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- ■बोरे बासी दिवस पर विशेष : डॉ. नीलकंठ देवांगन [ शिवधाम कोड़िया, जिला-दुर्ग,छत्तीसगढ़ ]
■बोरे बासी दिवस पर विशेष : डॉ. नीलकंठ देवांगन [ शिवधाम कोड़िया, जिला-दुर्ग,छत्तीसगढ़ ]
♀ सेहत बार गुनकारी-छत्तीसगढ़ के बोरे बासी
छत्तीसगढ़ के बासी मं
अब्बड़ होथे पोषक तत्व
आवव खावन बोरे बासी
पावन बड़ जीवन सत्व
छत्तीसगढ़ के बोरे बासी
एक पौष्टिक व्यंजन हे
प्रोटीन पोटेशियम केल्सियम
खनिज विटामिन्स आइरन हे
चांवल ले जादा केलोरी
लवन जिंक अउ पानी हे
ऊर्जा के श्रोत हे भारी
खाये मं सुग्घर जिनगानी हे
कई रोग बीमारी ले बचाथे
रखथे तन मन ल स्वस्थ
होंठ नइ फटय कब्ज दूर
बढ़थे चेहरा त्वचा के चमक
मांस पेशी ल मिलथे पोषन
मुंह मं छाला नइ होन दय
मूत्र मारग के बीमारी ले बचाथे
पथरी बिलकुल नई होन दय
रखथे शरीर ल भला चंगा
मिलथे पूरा मांड़ अउ पानी
मोटापा चरबी ले बचाथे
नइये एखर ले कोनो सानी
धान के कटोरा छत्तीसगढ़
इहां के प्रिय भोजन भात बासी
सबले सस्ता सुलभ सरल
हमर छत्तीसगढ़ के बोरे बासी
छत्तीसगढ़ मं खान पान के
खूब बढ़िया खास परम्परा हे
तीज तिहार मं आनी बानी व्यंजन
हमर विरासत संस्कृति के हिस्सा हे
दिन बूड़े के बाद रात मं
बासी नइ खाना चाही
जादा जाड़ अउ बरसा मं बासी नइ खाना चाही
दमा अस्थमा के मरीज
बासी के सेवन झन करंय
सरदी जुकाम नान्हें लइका ल
बासी खाय बर झन दंय
माटी के करिया हांडी मं
बासी बनाना रखना बेहतर हे
प्लास्टिक एल्युमिनियम मेटल के बरतन मं बासी रखना हानिकर हे
चांउर पिसान मं बासी मिलाके
फरा अंगाकर रोटी बना सकथें
माली ढकनी मं मोटा कागज बासी मं
चिपका के बाजा बना बजा सकथें
कापी किताब कागज चिपकाय मं
एखर उपयोग कर सकथें
पतंग के धागा मं बासी मसल के
धागा ल कड़ा मजबूत कर सकथें
एक मई मजदूर दिवस हे ये दिन बोरे बासी दिवस मनावन
किसान मजदूर के मेहनत ल
मान देवत उंखर गौरव ल बढ़ावन
चटनी अथान संग बोरे बासी खाके
अपन पेट कोठी ल जुड़ावन
सिलपट चटनी कढ़ी भाजी संग
नून डारके बोरे बासी ल खावन
इहां बोरे बासी ले मतलब
दूषित भोजन से नइहे
बोरे बासी के मतलब
सेहत बर फायदामंद भोजन से हे
■कवि संपर्क-
■84355 52828
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