• Chhattisgarh
  • ■बर्बरता की गला काट होड़. ■आलेख : बादल सरोज

■बर्बरता की गला काट होड़. ■आलेख : बादल सरोज

3 years ago
103

राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी कन्हैयालाल की दो उन्मादियों द्वारा अत्यंत बर्बरता के साथ की गयी हत्या ने पूरे देश को स्तब्ध और विचलित कर दिया है। दोनों हत्यारे कपड़े का नाप देने के बहाने कन्हैयालाल टेलर की दूकान में घुसे, उसका गला काट दिया और खुद ही इस जघन्यता का वीडियो बनाकर खुद ही उसे इंटरनेट और सोशल मीडिया साइट्स पर वायरल भी कर दिया। दोनों हत्यारे रियाज़ और मोहम्मद युवा हैं, पुलिस ने इन्हे राजसमंद जिले के भीम कस्बे से गिरफ्तार कर लिया है। हत्यारों ने दावा किया है कि उन्होंने यह निर्ममता कथित रूप से कन्हैयालाल द्वारा भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में किये गए ट्वीट का “बदला लेने” के नाम पर की है। ज्यादातर राजनीतिक दलों सहित सभी समुदायों के हर फिक्रमंद भारतीय ने इसकी निंदा और भर्त्सना की है – लेकिन यह एक ऐसा हादसा है, ऐसा काण्ड है, जिसकी सिर्फ निन्दा या भर्त्सना करने से इसमें अन्तर्निहित खतरे नहीं समझे जा सकते, इनसे बचने की राह नहीं बनाई जा सकती।

उन्मादी हत्यारों की यह उदयपुर करतूत पागलपन की उस ज्वाला की एक और बानगी है, जिसके पैट्रोल में हाल के कुछ वर्षों में भारत को भिगोया और डुबोया जा रहा है। धर्म के नाम पर भड़काया जा रहा यह पागलपन सामाजिक संबन्धों, मनुष्यता, सभ्य समाज के मूल्यों और सामान्य मानवीय व्यवहार सब कुछ निगलता जा रहा है। निस्संदेह इसकी निंदा, भर्त्सना और दोषियों को कानून सम्मत सबसे बड़ी सजा दिए जाने की जरूरत है। जरूरत इस बात की भी है कि इस तरह की वारदातों के बहाने प्रतिस्पर्धी उन्माद भड़काने की हर कोशिश के खिलाफ सजग रहा जाए, उसे कड़ाई से रोका जाए। मगर इसी के साथ जरूरत इस बात की भी है कि इस तरह के उन्मादी पागलपन के कारणों की तलाश की जाए। इस सांघातिक बीमारी के विषाणुओं की शिनाख्त की जाए और उन्हें संक्रामक होने से रोका जाए।

इस हत्याकाण्ड के बाद से कुछ “समझदार आवाजें” उठ रही हैं कि इस घटना को सिर्फ इस घटना के रूप में देखा जाये। इस ‘अब’ को किसी और ‘तब और जब’ के साथ नहीं जोड़ा जाए। इस तरह के आग्रहों के पीछे छुपी भावना की अनदेखी भी कर दें, तब भी उदयपुर को सिर्फ उदयपुर तक सीमित रखकर समझने की कोशिश कही नहीं पहुंचायेगी। पाशविकता के उभार को उसके पूरे विकास – इवोल्यूशन – के साथ ही समझना होगा। इसे रियाज और मोहम्मद या कन्हैयालाल या नूपुर शर्मा के बयानों तक सीमित रखकर भी नहीं समझा जा सकता। इसकी एक क्रोनोलॉजी है, इसकी उत्तरोत्तर विषाक्त होती जा रही संक्रामकता है, यह देश और समाज को जिस दिशा में ले जा रही है, उस फिसलन की अंतिम मंजिल की डरावनी भयानकता है। धर्म का उन्मादीकरण इस विषाणु का जन्मदाता है, तात्कालिक राजनीतिक बढ़त हासिल करने के लिए धर्म और राजनीति का अप्राकृतिक गठबंधन इस घातक विषाणु की जीवनीशक्ति है और संविधान में लिखे मूल्यों को भूल चुके, उन्हें एकदम उलटने के लिए आमादा देश के नेता बने बैठे लोग इसके संवाहक हैं। देश और समाज को मध्ययुग में ले जाने की अपनी दिवालिया वैचारिकता और अपनी विनाशकारी आर्थिक नीतियों से उपजे जनाक्रोश को भटकाने के लिए शासक वर्ग इन विषाणुओं का भरपूर उत्पादन करता है। इन्हें मिटाने, थामने, रोकने या बाँधने की बजाय इसका प्रचार-प्रसार करता है।

