लघुकथा, उपयोग- महेश राजा, महासुमन्द-छत्तीसगढ़ 4 years ago 'यह हमारे नगर के गौरव है।लेखक है,कहानियां, लघुकथाए आदि लिखते है।भारत कीलगभग हर पत्र पत्रिकाओ मे उनकी रचनाऐ प्रकाशित होती रहती है।"-मित्र ने अपने एक...
कहानी, चुनी हुई ज़िंदगी- संतोष झांझी, भिलाई-छत्तीसगढ़ 4 years ago उसे ऐसा क्यों लग रहा था कि कोई उसे घूर रहा है।उसने गाते गाते रिकार्डिंग रूम के शीशे के उसपार खड़े तीनों लोगों पर नजर...
कहानी, बाबूजी- डॉ. नलिनी श्रीवास्तव, भिलाई-छत्तीसगढ़ 4 years ago शौर्य को अपने ऑफिस में असिस्टेंट मैनेजर का आर्डर मिला। उस आर्डर को शौर्य बार-बार पढ़ने लगा। पढ़ते-पढ़ते उसके आँखों मे आंसू आ गया। उसे...
लघुकथा, जीवन के रंग अनेक- महेश राजा 4 years ago कुछ दिनों से वह देख रहा था कि पत्नी कुछ बुझी बुझी सी रहती है,बीमार भी लग रही थी। विवाह के बाद कुछ बरस ऐसा...
साहित्य, मैं शिवनाथ हूँ- अंशुमन राय 4 years ago मैं शिवनाथ हूँ।जी हाँ।आपने ठीक पहचाना ,मैं वही शिवनाथ हूँ,जो छत्तीसगढ़ के अनेक शहरों की जीवनरेखा है।मैं वही शिवनाथ नदी हूँ,जो कभी सूखता नहीं है।चाहे...
लघुकथा, उधार की सांसें -विक्रम ‘अपना’ 4 years ago ये छोटे लोग हैं। इनसे दोस्ती मत करो। पड़ोस के मंगलू मजदूर की बेटी राधा की ओर इशारा करते हुए ऐश्वर्या की मम्मी ने कहा।...
लघु कथा, दर्द की लकीरें- महेश राजा, महासमुंद-छत्तीसगढ़ 4 years ago दीपावली की शाम।पूजा आराधना सम्पन्न हो गयी थी।वे सपत्नीक बच्चों की बातें कर रहे थे। तभी पाठकजी पहुंचे।कलीग थे ।रिटायर हो गये थे।एक बेटा बैंक...
लघु कथा, गणित- सुरेश वाहने, कुम्हारी-छत्तीसगढ़ 4 years ago काम करने वाली बाई राधा ने काम निपटाकर पूछा -''अब मैं जाऊँ मालकिन?" मालकिन ने कहा -''लेट तो हो चुकी हो राधा, तो पाँच मिनट...
लघु कथा, रोशन दीपावली- विक्रम ‘अपना’, नंदिनी अहिवारा-छत्तीसगढ़ 4 years ago बॉर्डर पर युद्ध छिड़ गया था। फौजियों की छुट्टियाँ कैंसल हो गई थी। चारों ओर से गोलीबारी जारी थी। लांस नायक अभिजीत बहादुरी से मोर्चा...
लघु कथा, दो दिये- महेश राजा, महासमुंद-छत्तीसगढ़ 4 years ago कालोनी में पिछले दिनों ही एक बुजुर्ग की मौत हुई।वे बहुत भले इंसान थे।चारों तरफ मातम पसरा था। त्योहार था।सभी घरों में साफ सफाई हो...