• Chhattisgarh
  • ■टारगेट : रिछपाल ‘विद्रोही’ [ नागौर राजस्थान ]

■टारगेट : रिछपाल ‘विद्रोही’ [ नागौर राजस्थान ]

3 years ago
391

दुनिया में कभी भी लड़ाई धर्म – जाति के लिए नहीं लड़ी गई । खून की नदियां वर्चस्व और कुर्सी के लिए ही हमेशा बहायी गई।वर्चस्व की खातिर दो विश्व युद्ध हुए।

राजस्थान वीर प्रसूता धरती है, ऐसा जोर-शोर से पढ़ाया जाता है, गली-गली में ढिंढोरा पीट के बताया जाता है मगर ये कभी भी किसी ने बताने की कोशिश नहीं की , कि राजस्थान सामंतवाद और जातिवाद का भी सबसे बड़ा गढ़ है। हर रोज ओछी मानसिकता वाले लोगों का कहर गोदी मीडिया के अखबारों में दबंग नाम से देखने को मिलता है।ओर सत्ता जले हुए पर बड़ी-बड़ी रोटियां सेकने का काम करती है ।
राजस्थान में दलितों की खासी आबादी है ।
दलितों में भी बहुत सी जातियां-उपजातियां है, जिनमें आपस में रोटी- बेटी का संबंध नहीं होता । यही इनकी सबसे बड़ी कमजोरी है। दलित समुदाय में ही आने वाली एक जाति है – मेघवाल। राजस्थान के प्रत्येक क्षेत्र में इन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है । जैसे – मेघ, मेघवंशी , बलाई, भांबी , लाटवा , मारू, बुनकर ,कोरी, सालवी ,सूत्रकार, रिखिया , छडीदार, चौपदार ,बैरवा , जाटव, चांदोर, चमार, रैदास, ऐरवाल, मेहर आदि।
इस जाति का अपना एक पुराना इतिहास रहा है। डॉ. परिहार ‘मेघवंश इतिहास’ में इनका संबंध सम्राट असोक से बताते हैं। इनकी नाथों-सिद्धों और सांगलिया पंथियों के प्रति प्रगाढ श्रद्धा है। इस समुदाय में संत-महापुरुषों का एक साफ-सुथरा लंबा-चौड़ा इतिहास भी रहा है, जिनमें बाबा रामदेव, गरीबदास, धारूदे , खींवण जी, खींवादास, श्यामाराम मावा, रामबक्क्ष , मांगू राम, पूसाराम , डाली बाई ,अणची बाई, चंद्रनाथ , चुनाराम , गोकुल दास इत्यादि ।

राज्य विधानसभा की SC आरक्षित सीटों में से ज्यादातर सीटों पर मेघवाल कौम को ही उम्मीदवार बनाया जाता है। हालांकि SC में ओर भी बहुत सी जातियां है , जो यहां निवास करती है, इसके बावजूद केवल इन्हें ही उम्मीदवार बनाया जाना इनकी क्षमता का प्रतीक है। सभी पार्टियों को इनकी सामाजिक -आर्थिक -राजनीतिक पॉवर का भली-भांति अंदाजा है, तभी तो MLA से लेकर ,सांसद और कैबिनेट मंत्री बनाने तक का ख्याल रखते हैं। SC में इस कौम के अलावा आने वाली कौमों ने आज भी पुराने उसूल अपना के रखे हैं , जिनकी वजह से दिनों-दिन फिसड्डी बनते जा रहे हैं ।
केवल यही कौम टारगेट पर क्यों ?

– चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर कलेक्टर तक के पदों पर जा पहुंचने के कारण गुलामी की बेड़ियां चकनाचूर हो गई, जिससे परंपरागत चौधरियों की चौधराहट खतरे में पड़ गई ।

– अंबेडकर, पेरियार, फूले ,कांशीराम की विचारधारा को दुनिया जाने या ना जाने मगर ये कौम भली-भांति जानती है। इनके घरों में अंबेडकरवाद से जुड़ा साहित्य प्रचुर मात्रा में मिल जाएगा। जिनको अंबेडकर आदि से नफरत रहती है, उन्हें इस कौम से भी नफरत बेशक होगी। तभी तो अम्बेडकर का बैनर लगाने पर हनुमानगढ के विनोद मेघवाल की हत्या कर दी गई।

– सरकारी क्षेत्र में आने के बाद दडबों की जगह बड़ी-बड़ी हवेलियां बन आई ,चारदीवारी से घिरे हुए घरों में जीने लगे, तो सामंतवाद के हाथ- पांव फूल उठना स्वाभाविक बन आया।

