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- ■लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार विनोद साव को ‘हास्य हीरक सम्मान’.
■लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार विनोद साव को ‘हास्य हीरक सम्मान’.
■शील साहित्य परिषद, जांजगीर द्वारा स्व.कमलादेवी गोपाल स्मृति ‘हास्य हीरक सम्मान’ की घोषणा.
■ये सम्मान छत्तीसगढ़ से दुर्ग के व्यंग्यकार विनोद साव को 20 अक्टूबर-2021 को अलंकृत किया जाएगा.
■2020 को प्रकाशित संग्रह ‘धराशायी होने का सिलसिला’ पर चयन किया गया.
■विनोद साव को इसके पूर्व ‘वागीश्वरी’, ‘सप्तपरणी’ और ‘अट्टहास’ सम्मान मिल चुके.
छत्तीसगढ़ । दुर्ग ।
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लब्धप्रतिष्ठित व्यंग्यकार श्री विनोद साव को वर्ष 2020 में प्रकाशित उनके व्यंग्य संग्रह ‘धराशायी होने का सिलसिला’ पर शील साहित्य परिषद जांजगीर द्वारा स्व. कमलादेवी गोपाल स्मृति ‘हास्य हीरक सम्मान’ दिए जाने की घोषणा की गई है। आगामी 20 अक्टूबर को जांजगीर में उन्हें एक भव्य समारोह में अलंकृत किया जावेगा. विनोद साव हिंदी व्यंग्य, उपन्यास, कहानियों के जाने माने लेखक हैं. उनकी 17 पुस्तकें प्रकाशित हैं. चार पत्रिकाओं के विशेषांक उन पर निकले हैं. उन पर शोध हुए हैं. उनके व्यक्तित्व-कृतित्व व उनकी रचनाएँ भारतीय ज्ञानपीठ और साहित्य अकादमी की अनेकों पत्रिकाओं में छपती रही हैं. छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के लिए साहित्यकार मुक्तिबोध और लोक-कलाकार दाऊ मंदराजी साव पर चित्रकथाएं लिखी हैं. उन्हें वागीश्वरी, सप्तपरणी और अट्टहास सम्मान सहित उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं. वे उपन्यास के लिए ड़ा.नामवर सिंह और व्यंग्य के लिए श्रीलाल शुक्ल से सम्मानित हुए हैं. उनकी यायावर प्रकृति उन्हें देश के अतिरिक्त विदेशों की यात्राओं में भी ले जाती हैं और इन पर लिखे उनके यात्रावृत्तांत बरबस ही पाठकों को बांध लेते हैं. वे भिलाई इस्पात संयंत्र के सी.एस.आर. विभाग के सेवानिवृत्त सहायक प्रबंधक हैं.
संप्रति मुक्तनगर, दुर्ग में रहते हैं और लिखने पढ़ने व साहित्यिक वैचारिक कार्यक्रमों में सक्रिय रहते हैं। उन्हें ‘हास्य हीरक सम्मान’ मिलने पर साहित्य बिरादरी की ओर से पुनःपुनः बधाइयां.
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