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■ब्रह्माकुमारीज़ : माउंट आबू[राजस्थान]
♀ विश्व नर्सिंग दिवस
♀ दुसरों की जिंदगी बचाने के लिए ही है नर्सेस का जीवन
♀ ब्रह्माकुमारीज़ संगठन की सयुंक्त मुख्य प्रसाशिका डॉ. निर्मला ने कहा- ‘नर्सेस का जीवन दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए ही है’
■माउंट आबू-
ब्रह्माकुमारीज संगठन की संयुक्त मुख्य प्रसाशिका डां. निर्मला ने कहा कि नर्सेस का जीवन दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए ही है। सेवा से पुण्य प्राप्त होने के साथ आंतरिक खुशी मिलती है, भविष्य की मंजिलों को तय करने के लिए सुखद रास्ता मिलता है। यह बात उन्होंने गुरूवार को ग्लोबल अस्पताल में विश्व नर्सिंग दिवस पर नर्सिंग व्यवसाय संस्थापक फलोरेंस नाईटिंगल की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कही।
उन्होंने नाईटिंगल की जीवन पर प्रकास डालते हुए कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य पद्यति, स्वास्थ्य देखभाल, अस्पतालों की अभिकल्पना, आधुनिक नर्सिंग शिक्षा से सामाजिक स्वास्थ्य सुधार लाने में महत्वपूर्ण योगदान अदा करने का जज्बा रखकर नर्सिंग सेवा आरंभ करने वाली फ्लोरेस नाईटिंगेल के जीवन से उच्चकोटि की प्रेरणायें प्राप्त होती हैं। उन्होंने ग्लोबल अस्पताल की ओर से की जा रही सेवाओं को सराहनीय बताते हुए कहा कि यहां की सेवाएं मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही हैं।
उन्होंने कहाकि हर व्यक्ति को स्वास्थय के प्रति पूर्ण रूप से जागरूक रहना चाहिए। जीवनशैली को व्यवस्थित रूप से चलाया जाए तो मनुष्य कई बीमारियों पर स्वयं नियंत्रण कर स्वस्थ रह सकता है।
ग्लोबल अस्पताल के निदेशक डॉ. प्रताप मिढ्ढा ने नर्सिंग व्यवसाय को नए आयाम देने वाली फलोरेंस नाईटिंगल की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि १८५४ में क्रिमीया युद्घ के दौरान उन्होंने रात दिन जो सेवाएं दी उसके परिणाम स्वरूप वह दुनिया भर में लेडी विद लैंप के नाम से मशहूर हुई। इसी तरह कोरोना महामारी काल में नर्सिंग स्टाप पूरी निष्ठा से मरीजों की सेवा में जुटे रहे। स्वयं के स्वस्थ्य, सुविधाओं का ध्यन न रखते हुए ईमानदारी व पूरी लगन के साथ सेवा में संलग्र रहे। पूरे नर्सिंग स्टॉफ ने कोरोना संक्रमित मरीजों को समुचित उपचार देकर उनके चेहरों पर मुस्कान लौटाने में जो योगदान दिया वह सराहनीय कार्य था। जिससे मरीज संतुष्ट होकर घरों को लौटे।
ग्लोबल अस्पताल की मुख्य परिचारिका सुश्री रूपा उपाध्याय ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण माहामारी ने नसिंग स्टाफ को यह शिक्षा दी कि विषम परिस्थितियों में भी उन्हें मनोबल को कैसे मजबूत रखना बनाए रखना चाहिए। नर्सो को मरीजों के स्वस्थ्य के साथ अपने स्वस्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए। जिस केलिए क्लीटी प्रशिक्षण का विशेष महत्व हैं। शिक्षा प्राप्त करने की कोई आयु निर्धारित नहीं होती। जीवन भर शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। समय के अनुरूप एडवांस ऐजुकेशन को देखते हुए आनलाईन प्रशिक्षण का भी लाभ लेना चाहिए।
संस्थान के चिकित्सकीय प्रभाग सचिव डां. बनारसी लाल शाह ने कहाकि मेडिकल सेवन के साथ-साथ जीवन में मेडिटेशन का अत्याधिक महत्व है। मेडिटेशन के जरिए मन में समर्थ विचारों का प्रवाह होता है। जो पूरे शरीर में सूक्ष्म शक्ति का संचार करते हैं। रोगी को स्वास्थय लाभ प्राप्त करने के लिए प्राकृतिक सौन्दर्ययुक्त वातावरण के साथ ध्यान, योग करने की भी जरूरत है। मेडिटेशन प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के लिए मन को सक्षम बनाता है। इसलिए मन में सदैव सकारात्मक संकल्पों को ही स्थान देना चाहिए। जिससे मन में ऊर्जा बढ़ती है। कई व्याधियों पर नियंत्रण करना सुगम हो जाता है। इस अवसर पर लाईंस क्लाब अध्यक्ष अनिल बब्बर, पूर्व अध्यक्ष जिमी वाणिया आदि ने भी विचार व्यक्त किये।
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