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- ■भिलाई : स्वरूपानंद महाविद्यालय में ‘विश्व मृदा दिवस’ पर परिचर्चा एवं मिट्टी की अम्लता औऱ परीक्षण.
■भिलाई : स्वरूपानंद महाविद्यालय में ‘विश्व मृदा दिवस’ पर परिचर्चा एवं मिट्टी की अम्लता औऱ परीक्षण.
■स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको-भिलाई में ‘माइक्रोबायोलॉजी विभाग’ के छात्रों द्वारा ‘विश्व मृदा दिवस’ आधिकारिक रूप से मनाया गया.
डॉ. शमा अफरोज बेग ने बताया कि इस वर्श ‘‘विश्व मृदा दिवस’’ की थीम और उद्देश्य ‘‘मिट्टी की लवणता को रोकें, मिट्टी की उत्पादकता को बढ़ावा है। इस दिन को मिटटी प्रबंधन के महत्व, इसे सुरक्षित रखने हेतु समर्पित किया गया है। क्योंकि हमारा भविष्य स्वस्थ्य मिट्टी पर निर्भर करता है पौधो की वृध्दि पर मिटटी की लवणता का मुख्य प्रभाव जल अवशोषण में कमी, और उसके कारण फसलें मुरझा जाती है और मर जाती है।
आईपीबीईएस रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्श लगभग पॉच अरब एकड़ भूमि लवणता से प्रभावित होती है।
एमएससी तृतीय समेस्टर के छात्रों ने मृदा के विभिन्न परतों को दर्षाते हुए मृदा परिच्छेदिका का निर्माण किया। विभिन्न स्थानो की मिट्टी लाकर उसका परीक्षण कर उसकी क्षारीयता और अम्लता का परीक्षण किया।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगो को मिटटी के महत्व के बारे में जागरूक करना है। उन्होने लोगो को रासायनिक खाद का कम उपयोग करने हेतु प्रेरित किया क्योकि इससे मिटटी की उपजाउ क्षमता घटती जा रही है।
प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मृदा के स्वास्थ्य पर महत्व देते हुए उसके संरक्षण के संदर्भ में जागरूकता पैदा कर मृदा क्षरण को रोकना है।
मृदा परिच्छेदिका निर्माण एंव मृदा परीक्षण में योगप्रज्ञा साहू, रोनी देवांगन, तेजेश्वर कुमार,लीला देवांगन, प्राची दीवान आदि ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक प्राध्यापक माइक्रोबायोलाजी अमित कुमार साहू एवं योगिता लोखांडे का विशेष योगदान रहा।
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