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- ■छत्तीसगढ़ : स्वरूपानंद महाविद्यालय में प्रदूषण नियंत्रण पर स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन.
■छत्तीसगढ़ : स्वरूपानंद महाविद्यालय में प्रदूषण नियंत्रण पर स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन.
■आयोजन : स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, आमदी नगर,हुडको,भिलाई.
■भिलाई
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में रसायन विभाग एवं आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वाधान से राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर अंर्तविभागीय स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
रसायन शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रजनी मुदलियार कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा की बढ़ते हुए प्रदूषण का मानव जीवन तथा पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है तथा प्रदूषण नियंत्रण करना अति आवश्यक है तथा समाज में इसके प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना भी अति आवश्यक है जिसे छात्र-छात्राओं द्वारा प्रभावी रूप से स्लोगन प्रतियोगिता के माध्यम से उजागर किया गया।
महाविद्यालय के सीओओ डॉ. दीपक शर्मा ने पर्यावरण प्रदूषण व मानव स्वास्थ्य को जोड़ते हुए इसके नियंत्रण को एक अभिन्न पहलू बताया तथा दिल्ली में केवल प्रदूषण के कारण हुए लॉकडाउन का उदाहरण देते हुए पर्यावरण प्रदूषण की गंभीरता को समझाया।
प्राचार्या डॉ. हंसा शुक्ला ने प्रकृति का ना करें हरण आओ बचाए पर्यावरण, स्लोगन से पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण को सुरक्षित करने का संदेश दिया।
शिक्षा विभाग की विभागध्यक्ष एवं उप प्राचार्या डॉ. अजरा हुसैन, ने पर्यावरण प्रदूषण के नियंत्रण के लिए इस तरह के प्रयास की सराहना की।
प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ. सुनीता गुप्ता ,सहायक प्राध्यापक, शासकीय वामन वासुदेव पाटणकर कन्या महाविद्यालय एवं डॉ. अरविंद साहू ,सहायक प्राध्यापक. सेंट थॉमस कॉलेज रूआबांधा सेक्टर भिलाई थे|
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी संकायो के विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम पुरस्कार यशस्वी सिंह, बीबीए-पंचम सेम, द्वितीय पुरस्कार स्नेहा एच नायक, बीबीए-प्रथम सेमेस्टर तथा तृतीय पुरस्कार भूमिका देवांगन, एमएससी- (रसायन) प्रथम सेमेस्टर को दिया गया। यशस्वी सिंह ने वाहनों के प्रयोग से होने वाली प्रदूषण तथा साइकिल के उपयोग को इसका समाधान बताया तथा स्लोगन के माध्यम से पानी बचाने तथा पेड़ लगाने का संदेश दिया। नेहा नायक ने ‘‘स्टॉप पाल्युशन द मदर अर्थ इज सफरिंग’’ स्लोगन के माध्यम से प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों को प्रस्तुत किया। भूमिका देवांगन ने ‘‘डोन्ट बी ग्रीडी इट्स टाईम टू ग्रीनरी’’ स्लोगन के माध्यम से प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों को बताया तथा एक सकारात्मक और प्रदूषण रहित ग्रीन अर्थ की सुंदर कल्पना की। उन्होंने पृथ्वी में जीवन की सुरक्षा के लिए प्रदूषण का निवारण करने का संदेश दिया।
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