कुम्हारी आसपास
■स्टेशन चौक,कुम्हारी से महामाया मंदिर तक रोड चौड़ीकरण के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया.
■पार्षद निश्चय वाजपेयी ने दी-नगर पालिका प्रशासन को चेतावनी.
■निश्चय वाजपेयी ने कहा – ‘पहले विस्थापन औऱ मुआवज़े की समुचित योजना बने.
■नगर पालिका कुम्हारी के अध्य्क्ष राजेश्वर राव ने बज़ट में स्पष्ट कहा – ‘शासन के नियमानुसार सबके हितों का ध्यान रखा जाएगा’.
छत्तीसगढ़ । कुम्हारी । स्टेशन चौक कुम्हारी से महामाया मंदिर तक रोड को चौड़ा करने के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्षद निश्चय वाजपेयी ने कहा है -“पहले विस्थापन और मुआवजे की समुचित योजना बननी चाहिए। अभी पालिका प्रशासन ने ढंग से सर्वे भी नही किया है और केवल अनुमानों के आधार पर लोगों को उजाड़ने की योजना बना डाली है। परिषद की बैठक में जब पूछा गया कि प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण से कितने लोग प्रभावित हो रहे हैं? कितने शासकीय भूमि पर हैं एवं कितनी निजी भूमि की आवश्यकता होगी? विस्थापन और मुआवजे की लागत का क्या आंकलन है ? तो प्रशासन का जवाब था कि अभी सर्वे होना बाकी है। वाजपेयी ने चुटकी लेते हुए कहा कि कुम्हारी पालिका में नई परम्परा चल रही है पहले कपड़ा सिलना और बाद मे नाप लेना। घनी आबादी के बीच सड़क के चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और सर्वे तक नही किया गया है। यहां न ही देश के कानून को जाना जाता है और न ही माना जाता है। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि सबसे पहले विस्थापन की पारदर्शी योजना बनाकर सार्वजानिक की जाए। लोग यहां पंचायत के समय से रह रहे हैं। विस्थापन गरीबों का मौलिक अधिकार है और बिना समुचित व्यवस्था के एक भी गरीब का मकान नही फूटने दिया जाएगा।”
गौरतलब है कि पिछले दिनों हुई कुम्हारी पालिका परिषद की बैठक में स्टेशन चौक से महामाया मंदिर तक सड़क चौड़ीकरण का प्रस्ताव लाया गया था। यह सड़क कुम्हारी बस्ती की घनी आबादी के बीच से होते हुए गुजरती है। इस सड़क के दोनों तरफ बड़ी संख्या मे मकान और दुकानें हैं। बहुत से लोगों की आजीविका और आवास इस सड़क से जुड़ी हैं और वे पंचायत के समय से यहाँ काबिज हैं। ऐसी स्थिति में इस सड़क का चौड़ीकरण बहुत ही संवेदनशील मामला है। इसे पूरी पारदर्शिता के साथ एवं कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए ही किया जाना चाहिए।
पार्षद निश्चय वाजपेयी ने बताया कि वहां तीन प्रकार की भूमि है। निजी,आबादी और शासकीय भूमि। निजी और आबादी भूमि पर दोगुने दाम पर मुआवजा देने का कानून है। शासकीय भूमि से बेदखली के लिये विस्थापन का कानून है। प्रशासन मे बैठे लोगों को भली भांति समझ लेना चाहिए कि आपको संविधान की कसम खिलाई गई है, मोतीचूर का लड्डू नहीं।
वाजपेयी ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि पहले विस्तार से सर्वे किया जाए। विस्थापन और मुआवजे की समुचित व पारदर्शी योजना बनाई जाए। लोगों को सुनवाई का अवसर दिया जाए। सबके साथ न्याय हो और बिना भेदभाव के सबका विकास हो। उन्होंने प्रशासन को सावधान करते हुए कहा है कि अगर इस मामले पर मनमानी करने की कोशिश होगी तो सड़क से लेकर संसद तक की लड़ाई लड़ी जाएगी।
हालांकि नगर पालिका कुम्हारी के अध्यक्ष राजेश्वर सोनकर ने बजट रखते हुए सड़क चौड़ीकरण पर स्पष्ट कर दिया था कि शासन के नियमानुसार सबके हितों का ध्यान रखा जाएगा। साथ ही उन्होंने इस विकास कार्य में सभी पार्षदों से सहयोग का आह्वान भी किया था।
[ ●सुरेश वाहने,ब्यूरो प्रमुख, ‘छत्तीसगढ़ आसपास’. ●प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर, छत्तीसगढ़. ]
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