■मेरी गद्य रचनाओं का प्रथम संकलन : ‘दुस्साहस’. •अंशुमन राय ‘राजा’.
■’दुस्साहस’ 37 विभिन्न गद्य रचनाओं का संकलन.
■चार भागों में विभाजित पुस्तक ‘दुस्साहस’.
■प्रथम भाग – ‘कहानियों का पुलिंदा’ में 13 लघुकथाएं.
■द्वितीय भाग- ‘कुछ विरासतों की कहानी’ में 7 विरासतों की जानकारी.
■तृतीय भाग- ‘यादों की पोटली’ में 10 संस्मरण.
■चतुर्थ भाग- ‘यात्राओं की गठरी’ में 7 यात्रा संस्मरण.
■छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश से ‘कान्हा अभ्यारण्य’, ‘अमरकंटक’, ‘शिवनाथ’, ‘राजिम’ और ‘अचानकमार’ के संस्मरण.
लेखक अंशुमन राय ‘राजा’ की पहली गद्य रचनाओं की पुस्तक ‘दुस्साहस’ BFC पब्लिकेशन, लखनऊ से छपकर आई है.
37 विभिन्न गद्य रचनाओं का संकलन,जिसे लेखक ने 4 भागों में विभाजित कर प्रस्तुत किया है.
‘कहानियों का पुलिंदा’, ‘कुछ विरासतों की कहानी’, ‘यादों की पोटली’ और ‘यात्राओं की गठरी’ शीर्षक से पुस्तक 4 भागों में विभाजित है.
पुस्तक का नाम ‘दुस्साहस’ क्यों ?
लेखक अंशुमन राय ‘राजा’ कहते हैं – ‘बचपन से ही साहित्य से लगाव,हिंदी एवं अंग्रेजी साहित्य को पढ़ना, पढ़ाई पूरी करते-करते नौकरी लग जाना और फिर जीवन के आपा-धापी में उलझ कर रह जाना. ऐसे समय पुस्तक निकालने का ख्याल करना निश्चय ही साहस नहीं ‘दुस्साहस’ कहलाएगा’.
•••
●लेखक परिचय:
अंशुमन राय ‘राजा’ का जन्म उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद[अब प्रयागराज] शहर में 11 सितंबर 1987 को हुआ. इलाहाबाद से स्कूली शिक्षा,कृषि विषयों में स्नातक और परास्नातक. लखनऊ से प्रबंधन एवं सम्बंधित विषयों पे अध्ययन. वर्तमान में भारतीय खाद्य निगम[भारत सरकार का उपक्रम] में प्रबंधक के पद पर पदस्थ हैं.
[ लेखक संपर्क-
99350 34349 ]
■■■