हिंदी भाषा पर दोहे

5 years ago
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हिंदी भाषा है सरल, मीठे सारे बोल ।
चिंतन की बातें वृहद,उतरे खुद हिय खोल ।।

सदाचरण अभिव्यक्ति से, हिय के खिले प्रसून।
हिंदी में जो बात है, अँगरेजी में सून ।।

छंद हुलसते राग में, अलंकार से कथ्य ।
नौ रस की नव भंगिमा, कहते सारे तथ्य ।।

पीर लिए नवगीत हैं, मुक्त छंद दे ज्ञान ।
चुटकी लेती नीतियाँ, दोहों से ही जान ।।

गीत भजन मुखरित हुए, सुंदर प्रेम तरंग ।
मन में भी शुचिता भरे, उर्जा भरी उमंग ।।

काव्य विधा विविधा लिए, रूप रंग श्रृंगार ।
कहती नव नव छंद में, बैठ लेखनी द्वार ।।

कथा कहानी लेख में, सरल बोधमय गद्य ।
रसमय शुभ संगीतमय, छलकाते हैं पद्य ।।

गीता विश्वकर्मा ‘नेह’
बालको नगर, कोरबा, छ.ग.

संपर्क-99266 23854

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