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- ■छत्तीसगढ़ : डॉ. पीसी लाल यादव को ‘दुष्यंत संग्रहालय’ के रजत जयंती वर्ष में ‘भाषा सम्मान’ दिया गया.
■छत्तीसगढ़ : डॉ. पीसी लाल यादव को ‘दुष्यंत संग्रहालय’ के रजत जयंती वर्ष में ‘भाषा सम्मान’ दिया गया.
“स्मृतियों को सहेजना एक महत्वपूर्ण कार्य है. दुष्यंत संग्रहालय ने धरोहर को सहेजते हुए 25 वें वर्ष में प्रवेश कर किया, यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है.”- ये उदगार वरिष्ठ लेखक और रविंद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सन्तोष चौबे ने व्यक्त किये. वे संग्रहालय के 25 वें स्थापना समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे.
मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए वरिष्ट साहित्यकार और पूर्व अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि “दुष्यंत संग्रहालय अपने पूर्वज लेखकों की धरोहर को आने वाली पीढ़ी के लिए सहेजने का काम कर रहा है. विश्व के दूसरे देशों में इस तरह के विपुल काम हुए है.”
दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय के रजत जयंती वर्ष का शुभंकर (लोगो) जारी करते ही संग्रहालय का रजत जयंती वर्ष आरम्भ हो गया. मुख्यअतिथि श्री मनोज श्रीवास्तव, समारोह अध्यक्ष श्री सन्तोष चौबे एवं संग्रहालय के मुख्य संरक्षक श्री विजय वाते ने संग्रहालय के स्थापना दिवस के अवसर पर यह शुभंकर जारी किया. इस अवसर पर मुरादाबाद के श्री माहेश्वर तिवारी को दुष्यंत कुमार राष्ट्रीय अलंकरण प्रदान किया गया. इसके साथ ही राजनांदगांव के डॉ पीसीलाल यादव को आंचलिक भाषा सम्मान और भोपाल के 95 वर्षीय गीतकार श्री यतीन्द्रनाथ राही को सुदीर्घ साधना सम्मान से सम्मानित किया गया.
आरम्भ में मुख्य संरक्षक श्री विजय वाते ने स्वागत वक्तव्य दिया. अध्यक्ष श्री रामराव वामनकर ने संग्रहालय के 25 वर्षों के सफ़र पर प्रकाश डाला.
अतिथियों ने संग्रहालय की भित्ति पत्रिका ‘बयान’ पर दुष्यंत कुमार की ग़ज़ल का अनावरण भी किया.
कालजयी साहित्यकार माखनलाल चतुर्वेदी की प्रसिद्द कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ के शताब्दी प्रसंग पर उन्ही की आवाज़ में यह कविता सुनवाई गई, जो संग्रहालय में सुरक्षित है.
इस समारोह में दुष्यंत कुमार के सुपुत्र श्री आलोक त्यागी ने विशेष रूप से उपस्थित होकर संग्रहालय को बधाई और शुभकामनाएं प्रदान की.
समारोह के दूसरे दिन सर्व श्री माहेश्वर तिवारी, यतीन्द्रनाथ राही, डॉ पीसीलाल यादव एवं मयंक श्रीवास्तव ने रचनापाठ किया. इस सत्र का सञ्चालन श्री अशोक निर्मल ने किया.
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