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- ■आयोजन : ‘ऋतंभरा साहित्य समिति’ द्वारा सूर्यप्रकाश सिंह कुशवाहा को दिया गया ‘ऋतंभरा सम्मान-2022’.
■आयोजन : ‘ऋतंभरा साहित्य समिति’ द्वारा सूर्यप्रकाश सिंह कुशवाहा को दिया गया ‘ऋतंभरा सम्मान-2022’.
♀ कृति ‘देवकी का दर्द’ विमोचित.
♀ काव्य गोष्ठी में श्रोता झूमे.
■कुम्हारी-भिलाई
‘ऋतंभरा साहित्य समिति’ का वार्षिकोत्सव समारोह सामुदायिक भवन कुम्हारी में सोल्लास सम्पन्न हुआ. मुख्य अतिथि डा. परदेशीराम वर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया. उन्होंने सूर्यप्रकाश सिंह कुशवाहा की कृति ‘देवकी का दर्द’ का विमोचन करते हुए कहा कि कथाकार छुपा हुआ हीरा है. उनकी संस्मरणात्मक कहानी मर्मस्पर्शी बन पड़ी है. ऋतंभरा सम्मान 2020 प्राप्त करने के लिए कुशवाहा जी को हार्दिक बधाई .”
कृतिकार सूर्यप्रकाश सिंह कुशवाहा ने अपनी रचना प्रक्रिया पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा -“दिवंगत पत्नी श्रीमती सुदामी देवी के वियोग ने मुझे कवि बना डाला. वहीं जीवन में घटी खट्टी-मीठी यादों ने मुझे कथा लिखने प्रेरित किया. ‘देवकी का दर्द’ कृति इसी का कोलाज है.”
समिति के अध्यक्ष नारायण वर्मा ने अध्यक्षीय भाषण देते हुए कहा -“ऋतंभरा साहित्य समिति का गौरवशाली इतिहास रहा है. हम अंचल के नवोदित और वरिष्ठ रचनाकारों को मंच प्रदान करते आ रहे हैं. हमारी मासिक गोष्ठियाँ लगातार जारी है. साहित्य, समाज और संस्कृति के विशिष्ट लोगों का सम्मान हम प्रतिवर्ष करते आ रहे हैं.”
सुरेश वाहने ने संस्था के प्रतिवेदन का वाचन करते हुए कहा -“इस बार ऋतंभरा सम्मान 2022 सूर्यप्रकाश सिंह कुशवाहा को दिया जा रहा है. संस्कृति के प्रचार प्रसार में विशेष योगदान के लिए लोकमया सांस्कृतिक संस्था के अध्यक्ष महेश वर्मा, समाज सेवा के लिए मन्नूलाल परगनिहा व रामाधार शर्मा, साहित्यिक उपलब्धियों के लिए रमेश विश्वहार व उभेराम साहू को प्रशस्ति पत्र, शाल व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया जा रहा है. पहला संस्थागत सम्मान प्रेस क्लब कुम्हारी को प्रदान किया जा रहा है.”
विशेष अतिथि साहित्यकार जितेन्द्र कुशवाहा ने सभी सम्मानित रचनाकारों को बधाई देते हुए कहा-“आप सभी समाज के सजग प्रहरी हैं. आप सबसे समाज को दिशा मिलती है. कृति कृतिकार को इतिहास के पन्ने में दर्ज कर देती है. कथाकार सूर्यप्रकाश सिंह को उनके कथा व कविता संकलन ‘देवकी का दर्द’ के लिए मेरी मंगलकामनाएँ हैं.”
इस अवसर पर संस्था के संरक्षक लखनलाल साहू का जन्मदिवस केक काटकर मनाया गया. उनके 72 वें जन्मदिवस पर संस्था की ओर से प्रशस्ति पत्र, शाल व श्रीफल से उन्हें सम्मानित किया गया.
प्रेस क्लब का संस्थागत सम्मान संरक्षक डा. मोहन आनंद व अध्यक्ष विक्रमशाह ठाकुर ने ग्रहण किया.
वार्षिकोत्सव को यादगार बनाने के लिए सक्रिय योगदान देने वाले रचनाकार सदस्यों को स्मृति चिह्न से सम्मानित किया गया जिसमें विक्रमशाह ठाकुर आर. डी. राव, मधु तिवारी, सुरेश वाहने, हेमलाल साहू निर्मोही, जागृति मिश्रा, ओमवीर करण, चिन्तामणि साहू, रघुनाथ देशमुख, शशि तिवारी, रज्जाक अहमद, मीना वर्मा, बिसरूराम कुर्रे, डा. रेखा वर्मा, जगन्नाथ निषाद, शशिकिरण इंदु, नंदलाल यादव, डा. नौशाद सिद्दीकी, कामता प्रसाद दिवाकर, रियाज गौहर खान, डामन लाल वर्मा आदि प्रमुख रचनाकारगण हैं.”
रंगकर्मी महेश वर्मा ने संस्था की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा -“साहित्यिक संस्था रचनाकारों को पहचान देती है. रचनाकारों को मंच मिलता है. लेखन के लिए ऊर्जा मिलती है. ऋतंभरा साहित्य समिति ने अनेक प्रतिभाशाली रचनाकार दिए हैं.”
मंचीय कवि सम्मेलन में कवियों ने एक से बढ़कर एक गीत, ग़ज़ल व कविताएँ पढ़ीं. वरिष्ठ कवि रमेश विश्वहार के गीतों पर श्रोताओं ने खूब तालियां बजाईं. जागृति मिश्रा ने मुक्तकों के माध्यम से श्रोताओं को बांधे रखा. शशि तिवारी ने अपनी मधुर आवाज से गीतों की प्रस्तुति दी. बैकुंठ महानंद, मधु तिवारी सहित अन्य सम्मानित रचनाकारों ने अपनी अपनी कविताओं का पाठ किया.
उपस्थित रचनाकारों को सूर्य सूर्यप्रकाश सिंह कुशवाहा ने अपनी कृतियाँ भेंट दी.
समारोह का संचालन सुरेश वाहने ने, प्रशस्ति पत्र का वाचन रविन्द्र थापा ने और आभार प्रदर्शन विक्रमशाह ठाकुर ने किया.
इस आयोजन में बड़ी संख्या में रचनाकार व आमंत्रित श्रोतागण उपस्थित थे, जिनमें महत्वपूर्ण रूप से साहित्यकार मुरारीलाल साव, गोपालशाह ठाकुर, दिनेश सिंह राजपूत, ध्रुव नायक, आर. पी. सिंह, दयालुराम वर्मा, राजेन्द्र कुमार वर्मा आदि शामिल हैं.
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