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भिलाई : बंगीय साहित्य समिति द्वारा आयोजित प्रति शनिवार को ‘ कॉफी विथ आड्डा ‘ में विचार – विमर्श, चर्चा, काव्य पाठ…
भिलाई [इंडियन कॉफी हाउस, भिलाई निवास से प्रदीप भट्टाचार्य] : {15 जुलाई, शनिवार} बंगीय साहित्य समिति के तत्वाधान में प्रति शनिवार को संस्था के सदस्यों की एक विचार – विमर्श बैठक होती है : कॉफी विथ आड्डा
आज की बैठक में उपस्थित हुए –
•समरेन्द्र विश्वास •पल्लव चटर्जी •दुलाल समाद्दार •प्रकाश चंद्र मण्डल •स्मृति दत्ता •मीता दास •सोमाली शर्मा •बीरेंद्र नाथ सरकार •मनोरंजन दास •रविंद्र नाथ देबनाथ और •प्रदीप भट्टाचार्य
•[बाएँ से] : प्रदीप भट्टाचार्य, मीता दास, समरेन्द्र विश्वास, बीरेंद्र नाथ सरकार, स्मृति दत्ता, रबिंद्र नाथ देबनाथ, प्रकाश चंद्र मण्डल, पल्लव चटर्जी, सोमाली शर्मा और मनोरंजन दास
आज के बैठक की अध्यक्षता बांग्ला के सुप्रसिद्ध कवि समरेन्द्र विश्वास ने किया. संचालन बांग्ला और हिंदी के कवि एवं नाट्यकार प्रकाश चंद्र मण्डल ने अपनी दो छोटी – छोटी बांग्ला कविता से आगाज किया –
•प्रकाश चंद्र मण्डल की कविता का शीर्षक था ‘ मुखस धारी पशु..’ और ‘ एकाकी ‘
•समरेन्द्र विश्वास ने ‘ आसशी भाई..’ शीर्षक से एक उत्कृष्ट कविता का पाठ किया.
•दुलाल समाद्दार ने ‘ मनुष्य ‘ शीर्षक से 2 छोटी – छोटी सारगर्भित रचना को पढ़ा.
•पल्लव चटर्जी ने ‘ बैलेट पेपर ‘ और ‘ भालो बासा नींड़ ‘ शीर्षक से दो कविता को पढ़ा.
•स्मृति दत्ता ने मीता दास लिखित एक हिंदी कविता को बांग्ला में स्वयं द्वारा अनुवाद
किया हुआ पढ़कर सुनाया. शीर्षक था – ‘ गर्म रोटियों का स्वाद और बर्तन मांजती लड़की ‘
•सोमाली शर्मा ने ‘ पथ का दिशा ‘ शीर्षक से एक बांग्ला कविता का पाठ किया.
•बीरेंद्र नाथ सरकार ने ‘ पूबेर आकाश ‘ शीर्षक से एक बांग्ला कविता को पढ़कर सुनाया.
•मीता दास ने एक अनुवादित कविता को पढ़ा.
•’ छत्तीसगढ़ आसपास ‘ के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य ने आज के राजनीतिक परिवेश का विश्लेषण करते हुए 2 छोटी – छोटी मुक्तक ‘ घोटालों के देश में….’ और ‘ तोड़ता है रिश्वत की रोटी…’ को पढ़ा.
अंत में
मनोरंजन दास ने स्वरबद्ध बहुत ही सुंदर फिल्मी गीत गाया. एक बांग्ला और एक हिंदी में.
आभार व्यक्त बांग्ला और हिंदी की कवयित्रि मीता दास ने किया
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