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- ■भारतीय भाषा मंच छत्तीसगढ़ द्वारा ऑन लाइन अवधी और छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन.
■भारतीय भाषा मंच छत्तीसगढ़ द्वारा ऑन लाइन अवधी और छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन.
■अवधी और छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन भाषा समन्वय पर बल दिया गया.
■प्रांतीय संयोजक डॉ. बलदाऊ राम साहू ने कहा- ‘कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय भाषाओं को एक दूसरे के निकट लाना है’.
■डॉ. चितरंजन कर ने कहा- ‘कार्यक्रम भाषा से भाषा जोड़ने के लिए आयोजित किया गया’.
भारतीय भाषा मंच छत्तीसगढ़ द्वारा विगत दिनों आन-लाइन अवधी और छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ख्याति प्राप्त भाषाविद् डाॅ चित्तरंजन कर द्वारा की गई। कार्यक्रम के बारे में चर्चा करते हुए भारतीय भाषा मंच छत्तीसगढ़ के प्रांतीय संयोजक-बलदाऊ राम साहू ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय भाषाओं को एक दूसरे के निकट लाना है, ताकि एक दूसरे की भाषा के प्रति आदर का भाव जागृत हो और एक दूसरे की भाषा और संस्कृति से परिचित हों। उन्होंने कहा कि भाषा और संस्कृति के समन्वय से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलेगा और एक राज्य का दूसरे राज्य से साहित्यिक संबंध प्रगाढ़ होंगे। डाॅ चित्तरंजन कर ने अध्यक्षीय उदबोधन देते हुए कहा कि यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो भाषा से भाषा को जोड़ने के लिए आयोजित किया गया है। इससे अपनी मातृभाषा के प्रति सम्मान का भाव जागेगा, मातृभाषा की क्षमता से हम परिचित होंगे और गौरवान्वित भी होंगे।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार सीताराम साहू श्याम ने किया उन्होंने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि अवध और छत्तीसगढ़ का संबंध ऐतिहासिक और पौराणिक है। रामचरित मानस के दोहों और चौपाई के माध्यम से उन्होंने दोनों प्रदेशों के संबंध को रेखांकित किया और कहा कि यह आयोजन साहित्य जगत के लिए एक नवाचार है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में रमेश यादव पेंड्री ने छत्तीसगढ़ी में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की । अवधी भाषा की ओर से कार्यक्रम का समन्वय मनोज मिश्र और छत्तीसगढ़ी भाषा की ओर से समन्वय कन्हैया साहू ‘अमित’ ने किया। कार्यक्रम में आमंत्रित कवियों अवधी भाषा से चंद्रभानु मिश्र गाजियाबाद उत्तर प्रदेश, प्रमोद साधक , श्रवण कुमार सायक, श्रावस्ती उत्तर प्रदेश, मनोज मिश्र “कप्तान’ श्रावस्ती उत्तर प्रदेश, प्रदीप महाजन बाराबंकी उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ी भाषा से डाॅ पीसी लाल यादव गंडई ,विनय शरण सिंह खैरागढ़, दिलीप वर्मा, बलौदाबाजार, श्रीमती मधु तिवारी, दुर्ग, चोवा राम वर्मा ‘बादल’ तिल्दा , कमलेश बाबू शर्मा कटंगी गंडई, गिरधारी लाल चौहान , जांजगीर चाँपा श्रीमती मधु तिवारी कोंडागाँव ने भाग लिया। कार्यक्रम में श्रोता के रूप में अवध और छत्तीसगढ़ प्रांत के लगभग पचास से अधिक साहित्यकारों ने भाग लिया। जिसमें लघुकथाकार महेश रजा, डाॅ सुनीता मिश्रा महामंत्री हिंदी साहित्य भारती छत्तीसगढ़, चिंतक महेन्द्र वर्मा, साहित्कार जगदीश देशमुख, शिक्षक लाला राम साहू आदि प्रमुख थे।
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