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बाघों की सुरक्षा के लिए लागू होगी बाघ मित्र योजना, सरकार ने हाई कोर्ट में पेश किया जवाब

4 weeks ago
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बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में बाघ और हाथियों जैसे संरक्षित वन्यजीवों की मौत के मामलों को लेकर हाई कोर्ट (High Court wildlife case) गंभीर है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई।

इस दौरान राज्य शासन की ओर से उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने जवाबी शपथपत्र पेश किया। इसमें वन विभाग की ओर से अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई। शपथपत्र में बताया गया कि 17 मार्च को इस मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई।

बैठक में विशेष रूप से बाघों की सुरक्षा और संरक्षण (Chhattisgarh Tiger Conservation) पर विस्तार से चर्चा की गई। बाघों की लगातार हो रही मौत को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश के बाघ मित्र मॉडल का अध्ययन किया गया।

इसके तहत छत्तीसगढ़ के वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने यूपी के विभिन्न बाघ अभयारण्यों और वहां के सीमावर्ती गांवों का दौरा किया और वहां के सफल प्रयासों को समझा। शासन का कहना है कि यूपी मॉडल की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी बाघ मित्र योजना लागू की जाएगी।

मानव-बाघ संघर्ष कम करना मकसद

इसका मकसद मानव-बाघ संघर्ष को कम करना और वन्यजीवों की प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। गौरतलब है कि 8 नवंबर 2024 को कोरिया जिले के गुरु घासीदास नेशनल पार्क के पास देवशील कटवार गांव के समीप नदी किनारे एक बाघ का शव मिला था।

बाघ के नाखून, दांत और आंख गायब पाए गए थे, जिससे इसे शिकार की घटना माना गया। प्रारंभिक रूप से बाघ को जहर देकर मारने की आशंका जताई गई थी। मगर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई और बीमारी को संभावित कारण बताया गया।

कोर्ट ने कहा था- जंगल हो रहे हैं नष्ट… अब बचा क्या

इस घटना पर कोर्ट ने 11 नवंबर को नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि वन्यजीव नष्ट हो रहे हैं, जंगल नष्ट हो रहे हैं… अब बचा क्या? कोर्ट ने वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा पेश कर यह बताने के निर्देश दिए थे कि राज्य में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए अब तक क्या ठोस प्रयास किए गए हैं।

पिछली सुनवाई में 21 नवंबर को अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) द्वारा दाखिल हलफनामे में भी राज्य सरकार की ओर से उठाए गए संरक्षण उपायों की जानकारी दी गई थी। कोर्ट ने इस पूरे मामले को अपनी निगरानी में रखते हुए अगली सुनवाई की तारीख 14 जुलाई तय की है।

मामले की मुख्य बातें

  • हाईकोर्ट में बाघ और हाथियों की मौत पर जनहित याचिका पर सुनवाई।
  • शासन ने हलफनामा दाखिल कर बताया, बाघ मित्र योजना लागू करने की तैयारी।
  • यूपी मॉडल को अपनाकर मानव-बाघ संघर्ष को कम करने की कोशिश।
  • कोरिया जिले में बाघ की संदिग्ध मौत पर कोर्ट पहले ही जता चुका है नाराजगी।
  • कोर्ट ने पूछा था- जब जंगल और जानवर नहीं बचेंगे, तो कैसे चलेगा।
  • मामले में अब अगली सुनवाई 14 जुलाई 2025 को होगी।

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