छत्तीसगढ़ के पूर्व सांसद और त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस अब होंगे यहां के राज्यपाल, वहीं कुछ जगहों पर हुई नई नियुक्तियां.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल के बीच राज्यों के राज्यपाल बदले गए हैं वहीं कुछ जगहों पर नई नियुक्ति हुई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पहली बार एक साथ आठ राज्यपाल को बदल दिया है। रमेश बैस को त्रिपुरा से झारखंड का राज्यपाल बनाया गया है। इनमें से एक केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत भी हैं। उन्हें कर्नाटक का गवर्नर बनाया गया है। थावर चंद मप्र कोटे से कैबिनेट में मंत्री थे। माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को जगह देने के लिए थावर चंद को कैबिनेट से हटाया गया है। 73 साल के थावर चंद 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से लगातार उनकी कैबिनेट में शामिल रहे हैं। हालांकि सिंधिया की प्रोफाइल क्या होगी, ये अभी तय नहीं है। ये चर्चा जरूर है कि मोदी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपेंगे। अभी तक मध्य प्रदेश से मोदी कैबिनेट में 4 मंत्री थे। नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, थावर चंद गहलोत और फग्गन सिंह कुलस्ते।
8 में से 4 का ट्रांसफर, 4 नए गवर्नर,
1. मंगूभाई छगनभाई पटेल: मध्य प्रदेश के राज्यपाल होंगे।
2. थावर चंद गहलोत: केंद्रीय मंत्री थे, अब कर्नाटक के राज्यपाल होंगे।
3. रमेश बैस: त्रिपुरा के गवर्नर थे, अब झारखंड के गवर्नर होंगे।
4. बंडारू दत्तात्रेय: हिमाचल के गवर्नर थे, अब हरियाणा के राज्यपाल होंगे।
5. सत्यदेव नारायण आर्य: हरियाणा के राज्यपाल थे, अब त्रिपुरा के गवर्नर होंगे।
6. राजेंद्र विश्वनाथ आरलेकर: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल होंगे।
7. पीएएस श्रीधरन पिल्लई: मिजोरम के राज्यपाल थे, अब गोवा के गवर्नर होंगे।
8. हरिबाबू कम्भमपति: मिजोरम के राज्यपाल होंगे।
4 नए गवर्नर,
1. थावर चंद गहलोत: दलित नेता थावरचंद मध्य प्रदेश के नागदा से ताल्लुक रखते हैं। 2014 में नरेंद्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने तो थावर चंद को सोशल जस्टिस मिनिस्टर बनाया। तब से अब तक वे इसी पद पर रहे। वे भाजपा के संसदीय दल और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य भी हैं।
2. मंगूभाई छगनभाई पटेल: 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री थे, तब मंगूभाई पटेल गुजरात विधानसभा के सभापति थे। इससे पहले वो गुजरात कैबिनेट का भी हिस्सा रहे। वे नवसारी से विधायक रह चुके हैं।
3. राजेंद्र विश्वनाथ आरलेकर: आरलेकर 1980 से गोवा भाजपा से जुड़े हुए हैं। भाजपा के महासचिव रह चुके हैं। 2014 में जब गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को मोदी ने केंद्र में रक्षा मंत्री बनाया था, तब आरलेकर को पर्रिकर के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा था। हालांकि भाजपा ने लक्ष्मीकांत पारसेकर को सीएम बनाया। आरलेकर को ही गोवा असेंबली को पेपरलेस बनाने का क्रेडिट दिया जाता है।
4. हरिबाबू कम्भमपति: छात्र नेता के तौर पर उन्होंने अलग आंध्र प्रदेश के लिए ‘जय आंध्र’ आंदोलन में हिस्सा लिया। जय प्रकाश नारायण के साथ भी आंदोलन में शामिल रहे और मीसा के तहत अरेस्ट भी हुए। वे विशाखापटट्टनम से सांसद रहे।