कन्हैयालाल टेलर इसी धर्मांधता से उपजी पाशविकता के शिकार हैं – मगर वे पहले शिकार नहीं है। इस तरह की यह पहली हत्या नहीं है। पिछले कुछ वर्षों से, आमतौर से पिछले तीन दशकों और खासतौर से 2014 के बाद से इस तरह की उन्मादी हत्याओं की झड़ी-सी लगी हुयी है। बहाना कुछ भी हो सकता है। दो गाय खरीद कर हरियाणा ले जा रहे अकरम खान को अलवर में गाय के नाम पर, पुलिस अधिकारी अय्यूब पण्डित को कश्मीर में फोटो खींचने के नाम पर, पुलिस अधिकारी सुबोध सिंह को बुलंदशहर अपनी ड्यूटी करने के जुर्म में, अख़लाक़ को दादरी में उसकी रसोई में पक रही तरकारी के नाम पर और जुनैद को हरियाणा में बिना किसी बात के सिर्फ जुनैद होने के कारण ही मारा जा सकता है। देश भर में गुवाहाटी, दुर्गापुर, पालघर तक, लगभग इसी तरह मारे जाने वालों की यह सूची बहुत ज्यादा लम्बी है। इन पंक्तियों में इसको समेट पाना और इस हिंसक हत्यारी प्रवृत्ति के सभी कारणों और आयामों के बारे में चर्चा करना संभव नहीं है। मगर इस पर चर्चा की जरूरत है – जो समाज इस तरह की बहसों से जी चुराता है, उसके हिस्से अंधेरा ही आता है।

जहां कल रियाज़ और मोहम्मद गिरफ्तार किये गए हैं, उसी राजसमंद में 2017 में ऐसा ही एक हृदयविदारक जघन्य काण्ड हुआ था। किसी शम्भूदयाल रैगर नाम के व्यक्ति ने बिना किसी दुश्मनी, बिना किसी जान पहचान और बिना किसी कारण के बंगाल से मजदूरी करने आये अफ़राजुल को गैंती से मार डाला था। शम्भू ने इसका वीडियो भी बनाया था और खुद ही उसे वायरल भी किया था। इस प्रकरण के सामाजिक विश्लेषण के बाद जो तथ्य आये थे, उनमे शंभू की बेरोजगारी से उपजी मनोदशा के अलावा एक प्रमुख कारण सोशल मीडिया पर चल रहे विषाक्त प्रचार से उसका प्रभावित होना था। झूठी और अक्सर रची गयी कहानियों को देखते-देखते वह इतना उन्मादी हो गया था कि उसकी सारी मानवीय संवेदनाएं ही समाप्त हो चुकी थी। ठीक है, शंभू दयाल रैगर तो विक्षिप्त था, मगर वे कौन थे, जो उसे नायक बना रहे थे, उसके सम्मान में रामनवमी पर उसकी झांकी निकाल रहे थे, उसके लिए लाखों रुपया इकट्ठा कर रहे थे, उसे लोकसभा चुनाव लड़वा रहे थे??

इन कारनामों से बने माहौल को समझे बिना बर्बरताओं के उभार को नहीं समझा जा सकता। गोडसे की पूजा इसी मनोवृत्ति को उकसाने का एक जरिया है, इसलिए गांधी हत्या के बाद सरदार पटेल ने 18 जुलाई, 1948 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जो चिट्ठी भेजी थी, वह प्रासंगिक हो जाती है। इसमें उन्होंने लिखा था कि “गांधी जी की हत्या का केस अभी कोर्ट में है, इसीलिए आरएसएस और हिंदू महासभा, इन दोनों संगठनों के शामिल होने पर मैं कुछ नहीं कहूंगा। लेकिन हमारी रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि जो हुआ, वो इन दोनों संगठनों की गतिविधियों का नतीजा है। खासतौर पर आरएसएस के किए का, जिससे देश में इस तरह का माहौल बनाया गया कि इस तरह की (गांधी की हत्या) भयानक घटना मुमकिन हो पाई। मेरे दिमाग में इस बात को लेकर कोई शक नहीं कि हिंदू महासभा का कट्टर धड़ा गांधी की हत्या की साजिश में शामिल था और आरएसएस की गतिविधियों के कारण भारत सरकार और इस देश के अस्तित्व पर सीधा-सीधा खतरा पैदा हुआ।”

