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मित्तल अस्पताल
●मित्तल अस्पताल के इलाज़ सम्बंधित मामले का खुलासा
●कोरोना वायरस से इलाज़ मामले में कलेक्टर ने जांच के बाद की कार्यवाही
●कोरोना वायरस की आड़ में नागरिकों का आर्थिक शोषण कर एवं लूट का षड्यंत्र कर रही है, मित्तल अस्पताल-सतीश त्रिपाठी.
छत्तीसगढ़- विगत दिनों स्वर्गीय शिव कुमार साहू की मृत्यु के पश्चात मित्तल अस्पताल पर बड़े आरोप लगाते हुए स्वाभिमान पार्टी के लोगों ने कई प्रकार से आंदोलन और प्रदर्शन किया था। जिसके फलस्वरूप अस्पताल के विरुद्ध जिला कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जांच की थी। गंभीर लापरवाहियों को जांच में सही पाते हुए मित्तल अस्पताल के विरुद्ध जिला कलेक्टर ने कार्यवाही के निर्देश दिए थे, साथ ही जुर्माना भी लगाया था।
आज पुनः स्वाभिमान पार्टी के नेता सतीश कुमार त्रिपाठी ने विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि रायपुर के निवासी स्वर्गीय श्री दिलीप राय चौधरी की मौत भी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मित्तल अस्पताल के लापरवाही पूर्ण इलाज और तौर-तरीकों के कारण हो गई। दिलीप राय चौधरी देवपुरी रायपुर के निवासी थे और उनके परिजनों को गुमराह करने की शिकायत जिला कलेक्टर को की गई थी। दिलीप राय चौधरी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 30 सितंबर से 7 अक्टूबर 2020 तक मित्तल अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती रहे। लेकिन लगातार बिल बढ़ते रहने और स्वस्थ न होने के कारण मजबूरी वश रायपुर के एम्स में जबरन रिफर करवाया गया। जहां मित्तल अस्पताल से एंबुलेंस द्वारा चौधरी को एम्स अस्पताल ले जाते हुए ही मौत हो गई। आरोप यह था कि जिस प्रकार की एंबुलेंस में उन्हें ले जाया गया उसमें ऑक्सीजन और अन्य कई प्रकार के उपकरणों का अभाव था। गंभीर मरीजों के लिए जिस प्रकार की सुविधा युक्त एंबुलेंस भेजी जानी थी वह नहीं भेजी गई। मित्तल अस्पताल के अधिकारियों द्वारा जानबूझकर पैसे वसूली के लिए इस प्रकार का कार्य किया गया था। शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा एक जांच समिति बनाई गई। उस जांच समिति ने यह पाया कि शिकायत पूरी तरह सही है। जांच समिति ने कार्यवाही के लिए अपनी अनुशंसा की। जिसके आधार पर जिला कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने स्वर्गीय दिलीप राय चौधरी के उपचार के लिए अस्पताल प्रबंधन को दोषी सिद्ध करते हुए उन पर परिजनों को रकम वापसी के अनुशंसा की साथ ही उन पर दंड और जुर्माना लगाया। जिला कलेक्टर द्वारा 20000 रू. के जुर्माने का दंड मित्तल अस्पताल के विरुद्ध लगाया गया।
स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री और उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी ने विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि इस जांच के लिए स्वयं छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव के कार्यालय से एक लिखित पत्र मंत्री के निज सहायक गौतम कुमार महिलांग ने जिला कलेक्टर दुर्ग को भेजा था। जिस पर जिला कलेक्टर द्वारा जांच कर 5 जनवरी 2021 को अस्पताल पर जुर्माना लगाते हुए परिजनों को भी अधिक वसूली की रकम वापस करने का आदेश अस्पताल को दिया है। जिला कलेक्टर के पत्र में यह स्पष्ट लिखा गया है कि इलाज में लापरवाही की गई है। मरीज के परिजनों से भारी रकम वसूली की गई है। मित्तल अस्पताल पर नर्सिंग होम एक्ट लागू होता है। इसलिए नर्सिंग होम एक्ट 2013 के तहत अस्पताल पर जिला कलेक्टर ने जुर्माना लगाया है। सतीश कुमार त्रिपाठी का आरोप है कि अब तक जिला कलेक्टर द्वारा की गई कार्यवाही में तमाम पीड़ितों को जुर्माने की रकम भी प्रदान नहीं की गई है।
इस संदर्भ में आगे जानकारी देते हुए त्रिपाठी ने कहा कि हम दस्तावेज और सारे सबूत इकट्ठे कर रहे हैं। जल्द ही मित्तल अस्पताल के विरुद्ध गंभीर कानूनी कार्रवाई करते हुए इस अस्पताल को महामारी के दौरान षडयंत्र पूर्वक अवसर बनाने और धन कमाने क्षेत्र के नागरिकों को लूटने के विरोध में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी।त्रिपाठी ने बताया कि ऐसे कई मामले हैं जिसमें बीमा कंपनियों को चूना लगाने की नियत से इस मित्तल अस्पताल ने लाखों रुपए का बिल बनाया। क्योंकि बीमित व्यक्ति स्वयं ही किसी प्रकार ठीक हो गए, इसलिए उन्होंने अपना मुंह बंद करके रखना ही उचित समझा है। किंतु इस बात के दस्तावेजी प्रमाण मौजूद हैं कि अस्पताल में कोरोनावायरस के दौरान जबरदस्त लूट मचाई और अपना अस्पताल आलीशान बनाने का काम किया। इसलिए यह प्रयास किया जाएगा कि न सिर्फ अस्पताल का लाइसेंस निरस्त हो बल्कि अस्पताल के मालिकों पर गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाए।
[ ●न्यूज़ डेस्क,’छत्तीसगढ़ आसपास’. ●प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर,छत्तीसगढ़. ]
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