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छत्तीसगढ़ के सूफी गायक मदन चौहान को मिला पद्म सम्मान, प्रदेशवासियों में खुशी की लहर.
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध सूफी गायक मदन चौहान को सोमवार सुबह 11 बजे दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। सम्मान प्रदान करते समय राष्ट्रपति महामहिम श्री कोविंद जी ने मदन चौहान से कहा ‘ छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया ‘। यह सुनकर और पद्मश्री पुरस्कार पाकर मदन चौहान भावुक हो गए।
राष्ट्रपति जी को याद था कि उन्होंने छत्तीसगढ़ दौरे के समय मदन चौहान को चक्रधर सम्मान भी प्रदान किया था। सम्मान समारोह के बाद आयोजित भोज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी प्रदेश के पद्मश्री पाने वालों से मुलाकात की। इसी दौरान प्रधानमंत्री ने मदन चौहान से कहा कि वे उनका सूफी गीत कभी न कभी अवश्य सुनेंगे। इस पर श्री मदन ने भी कहा कि जब आदेश देंगे, वे सुनाने को हाजिर हो जाएंगे।
कोई खास तैयारी नहीं की, रोजाना वाली पोशाक पहनी
मदन चौहान ने पुरस्कार हासिल करने के बाद बताया कि पुरस्कार लेने के लिए उन्होंने कोई खास तैयारी नहीं की। संगीत प्रस्तुत करते समय हमेशा जो कुर्ता पायजामा जैकेट पहनते हैं, वही पोशाक पद्मश्री सम्मान हासिल करते हुए पहनी। राष्ट्रपति के हाथों उन्हें दूसरी बार पुरस्कार मिलने के पल को कभी भूल नहीं सकता। यह सम्मान पूरे छत्तीसगढ़ का सम्मान है, और संगीत का सम्मान है। मुझे गर्व है कि मैं छत्तीसगढ़िया हूं।
9 नवंबर को लौटेंगे रायपुर
राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने के बाद श्री चौहान 09 नवंबर की शाम राजधानी वापस लौटेंगे। माना एयर पोर्ट पर संगीत रसिक और उनको चाहने वाले स्वागत करेंगे।
मालूम हो कि मदन चौहान छत्तीसगढ़ के उन गायकों में से एक हैं, जिन्हें सूफी गायन,वादन की खूबियों के लिए याद किया जाता है। सुगम गायन के क्षेत्र में उनका विशेष स्थान है। गत 50 वर्षों की अथक साधना के बाद उन्हें पद्मश्री पुरस्कार दिया गया है।
वे राज्य के इकलौते कलाकार हैं, जिन्हें छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में महामहिम रामनाथ कोविंद के हाथों चक्रधर सम्मान प्राप्त हुआ था। अब उन्हें पुन: महामहिम राष्ट्रपति श्री कोविंद के ही हाथों भारत सरकार का अलंकरण पद्मश्री से गौरवांवित होने का अवसर मिला है।
पिछले साल 2020 में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मश्री पुरस्कार के लिए छत्तीसगढ़ से एकमात्र मदन सिंह चौहान के नाम की घोषणा की गई थी। कोरोना महामारी के कारण बीते वर्ष मार्च-अप्रैल में होने वाले पुरस्कार समारोह को टाल दिया गया था।