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- ■छत्तीसगढ़ : उतई नगर पंचायत पाटन खबर.
■छत्तीसगढ़ : उतई नगर पंचायत पाटन खबर.
♀ मृतक देवेन्द्र मार्कण्डेय परिवार की जिम्मेदारी सरकार उठाए.
♀ 50 लाख का मुआवजा राशि पांच भागों में विभाजित कर परिवार के जीविकोपार्जन की व्यवस्था करें.
■सतीश पारख-
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्वाचन क्षेत्र की नगर पंचायत पाटन के गौठान में बिजली के करेंट से मृतक देवेन्द्र मार्कण्डेय के परिवार की जवाबदारी अब सरकार को उठानी चाहिए।शासन की महती योजना गौठान जिसने प्रदेश भर में सरकार जब हजारों हजार करोड़ खर्च कर रही है तो इस योजना के क्रियान्वयन में महती भूमिका निभाने वाले एक मजदूर की मौत पर मात्र 04 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को प्लेसमेंट में नौकरी की मुख्यमंत्री की घोषणा मानवीय मूल्यों का अपमान है।उक्त बातें प्रेस को रिलीज एक व्यक्तव्य के माध्यम से दुर्ग जनपद पंचायत के पूर्व सदस्य सतीश पारख उतई ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा की पाटन नगर पंचायत के गौठान अटारी में बहुत ही दुखद घटना घटी मैं उस मृत आत्मा को सादर नमन करता हूं ,और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस दुखद घड़ी में आत्मियजनों एवम परिवार जनों को दुख सहने की अपार शक्ति प्रदान करे ।
मृतक देवेन्द्र पर माता पिता पत्नी और तीन बच्चों की महती जिम्मेदारी थी ।अब इस कमाने वाले के ही चले जाने से परिवार पर वज्रपात हुवा है जिसे 04 लाख के मलहम रूपी मुआवजे से भरा नही जा सकते किंतु परिवार के जीविकोपार्जन की स्थाई व्यवस्था प्रदान कर सरकार मार्कण्डेय परिवार को बर्बादी से बचा सकती है।चूंकि पाटन माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का निर्वाचन क्षेत्र भी है अतः उन्हें चाहिए की एक मुख्यमंत्री से ज्यादा पाटन क्षेत्र की जनता के परिवार के मुखिया होने के नाते गहन विचार करे और परिवार की व्यवस्था जिम्मेदारी अपने कंधों पर लें।
नगर पंचायत पाटन वार्ड क्रमांक चार के ग्राम अखरा निवासी देवेन्द्र कुमार मार्केंडेय की मौत गोठान में कार्य करने के दौरान करेंट लगने के कारण हुवा है यह घटना उत्तर प्रदेश के लखिमपुर खीरी मृतक किसानों से ज्यादा भयावह है जब वहां 50 -50 लाख रुपए तो यहां जो माननीय मुख्यमंत्री जी का स्वयं का परिवार है इन्हे 04 लाख रुपए मुआवजा पूरी तरह भेदभाव पूर्ण है। चूंकि मामला छत्तीसगढ़ के पाटन विधानसभा क्षेत्र का है और पाटन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का विधानसभा क्षेत्र है। कायदे से मृतक देवेन्द्र कुमार के परिवार को कम से कम 50 लाख रुपए मुआवजा दिया जाना चाहिए। मृतक के परिवार के एक सदस्य को शासकीय तौर पर कर्मचारी के रूप में सेवा करने का अवसर दिया जाए।
सतीश पारख ने कहा की यह विषय राजनीति का नही बल्कि संवेदना का है। मृतक देवेंद्र कुमार कांग्रेस सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा,गरवा, घुरवा, बाड़ी के तहत नगर पंचायत पाटन के गोठान अटारी में समूह के माध्यम से कार्यरत थे। अतः मुआवजा राशि 50 लाख तय कर सरकार को इसे पांच भागों में विभक्त कर दिया जाना चाहिए। देवेंद्र के निधन से उनकी पुत्र होने के नाते माता पिता के प्रति जिम्मेदारी पूर्ण करने माता पिता के नाम दस लाख,पति होने के नाते पत्नी के प्रति जिम्मेदारी निभाते पत्नी के नाम दस लाख और प्राप्त जानकारी अनुसार तीन बच्चे हैं तो उनके एक एक के नाम दस दस लाख फिक्स कर परिवार के जीविका की स्थाई व्यवस्था माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा दी जानी चाहिए।तभी मृतक देवेंद्र की जिम्मेदारियां पूर्ण होगी।परिवार को देवेंद्र की कमी तो जीवन भर रहेगी किंतु छह लोगों की जिम्मेदारी पर मात्र 4 लाख रुपए देने की घोषणा अत्यंत दुखदायी है।
मृतक की पत्नी को स्थाई शासकीय नौकरी ताकि जीवन भर अपने परिवार की रोजमर्रा की जिम्मेदारियों को पूरा किया जा सके।तथा 50 लाख पांच भागों में विभक्त कर सरकार को फिक्स कर देना चाहिए ताकि अपनी जरूरतों के लिए परिवार के किसी सदस्य को किसी के ऊपर आश्रित होने की जरूरत ना पड़े।तथा बच्चे जब बालिग हों तो उनके नाम जमा राशि से वो भविष्य की तैयारी कर सके तब तक उक्त रकम के ब्याज से परिवार के खर्चें चलाए जा सके। सतीश पारख ने कहा की एक मुश्त राशि मिलने से यह आवश्यक नहीं की नन्हे नन्हे बच्चे जब बड़े हों तो वह राशि उनके लिए बचे।इसलिए सरकार को चाहिए की 50 लाख का मुआवजा निर्धारित कर माता पिता,पत्नी और तीन बच्चों के नाम कुल पांच भागों में विभक्त कर राशि जमा कर दें ताकि परिवार की जीवन भर की व्यवस्था बनाई जा सके।
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