▪️ सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के हत्यारे को रिहाई का आदेश दिया…
11 नवम्बर 2022 : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : राजीव गांधी के सभी 6 दोषियों को रिहाई का आदेश जारी कर दिया है.
18 मई को सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन को रिहाई का आदेश दिया था. इसी आदेश का हवाला देकर बाकी दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट से रिहाई की मांग की थी.
उम्रकैद की सज़ा काट रहे नलिनी, आरपी रविचंदन, मुरुगन, संथन, जय कुमार और रॉबर्ट पायस सभी ने 30 साल से ज्यादा समय जेल में गुजार चुके हैं.
राजीव गांधी की हत्या के मामले में ट्रायल कोर्ट ने साजिश में शामिल 26 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी.
मई 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने 19 लोगों को बरी कर दिया था.
नलिनी, मुरुगन उर्फ श्रीहरन, संथन और पेरारिवलन को फांसी और आरपी रविचंद्रन, राबर्ट पायस और जयकुमार को उम्रकैद की सजा दी गई थी.
नलिनी को मृत्युदंड सजा को तमिलनाडु के राज्यपाल ने उम्रकैद में बदल दिया था. अन्य आरोपियों की दयायाचिका को राष्ट्रपति ने 2011 में ठुकरा दी थी.
ज्ञात हो कि राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान धनु नाम की एक लिट्टे आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी.
लिट्टे की महिला आतंकी तेनमोजि राजरत्नम ‘ धनु ‘ ने राजीव गांधी को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छूए और झुकते ही कमर पर बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया.
इस विस्फोट में राजीव गांधी और हमलावर धनु की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी.
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने, तब उनकी उम्र 40 साल थी.
देश के सबसे यूवा प्रधानमंत्री थे
राजीव गांधी.