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- ‘साकेत साहित्य परिषद्’ का रजत जयंती समारोह विगत दिनों,तीन सत्रों [वैचारिक संगोष्ठी, सम्मान और कवि सम्मेलन] में हुआ समारोह : सुरगी राजनांदगांव सरस्वती पुत्रों की धरती- डॉ. अभिलाषा बेहार : ‘साकेत साहित्य परिषद्’ ने साहित्य सृजन में एक मिशाल पेश की- सचिन सिंह बघेल
‘साकेत साहित्य परिषद्’ का रजत जयंती समारोह विगत दिनों,तीन सत्रों [वैचारिक संगोष्ठी, सम्मान और कवि सम्मेलन] में हुआ समारोह : सुरगी राजनांदगांव सरस्वती पुत्रों की धरती- डॉ. अभिलाषा बेहार : ‘साकेत साहित्य परिषद्’ ने साहित्य सृजन में एक मिशाल पेश की- सचिन सिंह बघेल
▪️ 20 अक्टूबर को राजनांदगांव के सुरगी में ‘साकेत साहित्य परिषद्’ का रजत जयंती समारोह सम्पन्न हुआ.
▪️ रजत जयंती समारोह तीन सत्रों में किया गया.
▪️ वैचारिक संगोष्ठी, सम्मान और कवि सम्मेलन.
▪️ वैचारिक संगोष्ठी का विषय था – ‘संस्कारधानी राजनांदगांव की समृद्ध साहित्यिक परंपरा एवं साकेत’
▪️ मुख्यअतिथि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार थीं.
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [राजनांदगांव]
राजनांदगांव सुरगी : ‘ साकेत साहित्य परिषद्’ द्वारा साकेत भवन- कर्मा भवन प्रांगण में रजत जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इसके तहत कार्यक्रम तीन सत्र में सम्पन्न हुआ। प्रथम सत्र में वैचारिक संगोष्ठी, द्वितीय सत्र में सम्मान समारोह एवं तृतीय सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। वैचारिक संगोष्ठी का विषय था- ‘‘संस्कारधानी राजनांदगांव की समृद्ध साहित्यिक परम्परा एवं साकेत’’। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अभिलाषा बेहार सचिव, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग उपस्थित थी एवं अध्यक्षता डॉ. दादूलाल जोशी वरिष्ठ साहित्यकार राजनांदगांव ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. पीसी लाल यादव वरिष्ठ साहित्यकार गण्डई, आत्माराम कोशा आमात्य अध्यक्ष छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति जिला ईकाई राजनांदगांव, हरभजन सिंह भाटिया मानस मर्मज्ञ सुरगी, डॉ. दीनदयाल साहू, सम्पादक, चौपाल हरिभूमि रायपुर, डॉ. शंकरमुनि राय विभागाध्यक्ष हिंदी दिग्विजय कॉलेज राजनांदगांव उपस्थित थे। सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. अभिलाषा बेहार ने कहा कि राजनांदगांव संस्कारधानी शहर कहलाता है। यह पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी, गजानन माधव मुक्ति बोध, डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्र, गणेश शंकर शर्मा, गणेश खरे, नन्दूलाल चोटिया जैसे साहित्यकारों की कर्मभूमि रही है। संस्कारधानी राजनांदगांव के ग्राम सुरगी सरस्वती पुत्रों की धरती है। यहां पच्चीस वर्षो से निरन्तर साकेत साहित्य परिषद का संचालन हो रहा है यह इस संस्था के पदाधिकारियों एवं सदस्यों की सक्रियता, जागरूकता एवं कर्मठता का ही प्रतिफल है। निरन्तरता एक ऐसा गुण है जो बड़ा योगदान देने के लिए आवश्यक है ऐसी संस्थाए समाज को दिशा देने का कार्य करती है। साकेत साहित्य परिषद इसी तरह साहित्य साधना में संलग्न रहे और आने वाली पीढिय़ो को संस्कारो से जोड़े रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. दादूलाल जोशी ने कहा कि साहित्यकार समाज को आईना दिखाता है। राजनांदगांव मूर्धन्य साहित्यकारो की धरती है। सुरगी जैसे गांव में लगातार पच्चीस वर्ष से साकेत साहित्य परिषद का चलना एक बड़ी उपलब्धि है। विशिष्ट वक्ता डॉ. पीसीलाल यादव ने कहा कि साकेत साहित्य परिषद ने संस्कारधानी राजनांदगांव की