रियाज हो या मोहम्मद, शम्भू दयाल हो या बुलंदशहर से दादरी होते हुए अलवर तक के हत्यारे – वे दोषी हैं ; मगर उतने ही, बल्कि उनसे ज्यादा बड़े अपराधी वे हैं, जो इन मानव बमों को तैयार करते हैं। वे इधर हों या उधर — उन्हें अलग-थलग किये बिना भारत को नहीं बचाया जा सकता। इसलिए उदयपुर पर स्तब्ध और विचलित होना काफी नहीं है — रियाज और मोहम्मद को सजा देने भर से यह प्रकोप नहीं थमेगा। इसे महामारी बनने से रोकना है, तो विषाणुओं और उनके पालनहारों, उनके डिस्ट्रीब्यूटर्स, सबकी शिनाख्त करनी होगी और बिना किसी रू-रियायत के उनकी सफाई करनी होगी।

■बादल सरोज
[लेखक अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव और ‘लोकजतन’ क संपादक हैं. संपर्क : 94250 06716]

●●●●● ●●●●●

विज्ञापन (Advertisement)

ब्रेकिंग न्यूज़

breaking Chhattisgarh

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे रायपुर सेंट्रल जेल, कवासी लखमा और देवेंद्र यादव से की मुलाकात…

breaking National

कर्तव्य पथ पर दिखेगी छत्तीगढ़ की जनजातीय परंपराओं और रामनामी समुदाय की झलक

breaking National

40 लाख किसान परिवारों को तोहफा, PM मोदी ने कहा- जूट की MSP बढ़ने से होगा लाभ

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को एक और झटका, सुकमा की प्राचीन गुफा में छिपा रखा था हथियारों का जखीरा, जवानों ने किया जब्त

breaking Chhattisgarh

पॉक्सो एक्ट: यौन उत्पीड़न को साबित करने शारीरिक चोट दिखाना जरूरी नहीं

breaking National

भव्य नहीं, साधारण और पारंपरिक होगी गौतम अदाणी के बेटे जीत की शादी, Adani Group के चेयरमैन ने ये कहा

breaking Chhattisgarh

रायपुर पहुंचे 14 नक्सलियों के शव… पोस्टमार्टम से पहले पोर्टेबल मशीन से होगा एक्स-रे, कहीं अंदर विस्फोटक तो नहीं

breaking Chhattisgarh

पंचायत-निकाय चुनावों के लिए BJP-कांग्रेस ने प्रत्याशियों के तय किए नाम! इस तारीख तक पार्टियां कर देंगी ऐलान

breaking Chhattisgarh

नक्सली मुठभेड़ में जवानों को बड़ी कामयाबी, मुख्यमंत्री साय ने की सराहना, कहा- छत्तीसगढ़ मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त होकर रहेगा

breaking National

लव जिहाद को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा का बड़ा बयानः बोले- हिंदू बेटियों को जागरूक होने की जरूरत, फ्रिजों में मिलते हैं लड़कियों के टुकड़े

breaking Chhattisgarh

चाइनीज मांझे से कटा बच्चे का गला, इलाज के दौरान मौत

breaking Chhattisgarh

महाकुंभ के लिए छत्तीसगढ़ से 8 स्पेशल ट्रेन : भक्तों की यात्रा आसान करने रेलवे ने लिया बड़ा फैसला, जानें स्पेशल ट्रेनों का शेड्यूल…

breaking international

TRUMP MEME Coin ने लॉन्च होते ही लगाई 300-500 फीसदी की छलांग, कुछ ही घंटों में निवेशकों को बनाया मालामाल, ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग $1 बिलियन तक पहुंचा

breaking Chhattisgarh

फरवरी में 27 लाख किसानों को धान का बोनस, रेडी टू ईट फिर महिलाओं के हाथ

breaking Chhattisgarh

3000 शिक्षकों की पुलिस से झड़प, प्रदर्शन के दौरान किया तितर-बितर, सस्पेंड होने को लेकर आक्रोश

breaking Chhattisgarh

विष्णु का सुशासन – पुलिस के साथ अन्य सरकारी भर्तियों में आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट से बढ़े युवाओं के अवसर

