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जिला कलेक्टर ने जारी किया दशहरा आयोजन संबंधी सभी जरुरी दिशा निर्देश.
जिला प्रशासन ने दशहरा के मद्देनजर दिशानिर्देश जारी किये हैं। आज जारी किये गये आदेश में कतिपय ऐसे नियम भी तय कर दिये गये हैं जिसका पालन सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए भी संभव प्रतीत नहीं होता। कारण यह कि, कागजों पर जारी नियम कायदों का किस तरह पालन किया अथवा कराया जा रहा है इस बात की जमीनी स्तर पर निगरानी करने हेतु आवश्यक तंत्र नदारद हैं। नवरात्रि पर्व को देखते हुए पूर्व में जारी किये गये प्रशासनिक दिशानिर्देशों का सरेआम उल्लंघन हो रहा है। परन्तु प्रशासन द्वारा अब तक किसी भी दोषी व्यक्ति अथवा संस्थान के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। कुछ यही हश्र दशहरा पर्व के आयोजन हेतु जारी दिशानिर्देशों का भी हो सकता है। आज जारी की गई गाईडलाईन के अधिकांश निर्देशों का पालन मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। यह बात प्रशासनिक अधिकारी खुद दबी जुबान स्वीकार कर रहे हैं।
दुर्गोत्सव के दौरान कई स्थानों पर मेेले लगे, भागवत कथाओं का आयोजन भी किया जा रहा है, पंडालों में क्षमता से भीड़ उमड़ रही है। परन्तु भीड़ नियंत्रित करने की न तो कोई व्यवस्था नहीं की जा सकी। कोरोना की तीसरी लहर को रोकने प्रशासन की मंशा तो अच्छी और जारी दिशानिर्देश भी इसमें भरपूर सहायक हो सकते हैं। परन्तु प्रशासनिक निगरानी के मजबूत तंत्र के अभाव में सारी सदिच्छायें व्यर्थ ही साबित हो रही हैं।
नोबल कोरोना वायरस के संक्रमण एवं नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए तथा आगामी माह में कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या में वृद्धि की संभावना है। जिसे रोकने एवं नियंत्रण में रखते हेतु सभी संबंधित उपाय अमल में लाया जाना उचित एवं आवश्यक हो गया है। आगामी दशहरा पर्व में शहर में विभिन्न स्थानों में रावण पुतला दहन करने वाले आयोजकों की बैठक में लिए गये निर्णय अनुसार रावण पुतला दहन के संबंध में निम्नानुसार निर्देश प्रसारित किया जता है –
. पुतला दहन खुले स्थान पर किया जाये।
. कार्यक्रम में समिति के मुख्य पदाधिकारी समेत केवल 50 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति दी है।
. पुतला दहन के दौरान आयोजन की वीडियोग्राफी करानी होगी।
. मूर्ति विसर्जन 14 एवं 15 अक्टूबर को अनिवार्य रूप से करना सुनिश्चित करेंगे।
. पुतला दहन कार्यक्रम में समिति के मुख्य पदाधिकारी सहित स्थल की क्षमता का 50 प्रतिशत से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं होंगे।
सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी।
. पुतला दहन के दौरान आयोजक एक रजिस्टर संधारित करेंगे एवं पुतला दहन कार्यक्रम में आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाईल नंबर दर्ज किया जायेगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कॉन्टेक्ट टे्रसिंग किया जा सके।
. पुतला दहन में कहीं भी सांस्कृतिक कार्यक्रम, भंडारा, पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी।
. आयोजन में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को सोशल/फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना एवं समय-समय पर सैनिटाईजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
रावण दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे में आवश्यकता अनुसार अनिवार्यत: बैरिकेटिंग कराया जावे।
. आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे, धुमाल बैण्ड पार्टी की अनुमति नहीं होगी। रावण पुतला दहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकि की अनुमति नहीं होगी।
. कार्यक्रम के आयेाजन के दौरान अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था अनिवार्यत: किया जाना होगा।
. आयोजन के दौरान यातायात नियमों का पालन किया जावे, किसी प्रकार का यातायात बाधित न हो यह सुनिश्चित किया जावे। पार्किंग की व्यवस्था स्वयं की जावे।
. आयोजन के दौरान प्रदूषण मानकों का पालन व प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्धारित मानकों, कोलाहल अधिनियम, भारत सरकार, माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाना होगा, नियमों का उल्लंघन करने पर समिति/आयोजक जिम्मेदार होंगे।
कन्टेन्मेन्ट जोन में पुतला दहन की अनुमति नहीं होगी। यदि पुतला दहन कार्यक्रम के अनुमति के पश्चात उपरोक्त क्षेत्र कन्टेन्मेन्ट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल कार्यक्रम निरस्त माना जावेगा एवं कन्टेन्मेन्ट जोन के समस्त निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
. आयोजन के पूर्व अपने क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी (रा.)/ स्थानीय थाना प्रभारी/संंबंधित जोन कार्यालय को सूचित करना अनिवार्य होगा।
. आयोजन के दौरान किसी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन न किया जावे।
. आयोजन के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो इस हेतु पर्याप्त वॉलेन्टियर रखा जावे एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जावे।
. यह आदेश राज्य शासन द्वारा जारी नियमों एंव निर्देशों के अधीन होगा।
. उपरोक्त शर्तों के उल्लंघन करने की दशा में इसकी समस्त जवाबदारी आयोजक की होगी तथा नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
इन सभी शर्तों के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग तथा जिला प्रशासन दुर्ग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश/आदेश का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा।
यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा तथा आदेश मे निहित शर्तों का उल्लंघन करने पर एपिडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल अन्य सुसंगत धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही की जावेगी।