- Home
- Chhattisgarh
- ■अंतरराष्ट्रीय संगठन ‘हिंदी साहित्य भारती’: छत्तीसगढ़ से डॉ. बलदाऊ राम साहू और डॉ. सुनीता मिश्र शामिल.
■अंतरराष्ट्रीय संगठन ‘हिंदी साहित्य भारती’: छत्तीसगढ़ से डॉ. बलदाऊ राम साहू और डॉ. सुनीता मिश्र शामिल.
हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने हेतु संघर्षरत अंतरराष्ट्रीय संगठन ‘ हिन्दी साहित्य भारती ‘ द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य से बलदाऊ राम साहू भू.सचिव , पिछड़ा वर्ग आयोग और डाॅ सुनीता मिश्र को कार्यकारिणी में सम्मिलित किया गया गया है। यह ज़ानकारी संगठन के मार्गदर्शक डॉ.माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ द्वारा दी गई।
अंतरराष्ट्रीय संगठन “हिन्दी साहित्य भारती” द्वारा हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने, न्यायालयीन निर्णयों को हिन्दी भाषा में भी अनिवार्यतः ज़ारी किए जाने और भारत के लिए इंडिया जैसे शब्दों को संविधान से विलोपित करने जैसी माँगों को लेकर लंबे समय से मुहिम चलाई जा रही है। भारत में हिन्दी को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक अधिकार दिलाने के आग्रह के साथ महामहिम राष्ट्रपति के नाम ऑनलाईन और ऑफलाईन दोनों प्रकार से पत्र-लेखन का अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक पूरे देश में हजारों गणमान्य व्यक्ति पत्र-लेखन अभियान का हिस्सा बन चुके हैं। हिन्दी साहित्य भारती की स्थापना और विकास में प्रख्यात साहित्यकार एवं पूर्व शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, झाँसी निवासी डॉ रवींद्र शुक्ल तथा उनके साथ देश के अनेक विद्वानों ने हिन्दी भाषा एवं हिन्दी साहित्य के उत्थान का संकल्प लेकर १५ जुलाई २०२० को हिन्दी साहित्य भारती नामक संस्था का गठन किया। इस संस्था के माध्यम से हिन्दी को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिलाने विगत एक वर्ष से अनेक सार्थक आयोजन किए जा चुके हैं।आगे भी ऐसे आयोजनों की निरंतरता बनी रहेगी। आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ३५ देशों में हिन्दी साहित्य भारती सक्रिय है और भारत के २७ प्रदेशों में विधिवत रूप से गठित प्रदेश कार्यकारिणीयाँ सांगठनिक और साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय हैं तथा देश के शेष प्रदेशों में संयोजक एवं प्रभारी नियुक्त किए जा चुके हैं जो गठन की प्रक्रिया में सक्रिय हैं। अनेक प्रदेशों में जनपदों और महानगरों में भी संगठन खड़ा हो चुका है। संस्थान द्वारा व्याख्यानमाला का आभासी आयोजन कर प्रतिदिन अलग-अलग विद्वानों द्वारा विभिन्न विषयों पर रोचक एवं ज्ञानवर्द्धक व्याख्यान दिये जाने का सिलसिला ज़ारी है। .इन कार्यक्रमों के अतिरिक्त हिन्दी साहित्य भारती द्वारा पुस्तक समीक्षा, महापुरुषों की जयंती और युवा साहित्यकारों के लिए साहित्यिक प्रशिक्षण के कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे हैं। हिन्दी साहित्य भारती से इस समय अनेक पूर्व राज्यपाल, विश्विद्यालयों के कुलाधिपति, कुलपति, प्राचार्य, विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्यातिलब्ध साहित्यकार जुड़ चुके हैं।
हिन्दी साहित्य भारती द्वारा अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में निम्नलिखित आयामों के माध्यम से निरन्तर गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं। जिसमें राष्ट्रवन्दन, अतीत का अभिनन्दन राष्ट्रवन्दन, वर्तमान का अभिनन्दन, काव्य प्रतिभा सम्मान, विविध विधा प्रशिक्षण कार्यक्रम, विविध संगोष्ठियों का आयोजन कर देश के साहित्यिक प्रदूषण समाप्त किया जाना शामिल है।
आज हिन्दी साहित्य भारती की केन्द्रीय कार्यकारिणी तथा वैदेशिक कार्यकारिणी की घोषणा की गई जिसमें बलदाऊ राम साहू और डॉ सुनीता मिश्र को कार्यकारिणी सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया । यह छ.ग. राज्य के लिए गौरव की बात है।इस मनोनयन पर प्रदेश के साहित्यकारों एवं संगठन के मार्गदर्शक डॉ.माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ ने दोनों नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं व्यक्त किया है।
[ ●डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ ने जैसा बताया ]
◆◆◆ ◆◆◆