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में रोजगार के लिए अनुबंध, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा- हजारों छात्रों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, रोजगार के अवसर होंगे उत्पन्न

breaking Chhattisgarh

विष्णु सरकार का कड़ा एक्शन… एक ही दिन में 9 अफसरों को किया सस्पेंड, ठेकेदार पर भी होगा एक्शन

breaking Chhattisgarh

कैटरिंग दुकान में 6 सिलेंडरों में धमाका, इलाके में मची भगदड़, 10 लाख का सामान जलकर खाक

breaking Chhattisgarh

मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन कर छिपा देता था लेडिज टायलेट में… पुलिस ने सफाई वाले को पकड़ा

कविता

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : दुलाल समाद्दार

poetry

ग़ज़ल : विनय सागर जायसवाल [बरेली उत्तरप्रदेश]

poetry

कविता आसपास : महेश राठौर ‘मलय’

poetry

कविता आसपास : प्रदीप ताम्रकार

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : रियाज खान गौहर

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

poetry

रचना आसपास : पूनम पाठक ‘बदायूं’

poetry

ग़ज़ल आसपास : सुशील यादव

poetry

गाँधी जयंती पर विशेष : जन कवि कोदूराम ‘दलित’ के काव्य मा गाँधी बबा : आलेख, अरुण कुमार निगम

poetry

रचना आसपास : ओमवीर करन

poetry

कवि और कविता : डॉ. सतीश ‘बब्बा’

poetry

ग़ज़ल आसपास : नूरुस्सबाह खान ‘सबा’

poetry

स्मृति शेष : स्व. ओमप्रकाश शर्मा : काव्यात्मक दो विशेष कविता – गोविंद पाल और पल्लव चटर्जी

poetry

हरेली विशेष कविता : डॉ. दीक्षा चौबे

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : अनीता करडेकर

poetry

‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक व कवि प्रदीप भट्टाचार्य के हिंदी प्रगतिशील कविता ‘दम्भ’ का बांग्ला रूपांतर देश की लोकप्रिय बांग्ला पत्रिका ‘मध्यबलय’ के अंक-56 में प्रकाशित : हिंदी से बांग्ला अनुवाद कवि गोविंद पाल ने किया : ‘मध्यबलय’ के संपादक हैं बांग्ला-हिंदी के साहित्यकार दुलाल समाद्दार

poetry

कविता आसपास : पल्लव चटर्जी

कहानी

story

लघु कथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

सत्य घटना पर आधारित कहानी : ‘सब्जी वाली मंजू’ : ब्रजेश मल्लिक

story

लघुकथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

कहिनी : मया के बंधना – डॉ. दीक्षा चौबे

story

🤣 होली विशेष :प्रो.अश्विनी केशरवानी

story

चर्चित उपन्यासत्रयी उर्मिला शुक्ल ने रचा इतिहास…

story

रचना आसपास : उर्मिला शुक्ल

story

रचना आसपास : दीप्ति श्रीवास्तव

story

कहानी : संतोष झांझी

story

कहानी : ‘ पानी के लिए ‘ – उर्मिला शुक्ल

story

व्यंग्य : ‘ घूमता ब्रम्हांड ‘ – श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव [भिलाई छत्तीसगढ़]

story

दुर्गाप्रसाद पारकर की कविता संग्रह ‘ सिधवा झन समझव ‘ : समीक्षा – डॉ. सत्यभामा आडिल

story

लघुकथा : रौनक जमाल [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

लघुकथा : डॉ. दीक्षा चौबे [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

🌸 14 नवम्बर बाल दिवस पर विशेष : प्रभा के बालदिवस : प्रिया देवांगन ‘ प्रियू ‘

story

💞 कहानी : अंशुमन रॉय

story

■लघुकथा : ए सी श्रीवास्तव.

story

■लघुकथा : तारक नाथ चौधुरी.

story

■बाल कहानी : टीकेश्वर सिन्हा ‘गब्दीवाला’.

story

■होली आगमन पर दो लघु कथाएं : महेश राजा.

