- Home
- breaking
- Chhattisgarh
- छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को दीपावली का गिफ्ट, सरकार ने 4 प्रतिशत बढ़ाया डीए
छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को दीपावली का गिफ्ट, सरकार ने 4 प्रतिशत बढ़ाया डीए
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के कर्मचारियों को दीपावली से पहले बड़ा गिफ्ट मिला है। सीएम विष्णुदेव साय ने कर्मचारियों का डीएम 4 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही कर्मचारियों का डीए अब 46 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत हो गया है।
सबसे खास बात यह है कि कर्मचारियों को यह बढ़ा हुआ डीए अक्टूबर महीने से ही मिलेगा। आज कैबिनेट की बैठक में जाने से पहले सीएम साय ने कर्मचारियों के लिए यह बड़ी घोषणा कर दी है।
कर्मचारियों में खुशी की लहर
प्रदेश सरकार के कर्मचारी लंबे समय से केंद्र के समान डीए करने की मांग कर रहे थे। ऐसे में सरकार ने दीपावली से पहले 4 प्रतिशत डीए बढ़ाकर उन्हें एक बड़ा तोहफा दिया है। सीएम साय द्वारा डीए बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई।
तहसीलदारों-नायब तहसीलदारों पर अपराध दर्ज करने लेनी होगी अनुमति
छत्तीसगढ़ में राजस्व अधिकारियों के लिए न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम लागू कर दिया गया है। अब तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों पर न्यायालयीन कार्य के लिए सीधे अपराध दर्ज नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए राजस्व विभाग से अनुमति लेनी होगी।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत ने प्रदेश के सभी कमिश्नरों और कलेक्टरों को पत्र जारी कर लागू करने के निर्देश दिए हैं। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की ओर से इस मांग को प्रमुखता से उठाया जा रहा था।
पीठासीन अधिकारियों के खिलाफ शिकायत
सचिव के जारी आदेश में कहा गया है कि न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण के पश्चात असंतुष्ट पक्षकारों की ओर से अपील न कर सीधे पीठासीन अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जा रही है।
पुलिस की ओर से प्राथमिकी दर्ज कर पीठासीन अधिकारी को जांच के लिए नोटिस दिया जा रहा है। इस प्रकार न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम 1985 के प्रविधानों के अनुसार राजस्व न्यायालय के पीठासीन अधिकारियों को संरक्षण प्राप्त नहीं हो पा रहा है।
कोर्ट में दायर किया जा रहा मामला
यह भी देखा जा रहा है कि असंतुष्ट पक्षकारों की ओर से पीठासीन अधिकारी के खिलाफ सीधे सिविल न्यायालय में वाद दायर कर दिया जा रहा है। सिविल न्यायाधीश की ओर से स्पष्ट दिशा-निर्देशों के अभाव में पुलिस को प्राप्त शिकायत की जांच के लिए भेजा जा रहा है तथा पुलिस की ओर से प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।