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- ■धरती हुई नम…आये पौधरोपण करें हम…अमिताभ भट्टाचार्य, स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर, भिलाई-दुर्ग.
■धरती हुई नम…आये पौधरोपण करें हम…अमिताभ भट्टाचार्य, स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर, भिलाई-दुर्ग.
धरती को बचाने के लिए पौध रोपण करना अनिवार्य है यह जानकारी ज्यादातर लोगो को है लेकिन कौन से पेड़ पर्यावरण के लिए उपयुक्त है इसकी जानकारी होनी चाहिए ! यही कारण है की जब भी वृक्षारोपण अभियान चलाये जाते है तो सही पौध की जानकारी व चयन होनी चाहिए ,किन्हे घर के बाहर खुले आसमान में ,सूर्य के प्रकाश में व किन्हे घर के अंदर या छाये में लगाना चाहिए ,जानकारी के आभाव में वृक्षारोपण तो हो जाता है परन्तु उदेश्य पूरा नहीं होता है इतना ही नहीं पेड़ लगाने का सही मौसम और तकनीक के बारे में भी सटीक जानकारी होनी चाहिए क्योकि इस पर ही पेड़ की सुदृढ़ता व जीवन निर्भर करता है व वृक्षारोपण का सही उदेश्य पूरा होता है
यह भी जरुरी है की जो भी पेड़ लगाने है उसकी जानकारी होनी चाहिए ,साथ ही किस मौसम में लगाना अनुकूल है व उसकी सिंचाई कब तक व कितनी करनी है ,खाद कब व कितना डालना है इत्यादि ,जिससे पेड़ की बाढ़ निर्भर करती है यह बहुत आवश्यक है
सबसे सही मौसम का चुनाव भी मायने रखता है जैसे वर्षा ऋतू में जमी में नमी के मौसम में पौधे जल्द पनपते है क्योकि वर्षा के पानी में उपयुक्त मिनरल्स होते है एवं जब तक ग्रीष्म ऋतू आती है तब तक पौध पेड़ बन अपने आप में सक्षम होने आ जाते है
इसके अलावा वसंत ऋतू में भी पेड़ लगाए जा सकते है ग्रीष्म ऋतू में पेड़ लगाने से हमे बचना चाहिए ,क्योकि इसमें पौध की नन्ही जड़े व पत्ते इत्यादि झुलस जाते है
मानसून के दौरान जुलाई ,अगस्त एवं सितंबर के माह में पौध रोपण करना सबसे अच्छा समय होता है ,पौधो की अधिकतर प्रजातिया इस समय बेहतर तरीके से पनपती व फूलती फलती एवं बढ़ती है जमीन अंदर नम हो जाती है बारिश के पानी के मिनरल्स व खनिज अपने आप में खाद का कार्य सुचारु रूप से कर पौध से पेड़ बनने में मददगार साबित होता है
पौध रोपण के समय यह भी जरूर ध्यान देना चाहिए की किये गए गड्ढे की चौड़ाई एवं गहराई पौध के जड़ो से अधिक होनी चाहिए ,जिससे जड़ो को धरती में फैलने के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए
तो आये इस मानसून ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करे व अपने आस पास को हरा भरा करने में जी जान लगा दे
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