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- ■छत्तीसगढ़ी गीत : डॉ. बलदाऊ राम साहू [दुर्ग]●
■छत्तीसगढ़ी गीत : डॉ. बलदाऊ राम साहू [दुर्ग]●
3 years ago
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♀ भुइया हमरे, पानी हमारे…
भुइया हमरे , पानी हमरे, हमरे हरे आकास रे
हमरे देह के गारे पछीना, मन सब बिस्वास रे।
धरम-जात, मंदिर मस्जिद के झगरा इन मताए हें
सबके हावय चोवा-च॔दन, अलगे-अलग लिबास रे।
सुवारथ खातिर अलगे-अलग झंडा इन ऊँचाए हें
कतको कही ले लागे नहीं, मोटहा इनकर मास रे।
निच्चट सिधवा बन के आथे, वोट हमर इन माँगे बर
झन करौ बिस्वास इनकर, पक्का हावय बदमास रे।
झगरा-झंझट, मार-पीट के इन मन हर टकराहा हें
भाई-भतीजा, कका-बड़ा मन इनकर हावय खास रे।
धीरज धर के देखव सब ल देर हावय अंधेर नहीं
एक न एक दिन होही इनकर पक्का सत्यानास रे।
■कवि संपर्क-
■94076 50458
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