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रायपुर दक्षिण सीट पर सुनील सोनी जीते, कांग्रेस के आकाश शर्मा को मिली करारी मात
छत्तीसगढ़ की इकलौती रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव बीजेपी ने जीत का सिलसिला जारी रखा. यहां बीजेपी के सुनील सोनी ने कांग्रेस के आकाश शर्मा को 35 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया. भारतीय जनता पार्टी के सुनील सोनी शुरूआत से आगे रहे और जीत दर्ज की.कांग्रेस के उम्मीदवार बने आकाश शर्मा उन्हें टक्कर भी नहीं दे पाए. जाहिर है तमाम कोशिशों के बावजूद इस बार भी कांग्रेस यहां बीजेपी का किला नहीं ढहा पाई. कांग्रेस ने इस बार सीट पर चेहरा ज़रूर बदला था, लेकिन बीजेपी का दबदबा कायम रहा. आइए जानते हैं ऐसे क्या कारण है, इस सीट पर बीजेपी की ही जीत होती रही है.
रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट ये छत्तीसगढ़ की हाईप्रोफाइल सीट है. वो इसलिए क्योंकि इस सीट पर बीजेपी का दबदबा करीब साढ़े तीन दशकों यानी कि 34 सालों से कायम है. इस बार फिर इतिहास बरकरार रहा. इस सीट पर उपचुनाव इसलिए हुआ क्योंकि विधायक रहे बृजमोहन अग्रवाल इस साल हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए. सीट खाली हुई और भाजपा ने अपना कैंडिडेट रायपुर के पूर्व सांसद और बृजमोहन के करीबी सुनील सोनी को बना दिया. इस सीट पर दबदबा कायम रखना बृजमोहन के लिए भी साख का विषय बन गया. पूरी ताकत झोंकी और एक बार फिर से ये सीट बीजेपी की झोली में आ गई.
आइए पहले जानते हैं इस सीट का इतिहास क्या
साल 1985 में रायपुर में 2 विधानसभा सीटें होती थी, जिस पर कांग्रेस का ही कब्जा था. 1990 के विधानसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे.पहली बार से ही उन्होंने ये सीट जीतकर बीजेपी के खाते में डाली थी.इसके बाद से ही लगातार उन्हें ही टिकट मिल रहा था.कांग्रेस पार्टी ने भी बृजमोहन के सामने चुनाव लड़ने दिग्गजों को उतारा था. लेकिन उनकी भी एक नहीं चली. बृजमोहन अग्रवाल का दबदबा यहां कायम रहा. हर बार टिकट मिलता और जीत दर्ज होती रही.आज भी दबदबा बरक़रार है.
सीट पर BJP ही क्यों ?
छत्तीसगढ़ की राजनीति के जानकार गंगेश द्विवेदी बताते हैं कि इस सीट पर बृजमोहन ने बीजेपी की अनूठी छाप छोड़ी है.इन्हें छत्तीसगढ़ की राजनीति का चाणक्य भी कहते हैं. इसी चाणक्य नीति को अपनाकर हमेशा सफल रहे हैं. रायपुर दक्षिण सबसे पुराना क्षेत्र है.यहां बीजेपी की पकड़ मजबूत है.बीजेपी के परंपरागत वोटर्स की संख्या ज़्यादा है. इसका सीधा फायदा बृजमोहन अग्रवाल को मिलता है.
मैनेजमेंट के माहिर खिलाड़ी हैं. इनकी छवि भी लोगों के बीच काफी अच्छी है. आमजनता से सीधे जुड़कर काम करते हैं. लोगों से भी अच्छे संबंध हैं. ऐसे कई कारण हैं जब इस इलाके में बीजेपी का दबदबा लगातार कायम है. जानकार ये भी कहते हैं कि इस बार बृजमोहन अगर बीच में नहीं आते तो बीजेपी- कांग्रेस की टक्कर निश्चित थी.