– एक रोटी कम खा लेना मगर अपने बच्चों को पढ़ाना, इस ध्येय पर चलने की वजह से समाज की साक्षरता दर अन्य समुदायों की तुलना में बेहतर होती गई । शिक्षा रूपी शेरनी का दूध पीते ही दहाड़ने लगे तो जातिवादियों के पेट में मरोड़े भी उठने लगे।

– दलित समुदाय की अन्य कौमों की बजाय इस कौम के पास जमीन-जायदाद भी ज्यादा है, इस वजह से अपने खेतों पर खेती-बाड़ी करके आर्थिक स्तर में काफी सुधार कर लिया और सवा सेर गेहूं के लिए सामंतों पर निर्भर रहना छोड़ दिया।

– पढ़ा – लिखा व्यक्ति गुलाम बनके जीना कतई पसंद नहीं करता। जब पास में नौकरी-पैसा- घर आदि हो तो भला गुलामी कौन करें । तब रसूखदारों को लगने लगा कि ये लोग हमारी कोठी पर हाज़री नहीं देंगे तो हमें खेतों पर काम करना पड़ेगा, इनकी तरह कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी और यों ही चलता रहा तो भूख से मरने की नौबत भी एक रोज आ जाएगी ।
– अच्छा खान-पान आदि होने की वजह से शरीर भी मजबूत कद-काठी वाला हो आया । जेब में पैसा होने पर शरीर पर सोने-चांदी के आभूषण सजने लगे। युवक- युवतियां अच्छे-अच्छे कपड़े पहन के सरे-बाजार मोटर गाडी पर बैठ के निकलने लगे।
पगड़ी ,जिसे रजवाड़ों में सिर का ताज कहा जाता था, शान की प्रतीक थी , वह अब इन के सिर पर सजने लगी तो सामंतशाही कीडे-मकोडों की तरह बिलबिलाने लगे।
– इस समुदाय में एक से बढ़कर एक लेखक,इतिहासकार, संगीतकार आदि है, जो पाखंड- अंधविश्वास का विरोध करते हुए अक्सर नजर आते हैं। ये भी जातीय पंचों को कतई मंजूर नहीं है।
ताजा मामला पाली जिले के बारवा गाँव का है, जिसमें जितेंद्र पाल मेघवाल की इस वजह से हत्या कर दी जाती है कि वह मूछों पर ताव देता है, जय भीम के गानों पर नाचता है, अच्छे कपड़े पहनता है। और ये मामला पूरे भारत में फैलने की वजह से एक बार फिर जातिवाद – सामंतवाद जैसे घृणित शब्द लोगों की जुबां पर आ गए, वरना लोगों को तो लगता है कि राजस्थान वीरों की भूमि है।
जबकि सच्चाई यह है कि ये भूखे भेड़ियों की , जाली राष्ट्रवादियों की और नपुंसक लोगों की सरजमीं है।
यहां पर झुंड में किसी निहत्थे को मारने पर दबंग की पदवी दी जाती है। औरत की इज्जत लूटने वालों को धर्म-रक्षक का ताज दिया जाता है।
मेघवंश की यशोगाथा का बखान करना या जातीय विद्वेष की भावना भड़काना मेरा कतई मकसद नहीं है , बल्कि यह बताने की कोशिश है कि दुनिया में आगे बढ़ने के लिए और खुलकर जीने के लिए संघर्ष और संगठन बहुत जरूरी है ।
मेघवाल समुदाय उस समय एक बार फिर सुर्खियों में आया, जब बाड़मेर जिले के बिढाणी गाँव में दुल्हन को हेलिकॉप्टर से लाया गया। ये वाकया सामंतवाद को खुली चेतावनी था कि अब क्या करोगे!
कभी – कभार तो ऐसी खौफनाक स्थिति बन आती है कि पूरा गाँव एकमत होकर इनके ऊपर टूट पड़ता है। नागौर का डांगावास कांड जिसमें पाँच मेघवालों की दिनदहाड़े पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, इस बात की गवाही देता है ।
सामाजिक आजादी के लिए ये कौम मरने-मारने के लिए हर पल तैयार रहती है।
जब राजनीति में इतनी पकड़ है, आर्थिक तौर पर संघर्ष करने वाला स्तर है , फिर भी दिनों-दिन अत्याचार क्यों हो रहे हैं । इसकी दो वजह है – समाज में चमचों का बोलबाला और समाज के जनप्रतिनिधियों का अपनी-अपनी पार्टियों का गुलाम होना । ऐसे हालातों में समाज को एकजुट होना बहुत जरूरी है और यह समझना भी कि नागनाथ और सांप नाथ दोनों ही विषैले हैं।