समृद्ध साहित्यिक परम्परा को आगे बढ़ाने का काम किया है। आत्माराम कोशा आमात्य ने कहा कि किसी संस्था द्वारा रजत जयंती मनाना एक बड़ी उपलब्धि है साकेत साहित्य परिषद के कर्मठ साथियो ने पच्चीस वर्ष से इस संस्था को संचालित कर यह साबित कर दिया है कि यदि व्यक्ति के मन में लगन एवं अपने काम के प्रति समर्पण की भावना हो तो किसी भी संस्था को चलाने से कोई बाधा नही रोक सकती। हरभजन सिंह भाटिया ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में साकेत जैसे संस्थाओ के समक्ष कई प्रकार के बाधाओ का आना तय है लेकिन इस संस्था के सभी पदाधिकारियो एवं सदस्यो ने साहस पूर्वक इसका निराकरण कर संस्कारधानी की समृद्ध साहित्यिक परम्परा को जीवन्त बनाए रखने में एक भागीरथ प्रयास कर रहे हैं। डॉ. दीनदयाल साहू ने कहा कि पच्चीस वर्षो से निरन्तर क्रियाशील साकेत साहित्य परिषद सुरगी उत्तरोत्तर वृद्धि कर रहा है यह इस संस्था से जुड़े साहित्यकारो की संघर्ष, तपस्या, कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है। आगे भी संस्था ऊंचाईयो की ओर बढ़ता रहे यही हमारी कामना है। डॉ. शंकरमुनि राय ने कहा कि साकेत साहित्य परिषद सुरगी के रजत जयंती समारोह में उपस्थित होकर स्वयं को धन्य महसूस कर रहा हूँ यह छत्तीसगढ़ प्रदेश की ऐसी संस्था है जो यहाँ के बुद्धिजीवी जन की आत्मा में निवास करती है यही कारण है कि इस आयोजन में नगरों से आकर लोग इस समारोह को सफल बना रहे है। साकेत साहित्य परिषद सुरगी नगर को गाँव की ओर आकर्षित करने वाली संस्था है। आधार वक्तव्य देते हुए वरिष्ठ साहित्यकार एवं साकेत के संरक्षक कुबेर सिंह साहू ने कहा कि साकेत साहित्य परिषद सुरगी की गति िवधियों में परम्पराओ का अतिरेक दृष्टिगोचर होता है। जैसे लोक कलाकारो और लोक सांस्कृतिक मंचो को स्वयं को जोडऩा और उनका सम्मान करना। साकेत साहित्य परिषद सुरगी अपने स्वयं क्षमताओ के बल पर संचालित होता आ रहा है कवियो का समर्पण स्तुत्य है। स्वागत भाषण देते हुए संस्था के अध्यक्ष ओमप्रकाश साहू अंकुर ने संस्था की विकास यात्रा और भावी योजनाओ को रखते हुए संस्था के सदस्यो को रजत जयंती समारोह की हार्दिक शुभकामनाएं दी।अतिथियो का स्वागत संस्था के पदाधिकारियो एवं सदस्यो ने किया। इस सत्र का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार महेन्द्र कुमार बघेल (मधु) ने एवं आभार प्रदर्शन संस्था के सचिव राजकुमार चौधरी रौना ने किया।
द्वितीय सत्र में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें तीन साहित्यिक संस्था और एक लोक सांस्कृतिक संस्था का सम्मान किया गया। इस गरिमामयी आयोजन के मुख्य अतिथि सचिन सिंह बघेल अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक राजनांदगांव एवं अध्यक्षता कोमल सिंह राजपूत पूर्व उपाध्यक्ष कृषि उपज मण्डी राजनांदगांव ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में रोहित चन्द्राकर, अध्यक्ष, भाजपा ग्रामीण मंडल राजनांदगांव, आनन्द राम साहू, सरपंच सुरगी, मनोज साहू महामंत्री, भाजपा ग्रामीण मंडल राजनांदगांव, जीवन लाल साहू अध्यक्ष, मंडल साहू संघ मुड़पार, गुरूचरण सिन्हा, सेक्टर प्रभारी भाजपा सुरगी, कमलेश साहू अध्यक्ष, ग्राम विकास समिति सुरगी, खिलेश्वर साहू सुरगी की उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि सचिन सिंह बघेल ने कहा कि साकेत साहित्य परिषद के रजत जयंती समारोह को देखकर मैं अभिभूत हो गया हूँ। कार्यक्रम बहुत ही व्यवस्थित एवं सुचारू ढंग से संचालित हुआ है जो एक बड़ी संस्था का मिशाल पेश करती है। कोमल सिंह राजपूत ने कहा कि साकेत साहित्य परिषद पच्चीस वर्षो से अनवरत साहित्य साधना में रत है आप सबने