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पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में एसआईटी ने कोर्ट में पेश की एक हजार से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट
बीजापुर। पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्या मामले में एसआईटी की टीम ने मंगलवार दोपहर को 1000 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट, बीजापुर व्यवहार न्यायालय में पेश की। इस चार्जशीट में 70 से ज्यादा गवाह के बयान दर्ज हैं। सभी आरोपी अभी जगदलपुर जेल में हैं।
बताया गया कि चारों आरोपीयों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात होगी। जानकारी अनुसार इन सभी आरोपियों की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय दंतेवाड़ा में होने बात कही जा रही है। बीजापुर में चार्जशीट पेश करते वक्त आरोपी पक्ष की ओर से हाईकोर्ट से एक वकील पहुंचे।
सेप्टिक टैंक में चुनवा दी थी लाश
गौरतलब है कि 1 जनवरी 2025 की रात षड्यंत्र पूर्वक युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर शव को सेप्टिक टैंक में चुनवा दिया गया था। 2 जनवरी को मुकेश के भाई युकेश ने कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
मोबाइल लोकेशन से मिला शव
3 जनवरी की देर शाम मोबाइल लोकेशन के आधार पर मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर के चट्टान पारा स्थित बाड़ा से पुलिस ने शव को सेप्टिक टैंक से बरामद किया था। इस मामले में राज्य सरकार ने एसआईटी जांच के आदेश दिए थे।
सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश, दिनेश और सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को गिरफ्त में लेने के बाद तीन दिन बाद हैदराबाद से सुरेश को गिरफ्तार किया गया था।
सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला
मामला गंगालूर से मिरतुर 100 करोड़ रुपये की लागत वाली सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार से जुड़ा था। मुकेश चंद्राकर के द्वारा खबर प्रकाशित करने के बाद से बाद से खफा सुरेश चंद्रकार ने हत्या की साजिश रची थी।
उसने अपने भाई व सुपरवाइजर के जरिए प्लानिंग के तरह मुकेश चंद्रकार की हत्या कर दी गई। इस मामले पर पत्रकारों ने सरकार से उचित कार्रवाही की मांग की और आरोपियों को सख्त सजा देने की आवाज बुलंद की। इसके बाद पुलिस ने सभी 4 आरोपियों को दबोचा और जेल भेजा। अभी भी चारों आरोपी जेल में बंद है।
सुरेश चंद्राकर की प्रापर्टी की कुर्की की मांग
जिस घर से मुकेश का शव बरामद हुआ था, एसआईटी ने उसे सील कर रखा है। पत्रकार मुकेश की हत्या के बाद से सुरेश चंद्राकर की प्रापर्टी कुर्की की मांग की जा रही है। इधर राज्य सरकार ने सुरेश के अवैध अतिक्रमण क्रशर प्लांट को हटाया था। साथ ही सड़क निर्माण में घटिया स्तर का कार्य होने पर सभी कार्य निरस्त करने के अलावा इन्हें ब्लैक लिस्टेड किया गया।
चार पर केस दर्ज
मामले में भ्रष्टाचार के संलिप्तता को लेकर पीडब्ल्यूडी के पूर्व ईई, एसडीओ समेत चार लोगों के विरुद्ध भी मामला दर्ज हुआ है। इन्हें दंतेवाड़ा कोर्ट से जमानत मिली है। सरकार ने इन चारों संलिप्त अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
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