■ऊर्जा और पर्यावरण के संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार :
■कल्याण महाविद्यालय, भिलाई-छत्तीसगढ़ में तीन दिवसीय [ 4-6,जून ] ‘ऊर्जा एवं पर्यावरण’ विषय पर वेबिनार.
■वेबिनार का शुभारंभ ‘हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग’ की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने किया.
छत्तीसगढ़ । भिलाई । कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय भिलाई नगर के भौतिक एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग के तत्वावधान में ‘ऊर्जा एवं पर्यावरण’ विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार प्रारंभ हुआ। उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने उर्जा और पर्यावरण के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया।
प्रथम दिवस के प्रारंभ में भौतिक विभाग के प्राध्यापक डॉ नीलम शुक्ला ने ऑनलाइन के माध्यम से उपस्थिति मुख्य अतिथि एवं विशेष अतिथियों का स्वागत किया तथा बताया कि ऊर्जा हमारे जीवन के लिए अत्यधिक उपयोगी है एवं महत्वपूर्ण है। महाविद्यालय के उप प्राचार्य एवं भौतिक विभाग के विभागाध्यक्ष वरिष्ठ प्रोफेसर वाईपी पटेल ने वेबीनार में उपस्थित सभी अतिथियों का अभिवादन करते हुए ऊर्जा एवं पर्यावरण के सुरक्षित रखने के लिए सुझाव दिए। प्राचार्य डॉ आर के साहू ने वेबिनार के उद्देश्यों को सार्थक बताते हुए अनेक सुझाव दिए। मुख्य अतिथि डॉ अरुणा पलटा ने कहा कि ऊर्जा दो प्रकार की होती है प्राथमिक ऊर्जा अथवा द्वितीयक ऊर्जा। प्राथमिक ऊर्जा वह ऊर्जा है जो प्रकृति संसाधन है एवं द्वितीयक ऊर्जा के तीन संसाधन हैं। प्रोफेसर रविंद्र ने बताया कि आज के समय में इतनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जैसे कि कोरोना आर्केड समस्या परंतु ऊर्जा और पर्यावरण हमारे जीवन में एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं बिना पर्यावरण के हमारा जीवन असंभव है । अनेक प्रकार के निर्माण का कार्य कचरा जलाना वाहन चूल्हे पर बनते खाने यह सभी प्रदूषण को बढ़ाने का काम करताहै जिसे रोकना जरूरी है। विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित कल्याण महाविद्यालय के चेयरमैन श्री आर के यादव ने बताया कि ऊर्जा के स्रोत का सदुपयोग किया जाना चाहिए उन्होंने नाभिकीय ऊर्जा के दुरुपयोग का भी जिक्र किया जिसमें हिरोशिमा और नागासाकी में हुआ जिसके दुष्परिणाम आज भी देखे जाते हैं तथा पर्यावरण को बचाए रखने के लिए वृक्षारोपण हेतु प्रेरित किया। डॉ नमिता ब्रह्मे ने ऊर्जा और पर्यावरण के संदर्भ में बताया कि हमारे आसपास की हर चीज जैसे जगह और वस्तु पर्यावरण कहलाती है अथवा उर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है।
आज प्रथम दिन ही सैकड़ों प्रतिभागियों ने शामिल होकर पर्यावरण के प्रति अपनी जागरूकता प्रदर्शित की।
[ ●समाचार विभाग,’छत्तीसगढ़ आसपास’. ●प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर, छत्तीसगढ़. ]
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