लघु कथा : •विक्रम ‘अपना’.
4 years ago
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●समधी
-विक्रम ‘अपना’.
दो धुर विरोधी दल के नेताओं ने, अपनी संतानों का विवाह करवाकर अपने आपको समधी के रिश्ते में बांध लिया।
विपक्षी दल के समधी तो जेल में थे जबकि सत्तासीन दल के समधी ने शादी का पूरा प्रबंध करवा दिया था यहां तक की शादी के दिन समधी की बेल भी करवा दी।
बेल पर छूटे नेता जी उन्हें अहोभाव में भरकर, कृतज्ञता अर्पित करने लगे। इस पर सत्तासीन समधी ने आंसू पोछते हुए कहा……काहे का एहसान!!
यह तो आपके हमारे परिवार की दूसरी शादी है।
मुझे याद है जब मेरी छोटी की शादी, आपके पप्पू से हुई थी तब मैं बलात्कार और घोटाले के केस में जेल में निरुद्ध था और आपने कितनी मशक्कत से मुझे छुड़ाया था।
सुनकर, सभी पधारे घरातियों बरातियों की भी आंखे बरबस छलछला गईं।
chhattisgarhaaspaas
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