जिस कौम के जनप्रतिनिधि अंधे-गूंगे-बहरे हो आते हैं, उस कौम को वक्त रहते जाग जाना बहुत जरूरी है और यदि कानून उदासीन बन आए , तब हथियार उठा लेना कतई गलत नहीं है ।
अगर समाज का नेता जुल्म के खिलाफ खड़ा नहीं होता है, तो उसे अपने घर से बाहर ही मत निकलने दो। और अगर निकल आए तो उसके चेहरे पर स्याही पोत दो, गोबर और जूते फेंको। इस तरह की अगर एक-दो बार घटना हो जाएगी , तब ये गुलामी करना छोड़ देंगे। दूसरे समाज के नेताओं को गाली देना बंद कर दीजिए बल्कि अपने वालों को ही जीभर के दीजिए ताकि वे कार्यालयों में दरी बिछाना छोड़ दे। और यही प्रयोग चमचों पर करना होगा।
सामंतवादियों के टारगेट पर तुम्हारी प्रगति, तुम्हारी बहन-बेटियां, तुम्हारा स्वाभिमान,तुम्हारा आने वाला कल और तुम्हारी कौम है। इसलिए अब पुराने गिला-शिकवा भूला के मजबूत गठरी बन जाने में ही सभी का फायदा है। याद रहे, जब समाज एकजुट होगा, तभी जनप्रतिनिधि समाज हित में काम करेंगे।

♀ दिलेर विद्रोही संपर्क-
♀ 96601 07654

◆◆◆ ◆◆◆ ◆◆◆

विज्ञापन (Advertisement)

ब्रेकिंग न्यूज़

breaking Chhattisgarh

घोटाले को लेकर CBI के हाथ लगे अहम सबूत, अधिकारी समेत उद्योगपति को किया गया गिरफ्तार

breaking Chhattisgarh

इस देश में पाकिस्तानी भिखारियों की बाढ़; फटकार के बाद पाकिस्तान ने भिखारियों को रोकने लिए उठाया कदम

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर मंडराया खतरा! क्यों राइस मिलरों ने कस्टम मिलिंग न करने की दी चेतावनी?

breaking Chhattisgarh

छत्‍तीसगढ़ में बजट सत्र के पहले नगरीय निकाय-पंचायत चुनाव कराने की तैयारी, दिसंबर में हो सकती है घोषणा

breaking Chhattisgarh

वधुओं के खाते में सरकार भेजेगी 35000 रुपये, जानें किस योजना में हुआ है बदलाव

breaking Chhattisgarh

अमेरिका में गौतम अडानी का अरेस्‍ट वारंट जारी,धोखाधड़ी और 21 अरब रिश्वत देने का आरोप

breaking Chhattisgarh

भाईयों से 5वीं के छात्र की मोबाइल को लेकर नोक-झोक, कर लिया सुसाइड

breaking Chhattisgarh

छत्‍तीसगढ़ में तेजी से लुढ़का पारा, बढ़ने लगी ठंड, सरगुजा में शीतलहर का अलर्ट, 9 डिग्री पहुंचा तापमान

breaking Chhattisgarh

सुप्रीम कोर्ट के वारंट का झांसा दे कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट से ठगी, 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख लूटे

breaking Chhattisgarh

चींटी की चटनी के दीवाने विष्णुदेव किसे कहा खिलाने! बस्तर के हाट बाजारों में है इसकी भारी डिमांड

breaking Chhattisgarh

IIT Bhilai में अश्लीलता परोसने वाले Comedian Yash Rathi के खिलाफ दर्ज हुई FIR

breaking Chhattisgarh

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री नायडू से सीएम साय ने की मुलाकात, क्षेत्रीय हवाई अड्‌डों के विकास पर हुई चर्चा

breaking international

कनाडा ने भारत की यात्रा कर रहे लोगों की “विशेष जांच” करने का ऐलान ,क्या है उद्देश्य ?