लेख

Article

तीन लघुकथा : रश्मि अमितेष पुरोहित

Article

व्यंग्य : देश की बदनामी चालू आहे ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

लघुकथा : डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय [केंद्रीय विद्यालय वेंकटगिरि, आंध्रप्रदेश]

Article

जोशीमठ की त्रासदी : राजेंद्र शर्मा

Article

18 दिसंबर को जयंती के अवसर पर गुरू घासीदास और सतनाम परम्परा

Article

जयंती : सतनाम पंथ के संस्थापक संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी

Article

व्यंग्य : नो हार, ओन्ली जीत ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

🟥 अब तेरा क्या होगा रे बुलडोजर ❗ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा.

Article

🟥 प्ररंपरा या कुटेव ❓ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा

Article

▪️ न्यायपालिका के अपशकुनी के साथी : वैसे ही चलना दूभर था अंधियारे में…इनने और घुमाव ला दिया गलियारे में – आलेख बादल सरोज.

Article

▪️ मशहूर शायर गीतकार साहिर लुधियानवी : ‘ जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी ‘ : वो सुबह कभी तो आएगी – गणेश कछवाहा.

Article

▪️ व्यंग्य : दीवाली के कूंचे से यूँ लक्ष्मी जी निकलीं ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

25 सितंबर पितृ मोक्ष अमावस्या के उपलक्ष्य में… पितृ श्राद्ध – श्राद्ध का प्रतीक

Article

🟢 आजादी के अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. अशोक आकाश.

Article

🟣 अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. बलदाऊ राम साहू [दुर्ग]

Article

🟣 समसामयिक चिंतन : डॉ. अरविंद प्रेमचंद जैन [भोपाल].

Article

⏩ 12 अगस्त- भोजली पर्व पर विशेष

Article

■पर्यावरण दिवस पर चिंतन : संजय मिश्रा [ शिवनाथ बचाओ आंदोलन के संयोजक एवं जनसुनवाई फाउंडेशन के छत्तीसगढ़ प्रमुख ]

Article

■पर्यावरण दिवस पर विशेष लघुकथा : महेश राजा.

Article

■व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा.

राजनीति न्यूज़

breaking Politics

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उदयपुर हत्याकांड को लेकर दिया बड़ा बयान

Politics

■छत्तीसगढ़ :

Politics

भारतीय जनता पार्टी,भिलाई-दुर्ग के वरिष्ठ कार्यकर्ता संजय जे.दानी,लल्लन मिश्रा, सुरेखा खटी,अमरजीत सिंह ‘चहल’,विजय शुक्ला, कुमुद द्विवेदी महेंद्र यादव,सूरज शर्मा,प्रभा साहू,संजय खर्चे,किशोर बहाड़े, प्रदीप बोबडे,पुरषोत्तम चौकसे,राहुल भोसले,रितेश सिंह,रश्मि अगतकर, सोनाली,भारती उइके,प्रीति अग्रवाल,सीमा कन्नौजे,तृप्ति कन्नौजे,महेश सिंह, राकेश शुक्ला, अशोक स्वाईन ओर नागेश्वर राव ‘बाबू’ ने सयुंक्त बयान में भिलाई के विधायक देवेन्द्र यादव से जवाब-तलब किया.

breaking Politics

भिलाई कांड, न्यायाधीश अवकाश पर, जाने कब होगी सुनवाई

Politics

धमतरी आसपास

Politics

स्मृति शेष- बाबू जी, मोतीलाल वोरा

Politics

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हलचल

breaking Politics

राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा- मर्यादित भाषा में रखें अपनी बात

Politics

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा पर केन्द्रित ‘ग्रामोदय’ पत्रिका और ‘बहुमत’ पत्रिका के 101वें अंक का किया विमोचन

Politics

मरवाही उपचुनाव

Politics

प्रमोद सिंह राजपूत कुम्हारी ब्लॉक के अध्यक्ष बने

Politics

ओवैसी की पार्टी ने बदला सीमांचल का समीकरण! 11 सीटों पर NDA आगे

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ग्वालियर में प्रेस वार्ता

breaking Politics

अमित और ऋचा जोगी का नामांकन खारिज होने पर बोले मंतूराम पवार- ‘जैसी करनी वैसी भरनी’

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल बिहार चुनाव के स्टार प्रचारक बिहार में कांग्रेस 70 सीटों में चुनाव लड़ रही है

breaking National Politics

सियासत- हाथरस सामूहिक दुष्कर्म

breaking Politics

हाथरस गैंगरेप के घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा, पढ़िए पूरी खबर

breaking Politics

पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना के बाद, पीसीसी चीफ ने जांच समिति का किया गठन