लघु कथा, मुस्कुराता दीपक 4 years ago महेश राजा महासुमन्द-छत्तीसगढ़ रोशनी का पर्व। हर घर में दीपक रोशन थे। एक कालोनी के फ्लैट में रंगबिरंगी जगमगाती लाईट जल रही थी।सब कुछ चमक...
लघु कथा, दीपावली आ गई ?- विक्रम ‘अपना’, नंदिनी अहिवारा-छत्तीसगढ़ 4 years ago ले मीना!! मालकिन ने पॉलीथिन में लपेटकर साड़ी देते हुए कहा। मालकिन से डेढ़ सौ रुपये की नई साड़ी पाकर मीना आज बहुत खुश थी।...
लघु कथा, अंधेरा उजाला- महेश राजा, महासुमन्द-छत्तीसगढ़ 4 years ago सडक के इस छोर से उस छोर तक रोशनी ही रोशनी झगमगा रही थी।रंगबिरंगी आतिशबाजी यां हो रही थी।लोग नये नये कपडों में सजे धजे...
लघु कथा, फ़्री हो क्या ? -शुचि ‘भवि’ 4 years ago फ़्री हो क्या? फोन उठाते ही यह प्रश्न सुन मीटिंग में बैठी डायरेक्टर रैंक की प्रीतो ने उत्तर दिया,नहीं अभी नहीं , मीटिंग में हूँ,...
लघु कथा, वर्चुअल रिश्ते – विक्रम ‘अपना’ 4 years ago इन्टरनेट से चैट हुआ। पहले स्क्रीन पर हाई रेज्यूलेशन प्यार-इकरार हुआ। फिर चट मंगनी, पट ब्याह हुआ। जिसमें वर्चुअल घराती-बाराती शामिल हुए। अगले ही महीने...
लघु कथा, अपना चेहरा -महेश राजा, महासुमन्द-छत्तीसगढ़ 4 years ago बस छूटने ही वाली थी।दरवाजे की तरफ से अजीब सा शोर उठा,जैसे कोई कुत्ता हकाल रहा हो।परेशानी और उत्सुकता के मिले जुले भाव लिये मैंने...
लघु कथा, नये फर्नीचर -महेश राजा, महासुमन्द-छत्तीसगढ़ 4 years ago त्यौहार सिर पर थे। ढेर सारी तैयारियां करनी शेष थी।वनिता जी परेशान थी।वे समाज सेविका थी।घर पर काफी लोगों का आना जाना था।इस बार फर्नीचर...
लघु कथा, खरगोश औऱ कछुए की- महेश राजा, महासुमन्द-छत्तीसगढ़ 4 years ago खरगोश और कछुए की हमेंँशा की तरह इस बार भी कछुए और खरगोश मे दौड़- प्रतियोगिता हुई। हर बार की तरह इस बार भी कछुआ...
लघु कथा, दिवाली की सफाई- महेश राजा, महासुमन्द-छत्तीसगढ़ 4 years ago दिपावली का त्यौहार नजदीक था।बेटा देश से आया हुआ था। घर में सब खुश थे। घर के मुखिया साहित्य से जुडे थे।घर में एक पूरा...
करवाचौथ पर विशेष, औऱ चांद खिल उठा- महेश राजा, महासुमन्द-छत्तीसगढ़ 4 years ago बहुत शानदार जोडी थी,दोनों की।पति जी एक आफिस में अफसर थे।पत्नी जी एक स्कूल में अंग्रेजी पढाती थी। जैसा कि आम दाम्पत्य जीवन में होता...