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में भी टैक्स फ्री हुई फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’, सीएम ने की घोषणा

breaking Chhattisgarh

6 दिन में कमाए 502 करोड़ रुपये, अभी और होगी कमाई, जानिए छत्तीसगढ़ में किसानों की कैसे हुई बल्ले-बल्ले

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर फिर रचा इतिहास, कांकेर जिले को मिलेगा ‘बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड’, मुख्यमंत्री साय ने दी बधाई

breaking Chhattisgarh

स्टैंडअप कॉमेडियन यश राठी के खिलाफ FIR दर्ज, IIT के वार्षिक उत्‍सव में की थी अश्लील और आपत्तिजनक बातें

breaking Chhattisgarh

‘मां कहां गईं हैं…’, इस बात पर बढ़ा झगड़ा, बेटे ने बेरहमी से कर दी पिता की हत्या

breaking Chhattisgarh

CPSC Exam 2021: घोटाले को लेकर CBI के हाथ लगे अहम सबूत, अधिकारी समेत उद्योगपति को किया गया गिरफ्तार

breaking Chhattisgarh

सीएम साय ने नक्सलियों के सफाए का किया ऐलान, बोले- जान बचाना चाहते हैं तो करें ये काम

कविता

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : रियाज खान गौहर

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

poetry

रचना आसपास : पूनम पाठक ‘बदायूं’

poetry

ग़ज़ल आसपास : सुशील यादव

poetry

गाँधी जयंती पर विशेष : जन कवि कोदूराम ‘दलित’ के काव्य मा गाँधी बबा : आलेख, अरुण कुमार निगम

poetry

रचना आसपास : ओमवीर करन

poetry

कवि और कविता : डॉ. सतीश ‘बब्बा’

poetry

ग़ज़ल आसपास : नूरुस्सबाह खान ‘सबा’

poetry

स्मृति शेष : स्व. ओमप्रकाश शर्मा : काव्यात्मक दो विशेष कविता – गोविंद पाल और पल्लव चटर्जी

poetry

हरेली विशेष कविता : डॉ. दीक्षा चौबे

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : अनीता करडेकर

poetry

‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक व कवि प्रदीप भट्टाचार्य के हिंदी प्रगतिशील कविता ‘दम्भ’ का बांग्ला रूपांतर देश की लोकप्रिय बांग्ला पत्रिका ‘मध्यबलय’ के अंक-56 में प्रकाशित : हिंदी से बांग्ला अनुवाद कवि गोविंद पाल ने किया : ‘मध्यबलय’ के संपादक हैं बांग्ला-हिंदी के साहित्यकार दुलाल समाद्दार

poetry

कविता आसपास : पल्लव चटर्जी

poetry

कविता आसपास : विद्या गुप्ता

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

poetry

कविता आसपास : श्रीमती रंजना द्विवेदी

poetry

कविता आसपास : तेज नारायण राय

poetry

कविता आसपास : आशीष गुप्ता ‘आशू’

poetry

कविता आसपास : पल्लव चटर्जी

कहानी

story

लघुकथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

कहिनी : मया के बंधना – डॉ. दीक्षा चौबे

story

🤣 होली विशेष :प्रो.अश्विनी केशरवानी

story

चर्चित उपन्यासत्रयी उर्मिला शुक्ल ने रचा इतिहास…

story

रचना आसपास : उर्मिला शुक्ल

story

रचना आसपास : दीप्ति श्रीवास्तव

story

कहानी : संतोष झांझी

story

कहानी : ‘ पानी के लिए ‘ – उर्मिला शुक्ल

story

व्यंग्य : ‘ घूमता ब्रम्हांड ‘ – श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव [भिलाई छत्तीसगढ़]

story

दुर्गाप्रसाद पारकर की कविता संग्रह ‘ सिधवा झन समझव ‘ : समीक्षा – डॉ. सत्यभामा आडिल

story

लघुकथा : रौनक जमाल [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

लघुकथा : डॉ. दीक्षा चौबे [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

🌸 14 नवम्बर बाल दिवस पर विशेष : प्रभा के बालदिवस : प्रिया देवांगन ‘ प्रियू ‘

story

💞 कहानी : अंशुमन रॉय

story

■लघुकथा : ए सी श्रीवास्तव.

story

■लघुकथा : तारक नाथ चौधुरी.

story

■बाल कहानी : टीकेश्वर सिन्हा ‘गब्दीवाला’.

story

■होली आगमन पर दो लघु कथाएं : महेश राजा.

story

■छत्तीसगढ़ी कहानी : चंद्रहास साहू.

story

■कहानी : प्रेमलता यदु.

