19 फरवरी पुण्यतिथी पर विशेष
●जयदेब गुप्ता मनोज़
●धनबाद, झारखंड
नोबेल पुरस्कार प्राप्त गुरूदेब रवींद्र नाथ टैगोर के बहुचर्चित बंगला रवींद्र संगीत को शांति निकेतन से फिल्मी दुनिया तक लाने का श्रेय पंकज मल्लिक को रहा।
रवींद्र संगीत पश्चिम बंगाल सहित देश विदेश मे रहनेवाले बंगाली समुदाय के घर घर में बहुत ही मजे लेकर सुना जाता है।
न्यू थियेटर के साथ जुडने के बाद पंकज मल्लिक ने कई बंगला हिंदी फिल्मो मे रवींद्र संगीत का प्रयोग किया।
,दुर्गा पूजा के अवसर पर स्व बिरेंद्र किशोर भद्र द्वारा आकाशवाणी कोलकाता 1930 ।से प्रारम्भ हूए महिषासुरमर्दिनी ।महालया का भी संगीतकार थे पंकज मल्लिक
संगीत निर्देशक के रूप मे पंकज मल्लिक ने लगभग 80 फिल्मोमे अपना योगदान दिया।सबसे मजेदार यह है कि बोलती फिल्म के दो वर्ष पहले पंकज दा ने फिल्मी दुनिया में प्रवेश कर चुके थे।पंकज साहब का जन्म 10 मई 1905 को कोलकाता मे पिता मोनी मोहन ओर माता मोनो मोहिनी के घर जन्म हुआ था।पंकज मल्लिक ने *संगीतकार के रूप मे कई फिल्मो मे संगीत दिया था।
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1937*मुक्ति*(बंगला एंव हिन्दीडाक्टर(बंगला एंव हिन्दी)1940 *नर्तकीएंव 1938 मे धरती माता मे किए गए योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।पंकज मल्लिक ने अपने कैरियर का शुरूवत कोलकाता के इंडियन बोर्ड कास्टिंग कम्पनी से की ।बादमे वह
न्यूथियेटर से जुडे ,
आईए कुछ अपार लोकप्रिय गीत सुनते चले
1*पिया मिलन को आए,,,
2*मै कया जानू कया हू*
3* सोजा राजकुमारी,,,
4*ये राहे यह मौसम,,,
5*दो नैना मतवारे ,,,
6* दुनिया रंग रंगली बाबा,,,,
7*किनेर शेषे घुमेर देशे,,,,तथा फिल्म डाक्टर मे पंकज मल्लिक का गाया हुआ एक गीत सुनते चले*चले पवन की चाल,,,,
1933*यहूदी की लडकी*
1935*देवदास*
1936
मुक्ति(बंगला एंव हिन्दी) करोरपतिमंज़िल*
1937*प्रेसीडेन्ट*
1938*धरती माताओर *अभागिन
1939*दुश्मनअधिकारबडी दीदी*
1940*जिंदगीनर्तकी
1943*काशीनाथ*
1944*मेरी बहन*
1945*बंगला फिल्मदुई पुरूष
1952*यांत्रिक* सहित कई फिल्मेमे उनका योगदान रहा।
सबसे पहले पंकज दा ने निर्माता निर्देशक स्व नितीन बोसकी फिल्मधुपछांवके लिए पार्श्व गायन का इस्तेमाल किया था।इस फिल्म मे पहली बार पार्श्व गायन का शुरूवात गायिका *पारूल घोष *सुभद्रा घोष ओर उमा शशी पहलीबार माईक पर गाना गाया था।
फिल्मधुपछांव बंगला भाषा मे भी बनी थी इस फिल्म का नाम भाग्यचक्र था।
सन 1972 फिल्मोमे सफल योगदान के लिए पंकज मल्लिक को। भारत सरकार की ओर से दिया जानेवाला दादा साहब फालकेपुरस्कार से सम्मानित. किया गया था।
19 फरवरी 1978 कोलकाता मे उनका निधन निधन हो गया।
आज उनके पुण्यतिथी पर उन्हे शत शत नमन करते हूए यही कहना चाहेंगे दुनिया रंग रंगीली बाबा
●लेखक संपर्क-
●94311 51220
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