह सुरक्षित रहे यही संदेश है…
जब से जन-मन सभी भूल जाने लगे
आततायी भी अकड़ दिखाने लगे
हैं खड़े हम यहाँ, करेंगे मर्दनम्
भूलो मत भाइयों ! भारत देश है
यह सुरक्षित रहे यही संदेश है…
इसकी सीमा सदा ही सुरक्षित रहे
पुण्यगाथा से तन- मन भी ऊर्जित रहे
ये वही देश है ‘भा’ रत देश है
यह सुरक्षित रहे यही संदेश है…
जो भी आए यहां पर कुविचार से
उसको बलपूर्वक मसलो अधिकार से
अपनी भुज-शक्ति से अब करो मंगलम्
ये वही देश है ,इसकी रक्षा में हम
यह वही देश है, जान ,मन और तन
ये वही देश है, ‘भा’ रत देश है
यह सुरक्षित रहे यही संदेश है…
[ ●इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक नीरज लता सिंह ‘नीरवी’,रचनात्मक लेखन में सक्रिय हैं. ●नीरज जी कानपुर विश्वविद्यालय से संस्कृत में परास्नातक के अलावा,सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय से बीएड हैं. ●2001 से अध्यापन औऱ मई-2019 से कोरा उपयोग कत्री हैं. -संपादक ]
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