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दुर्ग जिले की गौशाला में सात मवेशियों की मौत से हड़कंप, ‘भूख, प्यास की वजह से बेजुबानों ने तोड़ा दम’
छत्तीसगढ़ के दुर्ग (Durg) जिले के नंदिनी थाना क्षेत्र में स्थित गोढ़ी गांव की गौशाला में सात मवेशियों की मौत ने स्थानीय प्रशासन और समाज में हलचल मचा दी है. इस घटना को लेकर पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
गौ सेवा में कार्यरत माधव सेना ने इस घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. माधव सेना के पदाधिकारियों के अनुसार, मवेशियों की मौत भूख, प्यास और उचित देखभाल के अभाव में हुई है.
माधव सेना को ऐसे मिली जानकारी
3 दिसंबर को गांववालों ने माधव सेना को सूचना दी कि गौशाला में कुछ मवेशियों की मौत हो गई है. जब माधव सेना का दल मौके पर पहुंचा, तो गौशाला में कई मवेशियों के शव पड़े हुए थे. संगठन ने तत्काल पुलिस को घटना की जानकारी दी.
पुलिस ने शुरू की जांच, शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए
नंदिनी थाना के प्रभारी मनीष शर्मा ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि ग्रामीणों ने मवेशियों को अपनी फसल बचाने के उद्देश्य से गौशाला में बंद कर दिया था. पुलिस ने सभी मृत मवेशियों के शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं.
और मवेशियों की मौत छुपाने का संदेह
माधव सेना के पदाधिकारी नरेश चंद्रवंशी ने दावा किया कि मरने वाले मवेशियों की संख्या 15 तक हो सकती है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ मवेशियों के शव गौशाला के बाहर फेंके गए हैं, ताकि मामले को दबाया जा सके.
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस ने छत्तीसगढ़ कृषि पशु संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
यह घटना न केवल प्रशासन, बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय है. मवेशियों की उचित देखभाल सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है. भूख और प्यास से मवेशियों की मौत होना मानवीय संवेदनाओं पर सवाल खड़े करता है. सरकार के साथ ही सामाजिक संगठनों को भी मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में किसी बेजुबान की इस तरह से मौत न हो.