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15 साल से भी अधिक समय से इस इलाके के युवको की नही हो रही शादी! बड़ी वजह है हाथियों का आतंक है, जाने क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के प्रतापपुर इलाके में करीब 20 सालों से हाथियों का आतंक जारी है. प्रतापपुर के लोग हाथियों के आतंक का दंश झेलने को मजबूर हैं. इस इलाके में फिलहाल करीब 40 से ज्यादा हाथी मौजूद हैं. इस वजह से स्थानीय लोग काफी परेशान हैं. स्थानीय युवाओं को कुछ सालों में हाथियों की वजह से एक नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इलाके में हाथियों के आतंक की वजह से कोई भी अपनी बेटी की शादी गांव के लड़कों से नहीं कराना चाहता. यही वजह है कि इस साल इलाके में एक भी लड़के की शादी नहीं हुई है. हाथियों के आतंक की वजह से इस साल युवाओं के सिर पर सेहरा नहीं सज सका है. कई युवाओं की शादी पहले ही तय हो गई थी, लेकिन जैसे ही लड़की के परिवार को इलाके में हाथियों के आतंकी के बारे में पता चला उन्होंने शादी तोड़ दी.
लड़कियों के परिवारों को लगता है कि अगर वह प्रतापपुर में अपनी बेटी की शादी करा देते हैं, तो उसके साथ कभी कोई भी घटना हो सकती है. कोई भी अप्रिय घटना घटने के डर से वह अपनी बेटियों को गांव में ब्याहने को तैयार नहीं हैं. शादी न होने से परेशान इलाके के लोग प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. उकी प्रशासन से मांग है कि जल्द ही हाथी की समस्या का कोई हल निकाला जाए. जिससे उनकी शादी हो सके. इलाके के जनप्रतिनिधि भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि हाथियों के आतंक की वजह से युवाओं की शादी नहीं हो पा रही है. जिसकी शादी तय होती है वह भी टूट जाती है.
उनका यह भी मानना है कि हाथियों के डर से लोग इलाके में अपनी बेटियों का रिश्ता करने से बचते हैं. शादी न होने की वजह से गांव के लोग काफी परेशान हैं. इलाके में आए दिन फसलों को नुकसान पहुंचाने, मकान तोड़ने और ग्रामीणों को मौत के घाट उतारने की खबरें सामने आती रहती हैं. ऐसे हालात में किसी भी बेटी के मां पिता का शादी के लिए मना करना स्वाभाविक है.
उनका कहना है कि हाथियों का आतंक प्रतापपुर के साथ ही दूसरी जगहों के लिए भी बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि हाथियों के समस्या को देखते हुए इसके लिए रणनीति बनाकर काम किया जा रहा है.खबर के मुताबिक प्रतापपुर इलाके में हाथियों का आतंक करीब दो दशक से ज्यादा समय से जारी है. इस दौरान राज्य सरकार और वन विभाग की तरफ से हाथियों से निजात के लिए कई दावे किए गए. इसके बावजूद आज भी इस क्षेत्र की स्थिति जैसी की तैसी है. ऐसे में इलाके के युवाओं के लिए नई समस्या ने खड़ी हो गई है.