संस्मरण, ननिहाल की छत -अंशुमन राय, इलाहाबाद-उत्तरप्रदेश 4 years ago क्या! अरे!मामा लोग अपना घर बेचकर कोलकाता जा रहे हैं ? अचानक ज्ञात हुआ कि मामा, मामी, नानी यानी समस्त लोग अपना मकान इलाहाबाद का...
कथा, उतार-चढ़ाव- महेश राजा, महासमुंद-छत्तीसगढ़ 4 years ago उतार-चढ़ाव कुछ दिनों से वह देख रहा था कि पत्नी कुछ बुझी बुझी सी रहती है,बीमार भी लग रही थी। विवाह के बाद पहले कुछ...
लघु कथा, क़िस्मत- डॉ. सोनाली चक्रवर्ती 4 years ago लघुकथा- किस्मत श्री 'क' की बेटी बड़ी अच्छी लड़की है। ससुराल जाते ही सबका मन जीत लिया उसने। सास की इतनी सेवा करती है कि...
लघु कथा, गर्दिश के दिन- संतोष झांझी, भिलाई-छत्तीसगढ़ 4 years ago गर्दिश के दिन मुंह से निकला एक शब्द कभी कभी इन्सान का पूरा परिचय देकर उसकी वर्षों से संजोई अच्छाई को पलभर मे धो सकता...
शरद पूर्णिमा, खीर औऱ साहित्य- महेश राजा 4 years ago शरद पूर्णिमा पर कर्मचारी वर्ग ने एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया था। देर रात चले कार्यक्रम में कवियों ने अपनी रचना से खूब वाहवाही...
2 लघु कथा- महेश राजा, महासमुंद-छत्तीसगढ़ 4 years ago 1-कबाड़ी महिमा नगर के मुख्य अखबार में प्रथम पृष्ठ पर एक खबर छपी थी,कि नगर के एक कबाडी के यहांँ छापा पडा।एक करोड से ज्यादा...
लघु कथा, गोल-गोल रोटी – नीलम जायसवाल, भिलाई-छत्तीसगढ़ 4 years ago गोल-गोल रोटी जूही को दुल्हन बन कर आए लगभग पांच साल हो गए हैं।ससुराल में पति, दो साल का बेटा सुयश, सास-ससुर के अलावा एक...
लघु कथा, मन-मयूर – विक्रम ‘अपना’, नंदिनी-अहिवारा,छत्तीसगढ़ 4 years ago मन-मयूर (लघुकथा) अखिल ब्रह्मांड के एकमात्र पुरुष, घनश्याम, प्रकृति राधा के साथ रासलीला कर रहे थे। सांय-सांय कर चलती हवा के झोंके, उनके बांसुरी की...
विजया दशमी विशेष, रावण दहन- महेश राजा, महासमुंद, छत्तीसगढ़ 4 years ago रावण दहन दशहरे का पावन पर्व ।शाम को रावण दहन का कार्यक्रम था। हर वर्ष बच्चों को लेकर रावण भाटा जाना होता था।इस बार पडौस...
कहानी, संकल्प- सरला शर्मा 4 years ago संकल्प शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन है, धूप तेज तो नहीं है पर ठंड भी नहीं है स्वेटर साथ लेना पड़ा मां की जिद पूरी...