लेख

Article

तीन लघुकथा : रश्मि अमितेष पुरोहित

Article

व्यंग्य : देश की बदनामी चालू आहे ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

लघुकथा : डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय [केंद्रीय विद्यालय वेंकटगिरि, आंध्रप्रदेश]

Article

जोशीमठ की त्रासदी : राजेंद्र शर्मा

Article

18 दिसंबर को जयंती के अवसर पर गुरू घासीदास और सतनाम परम्परा

Article

जयंती : सतनाम पंथ के संस्थापक संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी

Article

व्यंग्य : नो हार, ओन्ली जीत ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

🟥 अब तेरा क्या होगा रे बुलडोजर ❗ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा.

Article

🟥 प्ररंपरा या कुटेव ❓ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा

Article

▪️ न्यायपालिका के अपशकुनी के साथी : वैसे ही चलना दूभर था अंधियारे में…इनने और घुमाव ला दिया गलियारे में – आलेख बादल सरोज.

Article

▪️ मशहूर शायर गीतकार साहिर लुधियानवी : ‘ जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी ‘ : वो सुबह कभी तो आएगी – गणेश कछवाहा.

Article

▪️ व्यंग्य : दीवाली के कूंचे से यूँ लक्ष्मी जी निकलीं ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

25 सितंबर पितृ मोक्ष अमावस्या के उपलक्ष्य में… पितृ श्राद्ध – श्राद्ध का प्रतीक

Article

🟢 आजादी के अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. अशोक आकाश.

Article

🟣 अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. बलदाऊ राम साहू [दुर्ग]

Article

🟣 समसामयिक चिंतन : डॉ. अरविंद प्रेमचंद जैन [भोपाल].

Article

⏩ 12 अगस्त- भोजली पर्व पर विशेष

Article

■पर्यावरण दिवस पर चिंतन : संजय मिश्रा [ शिवनाथ बचाओ आंदोलन के संयोजक एवं जनसुनवाई फाउंडेशन के छत्तीसगढ़ प्रमुख ]

Article

■पर्यावरण दिवस पर विशेष लघुकथा : महेश राजा.

Article

■व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा.

राजनीति न्यूज़

breaking Politics

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उदयपुर हत्याकांड को लेकर दिया बड़ा बयान

Politics

■छत्तीसगढ़ :

Politics

भारतीय जनता पार्टी,भिलाई-दुर्ग के वरिष्ठ कार्यकर्ता संजय जे.दानी,लल्लन मिश्रा, सुरेखा खटी,अमरजीत सिंह ‘चहल’,विजय शुक्ला, कुमुद द्विवेदी महेंद्र यादव,सूरज शर्मा,प्रभा साहू,संजय खर्चे,किशोर बहाड़े, प्रदीप बोबडे,पुरषोत्तम चौकसे,राहुल भोसले,रितेश सिंह,रश्मि अगतकर, सोनाली,भारती उइके,प्रीति अग्रवाल,सीमा कन्नौजे,तृप्ति कन्नौजे,महेश सिंह, राकेश शुक्ला, अशोक स्वाईन ओर नागेश्वर राव ‘बाबू’ ने सयुंक्त बयान में भिलाई के विधायक देवेन्द्र यादव से जवाब-तलब किया.

breaking Politics

भिलाई कांड, न्यायाधीश अवकाश पर, जाने कब होगी सुनवाई

Politics

धमतरी आसपास

Politics

स्मृति शेष- बाबू जी, मोतीलाल वोरा

Politics

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हलचल

breaking Politics

राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा- मर्यादित भाषा में रखें अपनी बात

Politics

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा पर केन्द्रित ‘ग्रामोदय’ पत्रिका और ‘बहुमत’ पत्रिका के 101वें अंक का किया विमोचन

Politics

मरवाही उपचुनाव

Politics

प्रमोद सिंह राजपूत कुम्हारी ब्लॉक के अध्यक्ष बने

Politics

ओवैसी की पार्टी ने बदला सीमांचल का समीकरण! 11 सीटों पर NDA आगे

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ग्वालियर में प्रेस वार्ता

breaking Politics

अमित और ऋचा जोगी का नामांकन खारिज होने पर बोले मंतूराम पवार- ‘जैसी करनी वैसी भरनी’

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल बिहार चुनाव के स्टार प्रचारक बिहार में कांग्रेस 70 सीटों में चुनाव लड़ रही है

breaking National Politics

सियासत- हाथरस सामूहिक दुष्कर्म

breaking Politics

हाथरस गैंगरेप के घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा, पढ़िए पूरी खबर

breaking Politics

पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना के बाद, पीसीसी चीफ ने जांच समिति का किया गठन