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भूकंप से तिब्बत में भारी तबाही, अबतक 55 लोगों की मौत, सैकड़ों घर और सड़कें जमींदोज, भारत समेत 5 देशों की धरती कांपी
चीन के स्वायत्त वाले तिब्बत के शिजांग में आए 7 तीव्रता के भूकंप ने तिब्बत में भारी तबाही मचाई है। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक भूकंप से 55 लोगों की मौत हो गई, जबकि 62 घायल हो गए हैं। वहीं सैकड़ों घर और सड़कें जमींदोज हो गई है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक लोकल अधिकारी लगातार हालात का जायजा ले रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण राहत और बचाव कार्य में दिक्कत हो रही है। इस वजह से हताहतों की संख्या और हुई हानि की अभी वास्तिक जानकारी नहीं आई है। मरने वालों की संख्य़ा बढ़ सकती है।
भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक सुबह 9.05 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 6.30 बजे) आए इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिजांग में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 थी। जबकि AP की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन में भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई है।
नेपाल की सीमा से सटे तिब्बत के पहाड़ी क्षेत्र शिजांग में मंगलवार सुबह एक घंटे के अंदर आए 6 सिलसिलेवार भूकंप आए, जिसमें रिक्टर स्केल पर 7.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप भी शामिल था। भूकंप ने तिब्बत के शिगात्से शहर में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। कई इमारतों समेत इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।
भूकंप से चीन-तिब्बत समेत भारत, नेपाल, बांग्लादेश और भूटान की धरती भी कांपी। सिक्किम समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों, बिहार और पश्चिम बंगाल समेत उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में मंगलवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेपाल की राजधानी काठमांडू में तेज झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सड़कों और खुले स्थानों की ओर भाग गए। हालांकि भारत में किसी बड़े जान-माल की हानि होने की सूचना अभी तक सामने नहीं आई है।
पश्चिम बंगाल में 15 तो बिहार में 5 सेकंड तक हिली धरती
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सुबह (7 जनवरी) 6:37 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए, जो करीब 15 सेकंड तक रहे। वहीं बिहार के मोतिहारी और समस्तीपुर समेत कई इलाकों में सुबह 6.40 बजे के आसपास भूकंप के झटके महसूस हुए। पांच सेकंड तक धरती हिलती रही। साथ ही दिल्ली-एनसीआऱ में भी धरती कांपी। बिहार के मोतिहारी और समस्तीपुर समेत कई इलाकों में सुबह 6.40 बजे के आसपास भूकंप के झटके महसूस हुए। माल्दा सहित उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों और सिक्किम में भी धरती हिलती रही। कहा जा रहा है कि पांच सेकंड तक धरती हिलती रही। लोग भूकंप के झटके महसूस होने पर डरकर अपने घरों से बाहर निकलने लगे।
कितनी तीव्रता कितनी खतरनाक?
कोई भूकंप कितना खतरनाक है? इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है।
- 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
- 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई भारी वाहन आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.
- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.
- 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
- 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं.
- 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं.
- 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है.