ने अभाव में रहकर भी प्रभावी कार्य किये है। साहित्य, संस्कृति कला कौशल को बढ़ावा देने का अविस्मरणीय कार्य किये है। इस हेतु संस्था को हार्दिक बधाई एवं उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ सम्मान की कड़ी में साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु शिवनाथ साहित्य धारा डोंगरगांव, भोरमदेव साहित्य सृजन मंच कबीरधाम, मधुर साहित्य परिषद जिला बालोद और लोक कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु लोक सांस्कृतिक संस्था धरती के सिंगार भोथीपार कला राजनांदगांव को साकेत साहित्य सम्मान प्रदान किया गया। सम्मान पत्र का वाचन क्रमश: मानसिंह ठाकुर, मदन मंडावी, फकीर प्रसाद साहू, कुलेश्वर दास साहू ने किया। इस सत्र का संचालन लखन लाल साहू लहर पूर्व अध्यक्ष एवं आभार व्यक्त थनवार निषाद सचिन कोषाध्यक्ष ने किया। तृतीय सत्र में वीरेन्द्र तिवारी वीरू, रोशन लाल साहू, पवन यादव पहुना, के सरस संचालन में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता रामेश्वर शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. इकबाल खान अध्यक्ष वनांचल साहित्य समिति मोहला, जयकांत पटेल अध्यक्ष पे्ररणा साहित्य समिति बालोद, ग्वाला प्रसाद नटखट अध्यक्ष पुरवाही साहित्य समिति पाटेकोहरा छुरिया, संतोष ठाकुर अध्यक्ष हस्ताक्षर साहित्स समिति दल्ली राजहरा, इंद्रजीत दादर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ कलमकार मंच भिलाई उपस्थित थे। इस अवसर पर अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा, कुंजबिहारी साहू, डॉ. अशोक आकाश, डॉ. प्रवीण साव, डिनेन्द्र साहेब, महेश्वर दास साहू, कुबेर सिंह साहू, ओमप्रकाश साहू अंकुर, महेन्द्र कुमार बघेल मधु, वीरेन्द्र कुमार तिवारी वीरू,राजकुमार चौधरी रौना, लखन लाल साहू लहर, मानसिंह ठाकुर, धर्मेन्द्र पारख मीत, दिलीप कुमार साहू अमृत, शंतुराम गंजीर, पवन यादव पहुना, थनवार निषाद सचिन, डोहर दास साहू, कुलेश्वर दास साहू, चंद्रिका प्रसाद देशमुख,प्यारेलाल देशमुख, दर्वेश आनंद,फागूदास कोसले, फकीर प्रसाद साहू, आनन्द सार्वा, शिवप्रसाद लहरे, कैलाश साहू कुंवारा, रूपलाल साहू, ग्वाला प्रसाद नटखट, डा . चैतराम यादव,डा . चंद्रशेखर शर्मा, डा. रीना कोमरे डा. एस कुमार साहू,,युनुस अजनबी, मदन मंडावी, नंदकिशोर साव नीरव, रोशन लाल साहू, बलराम सिन्हा, याददास साहू, अमृत दास साहू, रामखिलावन साहू, राजेश जगने, दीपेश साव,गजेन्द्र हरिहारनो दीप, दिनेश्वर चंद्राकर,हर्ष देव साहू, ईश्वर साहू बंधी,रितुराज साहू, गुमान सिंह साहू, प्रहलाद मिश्रा, गजपति साहू, कन्हैया लाल बारले, जितेन्द्र पटेल, लखनलाल कलामे, रामकुमार साहू, घनश्याम कुर्रे, मीनेश साहू, राजकुमार मसखरे, कमलेश शर्मा, नंदकुमार साहू नादान, रामकुमार चंद्रवंशी, कोमल सिंह गुरू,हेमलाल सहारे, होरीलाल भुआर्य, माधवी गनवीर, जागृति सार्वा, डाली साहू, रोहिणी पटेल, खिलेश्वरी साहू, अंजलि वाडेकर,दूजराम साहू, समीम अहमद सिद्दकी, बेदराम पटेल, कृष्ण कुमार तिवारी, योगेश्वर प्रसाद दुबे, जीवन लाल साहू, देवनारायण नंगरिहा, अजय चौहान डॉ. एस.एल. गंधर्व, पुष्कर सिंह राज, शिवकुमार अंगारे, पूनाराम यादव, संत राम साहू,भोला राम साहू,जशवन्त मंडावी,जशवंत कुमार चतुर्वेदी, हेमन्तु कुमार साहू, अनिल कुमार साहू, महेश साहू डा.रोशन लाल साहू, चुरामन पटेल, वासुदेव साहू,देवजोशी गुलाब, पुनू राम पटेल,जितेन्द्र कुमार साहू, तोषण साहू, आशीष साहू, संजय साहू,शेखर साहू,खुमेश कुमार साहू, गायत्री साहू,सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं लोक कलाकार उपस्थित थे.
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