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बड़ी ख़बर, बिजली उपभोक्ताओं को लगा बड़ा झटका, इतना रुपए देना होगा अतिरिक्त शुल्क इतने यूनिट पर!, पर इन उपभोक्ताओं को मिलेगी छूट
प्रदेश के लोगों को महंगाई का एक और तगड़ा झटका लगा है। बिजली नियामक आयोग ने आज बिजली दरों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। नियामक आयोग की ओर से जारी नई दरों के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं की दर में 10 पैसे और अन्य उपभोक्ताओं की दर में 15 पैसे की वृद्धि की गई है। नियामक आयोग ने बताया कि बिजली कंपनी ने एक हजार 4 करोड़ की घाटे का प्रस्ताव भेजा था। नियामक आयोग ने 386 करोड़ ही मान्य किया और फिर 2.31 प्रतिशत वृद्धि करने की अनुमति दी है।
नियामक आयोग ने बताया कि बिजली कंपनी ने एक हजार 4 करोड़ की घाटे का प्रस्ताव भेजा था। नियामक आयोग ने 386 करोड़ ही मान्य किया और फिर 2.31 प्रतिशत वृद्धि करने की अनुमति दी है। इस वृद्धि के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को 10 पैसे प्रति यूनिट और इंडस्ट्री और कर्मिशियल बिजली उपभोक्ताओं के लिए 15 पैसे प्रति यूनिट की बढोत्तरी की गयी है। छग राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा ने बताया, राज्य सरकार के स्वामित्व वाली तीनों बिजली कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाने के लिए याचिका लगाई थी। कंपनियों ने 2022-23 के लिए 1004 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे की पूर्ति का प्रस्ताव दिया था। आयोग ने अपने परीक्षण के बाद केवल 386 करोड़ रुपए का घाटा स्वीकार किया है।
विद्युत वितरण कंपनी ने 19 हजार 336 करोड़ 76 लाख की राजस्व आवश्यकता बताई थी। उसको घटाकर केवल 17 हजार 115 करोड़ 85 लाख रुपया मान्य किया गया। आयोग ने 2022-23 के लिए बिजली की औसत लागत 6.22 रुपया निर्धारित की है। 2021-22 की प्रचलित दर से औसत बिल 6.08 रुपया आता है। यह औसत विद्युत लागत से 14 पैसा कम है। आयोग ने बताया कि बिजली कंपनियों की ओर से प्रस्तावित कुल 1004 करोड़ रुपए के घाटे की भरपाई की जाती तो टेरिफ में औसतन 5.39 प्रतिशत की वृद्धि करनी पड़ती। इसे घटाकर 386 करोड़ रुपए ही मान्य किया गया, ऐसे में बिजली की दरों में औसतन 2.31त्न की वृद्धि की गई है। बिजली की नई दरें एक अप्रैल 2022 से प्रभावी हो चुकी हैं। यानी अप्रैल महीने का बिजली बिल नये टेरिफ के हिसाब से आएगा।
बिजली की पिछली दर 5 किलोवॉट तक 3.60 रुपया प्रति यूनिट थी। 101 से 200 यूनिट तक 3.80 रुपया प्रति यूनिट की दर का स्लैब था। 5 से 10 किलोवॉट तक 201 से 400 यूनिट तक 5.20 रुपया प्रति यूनिट और 401 से 600 यूनिट तक 6.20 रुपया प्रति यूनिट की दर थी। नये टेरिफ के मान से घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट की खपत पर 10 रुपए अधिक देने होंगे। एक हजार यूनिट खर्च पर यह रकम 100 रुपया तक पहुंच जाएगी। आयोग ने स्थिर प्रभार में कोई वृद्धि नहीं की है।
आयोग ने स्पष्ट किया है, गैर सब्सिडी वाले कृषि पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट जारी रहेगी। खेतों में लगे बिजली के मोटर पंप और खेतों की रखवाली के लिए 100 वॉट के भार के उपयोग की सुविधा प्रभावी है। आयोग ने इसको इस साल भी जारी रखा है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर विकास प्राधिकरण और सरगुजा विकास प्राधिकरण क्षेत्र में संचालित अस्पतालों, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित बिजली दरों में 7 प्रतिशत की छूट होगी। यह छूट पहले भी मिल रही थी। महिला स्व-सहायता समूहों से संचालित ग्रामीण व्यावसायिक गतिविधियों में ऊर्जा प्रभार पर 10 प्रतिशत की छूट।