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- ■आयोजन : सामाज़िक एवं सांस्कृतिक समूह ‘कुटुंब’ व ‘संधान’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘वरिष्ठ नागरिक और हमारा सामाजिक दायित्व’ पर संगोष्ठी.
■आयोजन : सामाज़िक एवं सांस्कृतिक समूह ‘कुटुंब’ व ‘संधान’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘वरिष्ठ नागरिक और हमारा सामाजिक दायित्व’ पर संगोष्ठी.
♀ समाज का निर्माण निरंतर संघर्ष से ही सम्भव है-पद्मश्री फुलबासन बाई यादव.
♀ वरिष्ठ नागरिकों की अहर्निश सेवा के लिए ‘श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन’ का हुआ सम्मान.
♂ ‘श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन’ की अध्यक्ष श्रीमती सरिता श्रीवास्तव, कार्यकारी अध्यक्ष अरुण श्रीवास्तव, सीमा श्रीवास्तव एवं जसबीर कौर को फुलबासन बाई ने शॉल, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया.
■भिलाई
सामाजिक एवं सांस्कृतिक समूह कुटुम्ब तथा संधान संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में “वरिष्ठ नागरिक और हमारा सामाजिक दायित्व ” विषय पर संगोष्ठी का गरिमामय आयोजन सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों की निरंतर निःस्वार्थ सेवा के लिए श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन को सम्मानित किया गया।
समारोह की मुख्य अतिथि पद्मश्री फुलबासन बाई ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों एवं वृद्ध जनों के जीवन उत्थान के लिये समाज के सभी अंगों को मिल जुलकर काम करने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में वरिष्ठ जनों को अपने जीवन मे अनेक तरह की चुनौतियों एवं परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।एक तरफ हमारे समाज में संवेदनहीनता बढ़ रही है और दूसरी तरफ हमारा परम्परागत सामाजिक-पारिवारिक ढांचा भी टूट रहा है।ऐसी अवस्था में वरिष्ठ जनों के प्रति हमारा आत्मीय और संवेदनशील व्यवहार ही उनके जीवन मे खुशी और प्रेम के रंग भर सकता है।फुलबासन बाई ने कहा कि श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन जैसी समर्पित संस्थाएं बहुत प्रशंसनीय कार्य कर रही हैं।इस अवसर पर फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती सरिता श्रीवास्तव, कार्यकारी अध्यक्ष अरुण श्रीवास्तव, सीमा श्रीवास्तव एवं जसबीर कौर को फुलबासन बाई ने शाल,श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया।
सम्मान ग्रहण करने के उपरांत श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के कार्यकारी अध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि यह सम्मान हमारे लिये ऊर्जा और प्रेरणा का पर्याय है।वरिष्ठ जनों की सेवा करके हमें जो संतोष और सुख प्राप्त होता है उसे शब्दों मे बयान नहीं किया जा सकता।
समारोह के प्रारंभ मे आयोजकीय वक्तव्य देते हुए प्रो.डी.एन.शर्मा ने कहा कि यह वैचारिक संगोष्ठी और सम्मान समारोह आयोजित करने के पीछे हमारा उद्देश्य यही है कि हम समाज के अधिकाधिक लोगों को वरिष्ठ जनों के प्रति जिम्मेदार बनाएं।संगोष्ठी के वक्ता वीरेंद्र सतपथी ने छोटी छोटी कहानियों के माध्यम से वरिष्ठ जनों की समस्याओं की व्याख्या की।इस संबंध मे संविधान की कतिपय धाराओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वरिष्ठ जनों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हम सबको आगे आना चाहिए।प्रो.हरिनारायण दुबे ने इस विषय मे शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका का जिक्र किया और कहा कि नैतिक शिक्षा को ज्यादा कारगर और समाजोपयोगी बनाकर हम अपनी भूमिका का विस्तार कर सकते हैं।डा.अंजना श्रीवास्तव ने कहा कि समाज शास्त्रियों को बदलते हुए सामाजिक परिवेश का अध्ययन करके अपने निष्कर्ष से इस संबंध मे राय और सलाह देनी चाहिए।संगोष्ठी को डा. आभा शशि कुमार एवं एन.एन.राव ने भी संबोधित किया।
समारोह का संचालन डा.अनिता सावंत ने तथा आभार प्रदर्शन शायर मुमताज ने किया।समारोह मे रवि श्रीवास्तव, विनोद साव,डा.एच.आर.वार्षणेय,डा.अशोक गणवीर,भावना पाण्डेय, अरविंद सिंह, राजेंद्र सोनबोईर,विद्या गुप्ता, संजय दीवान ,ई.वी.मुरली ,राघवेंद्र सिंह,अनिता करडेकर,प्रदीप भट्टाचार्य,ऋषि गजपाल,शंकर चरण पाण्डेय, पोलम्मा,दीपक दास,महेश चतुर्वेदी, राजेश प्रजापति, राहुल पटेल, सुमीत ताम्रकार, रफीक,वीरेंद्र पाण्डेय आदि अनेक प्रबुद्धजन मौजूद थे।
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