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OBC के लिए साय कैबिनेट का बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस आयोग को मिली मंजूरी
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने साल की अंतिम कैबिनेट बैठक में सोमवार को राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के गठन को मंजूरी प्रदान कर दी. इसके अलावा कैबिनेट ने चावल परिवहन की दरों के लिए राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा को मंजूरी दी और चावल मिलरों को लंबित प्रोत्साहन राशि की दूसरी किस्त जारी करने के प्रस्तावों का भी अनुमोदन किया.
ये निर्णय भी हुए
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को कर मुक्त (टैक्स फ्री) घोषित करने का निर्णय लिया था. इसके तहत, इस फिल्म के प्रदर्शन पर प्रवेश शुल्क के रूप में राज्य माल और सेवा कर के बराबर धनराशि की प्रतिपूर्ति का अनुमोदन आज की बैठक में किया गया.
डिप्टी सीएम ने कहा, “स्थानीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था के संदर्भ में, सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पालन पर हमने आयोग का गठन किया. आयोग की अनुशंसा पर अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण की व्यवस्था की गई. अब, जनसंख्या के अनुपात में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बाद, अन्य पिछड़ा वर्ग को अधिकतम 50 प्रतिशत तक आरक्षण मिल सकता है, जबकि पहले यह 25 प्रतिशत था.” उन्होंने कहा कि यह आरक्षण व्यवस्था मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना सहित अन्य राज्यों में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर लागू की गई है.
उन्होंने कहा कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23, 2023-24, और 2024-25 के विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना में धान और चावल परिवहन के दरों के लिए राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा को मंजूरी दी गई. केंद्र सरकार द्वारा परिवहन के लिए एक निर्धारित राशि दी जाती है, लेकिन राज्य स्तरीय समिति वास्तविक खर्च का आकलन करती है और राज्य सरकार उस अंतर को परिवहनकर्ताओं को भुगतान करती है. बैठक में खरीफ वर्ष 2022-23 में चावल मिलरों को लंबित प्रोत्साहन राशि की द्वितीय किश्त देने का भी निर्णय लिया गया.”