- Home
- Chhattisgarh
- ■छत्तीसगढ़ : ‘हसदेव अरण्य’ आंदोलन को लेकर भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- मुख्यमंत्री 5 मिनट बिना ऑक्सीजन के रहो तो समझ में आ जायेगा.
■छत्तीसगढ़ : ‘हसदेव अरण्य’ आंदोलन को लेकर भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- मुख्यमंत्री 5 मिनट बिना ऑक्सीजन के रहो तो समझ में आ जायेगा.
अम्बिकापुर-
भाजपा का एक प्रतिनिधि मंडल बृजमोहन अग्रवाल जी के नेतृत्व में, हसदेव अरण्य क्षेत्र में प्रभावितों से मिलने पहुंचा वहां विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर वृक्षारोपण कर प्रभावितों को समर्थन दिया व जल, जंगल और आदिवासी संस्कृति को बचाने का संकल्प लिया।
बीजेपी ने तय किया है कि छत्तीसगढ़ के हित में, देश के पर्यावरण के हित में और आदिवासियों की संस्कृति बचाने के लिए नदी नालों के उद्गम स्थल, हसदेव बांध केचमेंट एरिया को बचाने के लिए, छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी पेड़ों की कटाई, कोयले की खुदाई का विरोध करेगी और क्षेत्र की जनता के साथ खड़ी रहेगी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार रिजर्व फॉरेस्ट के 1 किलोमीटर क्षेत्र में इस प्रकार की गतिविधियां नहीं हो सकती।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान, एक रात बिना बिजली के रह लो तो समझ में आ जाएगा पर कटाक्ष करते हुए बृजमोहन बोले कि, मुख्यमंत्री जी 5 मिनट बिना आक्सीजन के रहो तो समझ में आ जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी की पहली प्राथमिकता है कि हमारे वनवासियों की, आदिवासियों की संस्कृति बचना चाहिए, हमारे जंगल बचना चाहिए, हमारा पानी बचना चाहिए और यह सब बचेगा तो हम सब बचेंगे।
एक बार फिर छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर स्थित परसा कोल माइंस के लिए हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई का विरोध एक बड़ा जन आंदोलन का रूप ले लिया है, बृजमोहन अग्रवाल हसदेव क्षेत्र के जंगलों के काटे जाने के विरोध में सीधे मैदान में उतर गये हैं। हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई के विरोध में उतरे ग्रामीणों के साथ सीधे तौर पर, जंगलों को कटने से बचाने हेतु बृजमोहन ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे और जंगल काटने का विरोध किए।
विश्व के बाकी देशों में ओपन कास्ट माइंस के बजाय अंडरग्राउंड माइन्स के जरिए कोयले निकाले जाते हैं यदि इस क्षेत्र में ही कोयला निकालना है तो सरकार को अंडरग्राउंड माइन्स के जरिए कोयले निकालने चाहिए।
भूपेश सरकार जंगलों के विनाश के लिए, हसदेव अरण्य क्षेत्र को, नो कोर एरिया को खदान खोलने के लिए राजस्थान सरकार को दे दिया गया, छत्तीसगढ़ में और भी ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जहां जंगल को बचा के, नदियों को मुहाने को बचा के, नालों को बचा के खदानें दी जा सकती हैं, इसलिए भारतीय जनता पार्टी, जंगल काटने के विरोध में, खदान खोदने के विरोध में, यहां के आदिवासी-वनवासी, जो आंदोलन कर रहे हैं उनके साथ भारतीय जनता पार्टी है।
सरगुजा प्रवास के दौरान बृजमोहन ने कहा कि, पेड़ों की कटाई और कोयले की खुदाई की परमिशन को छत्तीसगढ़ सरकार चाहे तो रोक सकती थी और अभी भी छत्तीसगढ़ सरकार चाहे तो जंगल की कटाई को रोक सकती है, इसमें छत्तीसगढ़ का लगभग 55000 मिलियन टन कोयले का भंडार है अभी तक सिर्फ 5000 मिलियन टन का परमिशन मिला है, छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी की प्रतिनिधिमंडल के साथ इसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है। यह क्षेत्र, एलीफेंट हैबिटेट एरिया है, हसदेव का जंगल बागों बांध का जल ग्रहण क्षेत्र है जिसमें 500000 हेक्टेयर कृषि की सिंचाई का प्रावधान है इस बांध से 12000 मेगावाट के बिजली संयंत्रों को पानी मिलता है, जंगल की कटाई से हसदेव बांगो बांध का कैचमेंट एरिया प्रभावित होने से, पीने के पानी, सिंचाई के साधन खत्म हो जाएंगे
बड़े भाई को उपकृत करने के लिए छोटे भाई, छत्तीसगढ़ की जल, जंगल और आदिवासियों की संस्कृति को दांव पर लगा रहे हैं।
जैव विविधता से परिपूर्ण हसदेव अरण्य क्षेत्र, सघन क्षेत्र नहीं है हाथियों रहवास और आवाजाही क्षेत्र है, जंगल कट जाने से हसदेव बांगो बांध के कैचमेंट एरिया की आपूर्ति नहीं की जा सकती।
बृजमोहन अग्रवाल व प्रतिनिधिमंडल ने वनवासियों को बुलाकर उनके दुख दर्द को सुना
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के सभी आदिवासी नेताओं के साथ राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम जी, पुर्व मंत्री केदार कश्यप जी, पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा जी, पूर्व सांसद कमलभान जी, अनुसूचित जनजाति के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम जी, अनुराग सिंह देव जी बाबूलाल जी, भाजपा जिला अध्यक्ष लल्लन प्रताप सिंह, ओबीसी मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सोनी, वरिष्ठ नेता मेजर अनिल सिंह जी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भारत सिंह सिसोदिया जी, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज, जिला महामंत्री अभिमन्यु गुप्ता एवं देवनाथ पैकरा, अंबिकापुर मंडल अध्यक्ष मधुसूदन शुक्ला, जिला संवाद प्रमुख संतोष दास तथा सह संवाद प्रमुख रूपेश दुबे सहित क्षेत्र के सैकड़ों जनप्रतिनिधिगण व विरोध में उतरे ग्रामीण उपस्थित थे।
[ ●राजन कुमार सोनी,छत्तीसगढ़ हेड ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ ]
■■■ ■■■